- हाईकोर्ट के आदेश के बाद खत्म की डॉक्टर्स ने हड़ताल

- सुबह आईएमए तो शाम को जूनियर डॉक्टर्स लौटे काम पर

- मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में पसरा था सन्नाटा

AGRA। पिछले पांच दिनों से चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल थर्सडे को समाप्त हो गई। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आईएमए और जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। प्राइवेट डॉक्टर्स भी अपने क्लीनिक और नर्सिंग होम्स पर बैठने लगे।

हाईकोर्ट ने दिए आदेश

हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स की हड़ताल के मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए सूबे की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। साथ ही कानपुर के एसएसपी यशस्वी यादव पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताते हुए विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने डीजीपी की निगरानी में इरफान सोलंकी पर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं।

होईकोर्ट को ही करना पड़ा हस्तक्षेप

इस पूरे मामले में सपा सरकार की कार्यप्रणाली घेरे में आ रही थी। सपा सरकार ने डॉक्टरों पर एस्मा भी लगा दिया था। इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से यह बात भी साफ हो जाती है कि सरकार द्वारा की जा रही देरी से मरीजों को नुकसान हो रहा था। जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए।

शाम तक तय नहीं हो पाया था कुछ

थर्सडे को पूरा दिन मेडिकल कालेज में ऊहा-पोह की स्थिति बनी रही। जैसे ही कानपुर से मेडिकल स्टूडेंट्स के बेल पर छूटने की खबर आई, सभी खुश हो गए। उसके तुरंत बाद एक मीटिंग बुलाई गई। जिसमें तय किया गया कि जब तक यूपी रेसीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से कोई आदेश नहीं आते हैं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

आईएमए ने पहले खत्म की हड़ताल

जूनियर डाक्टर्स के समर्थन में हड़ताल पर चल रही आईएमए ने भी एक मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में हाईकोर्ट के आदेशों को मानने की बात हुई और हड़ताल खत्म करने की बात कही गई। डाक्टर्स ने तय किया कि वे अपनी हड़ताल खत्म कर देंगे और मरीजों को फिर से देखना शुरू कर देंगे। साथ ही डाक्टर्स ने कहा कि हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह का जो वक्त मांगा है, उसमें अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो डाक्टर्स दोबारा से स्ट्राइक पर चले जाएंगे।

शाम को जूडा ने खत्म की हड़ताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल कालेज के जूडा ने भी अपनी हड़ताल खत्म कर दी। शाम भ्.फ्0 बजे से सभी डॉक्टर्स अपने काम पर वापस लौट गए। इमरजेंसी में सभी ने अपनी ड्यूटी संभाल ली। जूनियर डाक्टर्स का कहना था कि इस मामले में मरीज पहले ही काफी परेशान हो चुके हैं। अब वे मरीजों को ज्यादा परेशान नहीं करेंगे।

दिन में पूरी तरह खाली रही इमरजेंसी

थर्सडे को दिन में इमरजेंसी में बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था। किसी भी वार्ड में एक भी मरीज नहीं था। सभी बिस्तर खाली पड़े थे। नर्सेज अपने कमरों में बैठी थीं। डाक्टर्स ड्यूटी पर नहीं थे।

विभागों में नहीं थी हलचल

ऐसा ही कुछ हाल मेडिकल कॉलेज के विभागों का भी था। विभागों में भी मरीज नहीं दिख रहे थे। मेडिसिन और सर्जरी में इक्का-दुक्का मरीज थे। लेकिन बाकी विभाग खाली थे। मेडिकल कॉलेज की सड़क भी खाली थी।

ओपीडी में पहुंचे मरीज

पहले के मुकाबले थर्सडे को जरूर मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा देखा गया। थर्सडे को मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में लगभग ख्00 मरीज पहुंचे। जबकि वेडनेसडे को मरीजों की संख्या फ्0 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई थी।

'हमने हड़ताल जनहित में वापस ली है। हम मरीजों को और परेशान नहीं कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने हमसे जो समय मांगा है, हम वो समय देंगे। हाईकोर्ट के आश्वासन पर हम विश्वास कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि हाईकोर्ट की जांच में सत्य सामने आ ही जाएगा.'

- डॉ। संजीव वर्मा, सेक्रेटरी, आईएमए

'हम हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं करना चाहते हैं। हाईकोर्ट ने हमारी मांगों को पूरी तरह से तो नहीं पर कुछ तो माना ही है। हमारे साथी जेल से बाहर आ गए हैं। एसएसपी और विधायक के खिलाफ न्यायिक जांच करने के भी आदेश दे दिए हैं। हम अब इस जांच के निष्कर्ष का इंतजार करेंगे.'

- डॉ। भूपेंद्र चाहर, अध्यक्ष, जूडा

Posted By: Inextlive