150 वॉयल यानि तीन हजार डोज वापस मंगवाई गई।

33 सीएचसी-पीएचसी पर इन्हें सप्लाई किया गया था।

4 बार पल्स पोलियो अभियान एक साल में चलाया जाता है।

अगला अभियान नवंबर में प्रस्तावित है।

20 डोज होती हैं एक वॉयल में।

2600 वॉयल दूसरी कंपनी की वैक्सीन विभाग के पास हैं।

56 हजार डोज अगले तीन महीने के लिए पर्याप्त हैं।

गाजियाबाद की कंपनी की वैक्सीन में पोलियो का टाइप टू स्ट्रेन मिलने से खलबली

जिले में सभी सीएचसी, पीएचसी से वैक्सीन मंगवाने के निर्देश

शासन ने जारी की एडवाइजरी, कहा घबराएं नहीं, सुरक्षित है टीकाकरण

Meerut। सालों की मेहनत और देशभर में बड़े स्तर पर अभियान चलाने के बाद देश को पोलियो मुक्त घोषित किया गया है। पोलियो का वायरस दोबारा सक्रिय न हो इसके लिए भी लगातार हर साल नियमित और रेग्यूलर वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है, लेकिन हाल ही में गाजियाबाद की कंपनी बायोमेड्स के पोलियो वैक्सीन में टाइप टू स्ट्रेन मिलने के बाद शासन स्तर पर हडकंप मच गया है। यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत इस कंपनी की पोलियो वैक्सीन काफी मात्रा में जिले के प्राइमरी और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर्स पर सप्लाई की गई हैं। शासन के निर्देशों के बाद मेरठ में सप्लाई हुई करीब 150 वॉयल को विभाग ने वापस मंगवाकर सील कर दिया है.हालांकि वैक्सीन को लेकर शासन ने एडवाइजरी भी जारी की है जिसके मुताबिक पोलियो टीकाकरण सेफ है और बच्चों को खतरा नही हैं।

खतरनाक नहीं है वैक्सीन वायरस

वैक्सीन में मिले वायरस के बारे में जिला इम्यूनिटी अधिकारी डॉ। विश्वास चौधरी ने बताया कि फार्मा कंपनी बायो मेड्स की बनाई ओपीवी में पोलियो का टाइप टू वायरस स्ट्रेन मिला हैं। यह हानिकारक नहीं हैं। वाइल्ड वायरस से खतरा होता है। हालांकि हमने सभी वैक्सीन वापस मंगवा ली हैं। दूसरी कंपनियों की वैक्सीन बच्चों को दी जा रही है।

कम हो सकती है इम्यूनिटी

जिला इम्यूनिटी अधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद की कंपनी पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई हैं। दूसरी कंपनियों की वैक्सीन टीकाकरण के माध्यम से बच्चों को दी जा रही है। यह पूरी तरह से सेफ हैं। वहीं अगर किसी वजह से पैरेंट्स बच्चों में पोलियो का टीका नहीं लगवाते हैं तो उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। जिसके बाद खतरा हो सकता है।

Posted By: Inextlive