- मेडिकल कॉलेज में भर्ती नवजात को ले जाने की बात पर बढ़ी तकरार

- जूनियर डॉक्टर्स ने सीएमओ डॉ। सचिन के नेतृत्व में की हड़ताल

- डॉक्टर्स ने ओपीडी और पर्चा काउंटर कराया बंद, मरीज परेशान

- पुलिस ने भी डॉक्टर्स की तहरीर पर बिना जांच तीन को जेल भेजा

Meerut: एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज से हर साल जनता की सेवा करने की दीक्षा लेकर डॉक्टर्स निकलते हैं। जिन्हें लोग भगवान कहते हैं। अगर यही लोग भगवान बनने से पहले अपना रास्ता गलत पकड़ लें तो, इन्हें भगवान कौन कहेगा? न वाणी पर संयम है और ना ही हाथों पर। मेडिकल कॉलेज में आए दिन डॉक्टर्स का ऐसा ही रूप देखने को मिल रहा है। परेशान तीमारदारों को ठीक से समझाने के बजाय डॉक्टर्स उनके साथ मारपीट और गाली गलौच पर उतर आते हैं। सोमवार को भी एक मासूम बच्चे को जब उसके परिजन लेने आए तो बात मारपीट तक बढ़ गई। पुलिस ने भी बिना जांच पड़ताल के तीन लोगों को जेल भेज दिया, जबकि डॉक्टर्स ने भी उन्हें पीटा था।

यह है मामला

काजीपुर के रहने वाले सुमित पुत्र सुमेर सिंह की पत्नी करुणा को डिलीवरी के लिए क् जून को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। जहां करुणा की डिलीवरी सात महीने में ही हो गई। उसने दो बच्चों को जन्म दिया। यह डिलीवरी प्रीमेच्योर होने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चे को नर्सरी में रखा गया। ब् जून को करुणा को भी मेडिकल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन बच्चे को कमजोर होने के कारण नर्सरी में ही रखा गया।

लेने गए थे बच्चा

सोमवार को सुमित अपने बड़े भाई अनिल कुमार व भोपाल, मां चमेली और बहनोई परमजीत के साथ बच्चे को देखने मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां इन्होंने जब अपने बच्चे के बारे में जानकारी मांगी तो डॉक्टर्स ने बच्चे को पीलिया बताया। साथ में उसका खून पूरा खराब होने की बात कही। डॉक्टर ने बच्चे के बचने की उम्मीद से हाथ पीछे खींच लिए। इस पर बच्चे के पिता व रिश्तेदारों ने बच्चे को वहां से दूसरी जगह ले जाने को कहा। डॉक्टर्स ने बच्चे को वेंटीलेटर से हटाने पर उसकी जान को खतरा बताया। लेकिन परिजनों बच्चे को ले जाने की जिद्द पकड़ ली।

डॉक्टर्स और तीमारदारों में मारपीट

डॉक्टर्स से इन लोगों की जैसे ही हॉट-टॉक हुई, वार्ड में दूसरे जूनियर्स डॉक्टर और कर्मचारी पहुंच गए। इस दौरान मौजूद डॉ। कपिल व डॉ। सुधीर के साथ इन लोगों की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। फिर तो जूनियर डॉक्टर्स और कर्मचारियों ने बच्चे के इन सभी तीमारदारों को दौड़ा लिया। वार्ड में मारपीट के दौरान भगदड़ मच गई। इस दौरान सुमित व उसके रिश्तेदारों में जो भी हाथ आया उसी को डॉक्टर्स ने जमकर पीटा। थाने की हवालात में बंद सुमित का कहना है कि डॉक्टर्स उसको कंप्यूटर वाले कमरे में ले गए थे और उसको बुरी तरह पीटा। उसके बड़े भाई भोपाल को तो खूनम-खून कर दिया।

