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दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था भारत रत्‍‌न अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म

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अगस्त 2018 को उन्होंने दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस

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दिसंबर बताया गया है बेसिक शिक्षा विभाग की कक्षा छह की पुस्तक मंजरी में भाजपा के संस्थापक का जन्मदिन

विभाग की किताबों में बदल दी गयी भारतरत्‍‌न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की जन्म की तारीख

छठीं क्लास की किताब में पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन परिचय में 2 दिसंबर बताया है जन्मदिन

prakashmani.tripathi@inext.co.in

ALLAHABAD: पूर्व प्रधानमंत्री और देश-प्रदेश की सत्ता संभाल रही पार्टी भाजपा के जनक भारतरत्‍‌न अटल बिहारी बाजपेई का जन्मदिन भी बेसिक शिक्षा परिषद ने बदल दिया है। परिषद की किताब में उनका जन्मदिन 25 के स्थान पर दो दिसंबर बताया गया है। परिषदीय स्कूलों में छठीं के बच्चों को टीचर यही पढ़ा रहे हैं।

बाजपेई जी की एक कविता को किया गया है शामिल

बेसिक शिक्षा परिषद एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों के सेलेबस में इस बार कई अहम बदलाव किए गए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद की क्लास सिक्स की हिन्दी कि किताब मंजरी में भी बदलाव किया गया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्‍‌न अटल बिहारी बाजपेई की फेमस कविता 'आओ फिर से दिया जलाएं' को शामिल किया गया है। कविता के आखिर में कवि का जीवन परिचय दिया गया है। इसमें कविता के रचनाकार अटल बिहारी बाजपेई का जन्म 2 दिसंबर 1924 दर्शाया गया है।

पिछले महीने ही हुआ है निधन

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे भाजपा के संस्थापक अटल बिहारी बाजपेयी पिछले महीने की 16 तारीख को दिवंगत हुए थे। भाजपा उन्हें लेकर बेहर गंभीर है। इसी के चलते उनकी अस्थियों को प्रदेश की सभी पवित्र नदियों में विसर्जित किया गया। बड़े पैमाने पर प्रोग्राम आयोजित किये है। केन्द्र सरकार ने अपनी तमाम योजनाओं का नामकरण अटल जी के नाम पर किया है। पिछले साल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद ही बाजपेयी जी की कविता को बेसिक शिक्षा परिषद के सेलेबस में शामिल करने का फैसला लिया गया था। इसके बाद भी यह बड़ी चूक कैसे हो गयी? यह सवालों के घेरे में है।

प्रधानाचार्य ठीक कराएंगे गड़बड़ी

अटल के जन्मदिन को लेकर की गई गड़बड़ी की खबर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के दफ्तर में लिखी ही जा रही थी कि तभी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह की ओर से एक आदेश जारी कर दिया गया। इसमें सभी बीएसए को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिले में प्रधानाध्यापकों से पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन की तिथि को सही कराते हुए 2 दिसंबर के स्थान पर 25 दिसंबर अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित करें।

Posted By: Inextlive