मारपीट के बाद हड़ताल

मेडिकल कॉलेज परिसर में ही सुमित व उसके रिश्तेदारों को बुरी तरह गिरा-गिराकर पीटा गया। जहां सुमित की मां चमेली अपने बच्चों को पिटता देख बेहोश हो गई। एक तरफ तो इन लोगों की पिटाई हुई और डॉक्टर्स ने इन सभी को गिरफ्तारी व कार्रवाई के लिए हड़ताल कर दी। सीएमओ (कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर) डॉ। सचिन ने जूनियर डॉक्टर्स का नेतृत्व किया। साथ ही उनके साथ मिलकर पहले हड़ताल करवाई और मेडिकल में पर्चा ओपीडी बंद करवा दी। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अपनी मांगों को लेकर प्रिंसिपल डॉ। केके गुप्ता का घेराव किया। साथ ही डॉक्टर्स द्वारा आरोपी बनाए गए बच्चे के सभी परिजनों के खिलाफ तहरीर दी।

वाह रे पुलिस

डॉक्टर्स ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर कामकाज ठप कर दिया। कर्मचारियों को भी पर्चा काउंटर से अलग कर उसका शटर डाउन कर दिया गया। वहीं पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें डाली और तीन को गिरफ्तार कर लिया। इनमें चौथे को पुलिस ने इसलिए नहीं पकड़ा क्योंकि डॉक्टर्स की पिटाई के चलते उसकी हालत काफी खराब थी। पुलिस ने भी बिना जांच-पड़ताल के तीन आरोपियों बच्चे के पिता सुमित, इसके भाई अनिल व बहनोई को जेल भेज दिया।

वर्जन

गलती तो कहीं ना कहीं दोनों ओर से होती है। अगर हम चाहें तो अपनी बोली से सामने वाले को समझा सकते हैं। लेकिन क्या करें यहां तो मरीज भी ऐसे आते हैं जो लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। फिलहाल इस मामले में डॉक्टर्स ने अपनी मांग रखते हुए हड़ताल की थी। जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चौथे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।

- डॉ। केके गुप्ता, प्रिंसिपल एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज

जो हुआ बहुत गलत हुआ। हम सभी को अपने काम में संयमता बरतनी चाहिए। कर्मचारी, डॉक्टर और मरीज को एक सद्भावना के साथ काम करना चाहिए। आए दिन यहां डॉक्टर्स व तीमारदार के बीच मारपीट होती है। कहीं ना कहीं दिक्कत तो दोनों ओर से होती है। तभी जाकर बात इतनी बढ़ती है। डॉक्टर को अपने पेशे के अनुसार संयमता बरतनी चाहिए।

- विपिन त्यागी, लीडर, कर्मचारी एसोसिएशन

डॉक्टर्स से मारपीट मामले में मुकदमा दर्ज करके तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है। चौथे आरोपी को पकड़ने के लिए दबिशें दी जा रही हैं। - रणवीर यादव, एसओ मेडिकल थाना

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यहां अक्सर होती हैं घटनाएं

ब् जून ख्0क्भ् : मेडिकल कॉलेज में गेट को बंद करने को लेकर एमबीबीएस के स्टूडेंट्स और कर्मचारियों में टकराव।

ख्क् अप्रैल ख्0क्भ् : मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स की निरंकुशता सामने आई। जूनियर डॉक्टर्स ने एक मरीज और उसके तीमारदार को बुरी तरह पीटा।

ख्क् अक्टूबर ख्0क्ब् : मेडिकल कालेज में प्रसूति विभाग में एक महिला के साथ दुर्घटना होने पर डॉक्टर्स व मरीज के तीमारदार आमने सामने आ गए थे, जिसमें प्रिंसिपल ने इस्तीफा तक लिख दिया था।

ख्क् सितंबर ख्0क्ब् : रात में ड्यूटी कर रहे एक गार्ड ने गायनिक वार्ड के पास सो रही एक लड़की से छेड़छाड़ की।

म् मई ख्0क्ब् : मेडिकल कॉलेज में फेल स्टूडेंट्स ने ईएनटी विभागाध्यक्ष को पीट दिया।

9 मार्च ख्0क्ब् : मेडिकल में सीनियर डॉक्टर ने जूनियर महिला डॉक्टर को पीटा।

क्ब् फरवरी ख्0क्ब् : डॉक्टर्स ने तीमारदारों, पुलिस व मीडिया से जुड़े लोगों को जमकर पीटा।

फ्0 दिसंबर ख्0क्फ् : मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स की न्यू ईयर पार्टी में फायरिंग हुई।

Posted By: Inextlive