- मेडिकल कॉलेज के दीक्षांत समारोह में डॉ। सिक्का ने झटके कई मेडल

- फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट आकाश ने भरी बड़ी उड़ान, मिले कई गोल्ड मेडल

- डॉक्टर ने भविष्य के भगवान बनकर लोगों की सेवा का लिया संकल्प

- वीसी, कमिश्नर और प्रो वीसी ने पास आउट स्टूडेंट्स को बांटी डिग्री

Meerut: मेडिकल कॉलेज में ख्भ् वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें पास आउट डॉक्टर्स और पढ़ाई में अव्वल रहने वाले स्टूडेंट्स को मेडल व सर्टिफिकेट दिए गए। पूरे दीक्षांत समारोह में कुछ ऐसे नाम रहे जो बार-बार मेडल पाने के लिए मंच पर आते रहे, जिनमें डॉ। नीना सिक्का के नाम के सिक्के बार-बार उछलते रहे। वहीं एक फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स का नाम भी बार-बार आया। जिसने पहली साल में ही मेडिकल कॉलेज में अपने झंडे गाड़ दिए। मां-बाप के सपनों को अभी से आकाश की ऊंचाइयों में पहुंचा दिया।

दीक्षांत की शुरूआत

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में बुधवार को तीन बजे दीक्षांत समारोह की शुरूआत की गई। जिसमें शोभायात्रा और सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कमिश्नर भूपेंद्र सिंह, सीसीएस यूनिवर्सिटी के वीसी विक्रम चंद गोयल और कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप भारती रहे। इस दीक्षांत समारोह में भ्ख् पीजी और 97 ग्रेजुएट पास आउट एमडी, एमएस, डिप्लोमा की डिग्री एवं बैचलर ऑफ मेडिसन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी में उपाधियां प्रदान की गईं। जिनमें ब्म् गोल्ड मेडल और क्म्म् प्रमाण पत्र व दो चल-वैजयंती प्रदान की गई।

कॉलेज की बताई विशेषता

कार्यक्रम में प्रिंसीपल डॉ। प्रदीप भारती ने स्वागत किया और वार्षिक रिपोर्ट पेश की। देते हुए कॉलेज की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला। जिसमें इन्होंने बताया कि यह दिन कॉलेज के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय के नाम पर यह कॉलेज स्थापित किया गया। जिसको क्9म्म् में तत्कालीन सीएम चंद्रभानु गुप्ता के द्वारा स्थापित किया गया था। इसलिए हर साल ख्8 जनवरी को ही दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाता है। अब तक म्म्ब्म् स्टूडेंट्स यहां से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं।

स्पेशलिटी और कमी

पास आउट म्म्ब्म् स्टूडेंट्स की लिस्ट में ख्8म्0 से अधिक स्टूडेंट्स पीजी और ख्ख् स्टूडेंट्स सुपर स्पेशिलिटी पाठ्यक्रम डीएम एंडोक्राइनोलॉजी की डिग्रियां प्राप्त कर चुके हैं। प्रिंसिपल ने कॉलेज के बाहर बस अड्डे के कारण दिक्कतें और दुकान खोलने पर आपत्तियां जताते हुए कहा कि कॉलेज में अनाधिकृत रूप से एंबूलेंस और बाहरी लोग खड़े रहते हैं। जो मरीजों को भ्रमित कर दूसरे नर्सिग होम में ले जाते हैं। जिससे कॉलेज की छवि धूमिल हो रही है। जिसके लिए पहले भी शिकायत की गई, लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ। इस कारण कॉलेज में चोरियां भी बढ़ गई हैं। इसके साथ ही पास आउट स्टूडेंट्स को डिग्रियां और मेडल डिस्ट्रीब्यूट किए गए।

भरे जाएंगे खाली पद

बताया गया कि कॉलेज में डॉक्टर्स के क्8ब् पद स्वीकृत हैं, जिसमें अभी भ्ख् पद खाली हैं। जिनके अभाव में कॉलेज व चिकित्सालय की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने में कठिनाई हो रही है। डॉ। प्रदीप भारती ने बताया कि उन्हें एमसीआई का सदस्य भी निर्वाचित किया गया और एमसीआई द्वारा इन्हें रजिस्ट्रेशन कमेटी का अध्यक्ष नामित किया गया। इनके अनुसार मेरठ के लिए लेविल-ख् ट्रॉमा सेंटर इंडियन गवर्नमेंट द्वारा स्वीकृत किए गए, जिसका लेविल-क् में परिवर्तन को प्रयास किए जा रहे हैं। प्रजेंट में ख्0 बेड के सामान्य वार्ड का निर्माण पूरा हो गया है। अब संस्था में एमबीबीएस की क्00 सीटों को बढ़ाकर क्भ्0 कर दिया गया है। जिसके लिए एमसीआई की टीम इंस्पेक्शन के लिए आई है।

यह भी होगी व्यवस्था

बताया गया कि कॉलेज में विभिन्न विभागों में चिकित्सा शिक्षकों के ख्ख् व सीनियर रेजीडेंट्स के फ्9 पद सृजित किए गए है। रोगियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए क्8फ् उपचारिकाओं के स्वीकृत किए गए, लेकिन वित्तीय स्वीकृति के अभाव में इन पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही। इसके साथ ही पीजी कोर्स की चालीस सीटों को बढ़ाने के लिए दस विभागों का एमसीआई द्वारा निरीक्षण किया गया है। आशा की जाती है कि सीटों में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। वहीं कॉलेज परिसर में मौजूद पोस्टमार्टम हाउस भी नवीन स्थल पर स्थानांतरित करा दिया गया है। जिससे मृतक के परिजनों एवं परिसर के डॉक्टर्स की समस्याएं खत्म हो गई हैं।

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डॉ। नीना का चला सिक्का

दीक्षांत समारोह के शुरू होते ही सबसे पहले पास आउट स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट वितरित किए गए। इसके बाद गोल्ड मेडल, सर्टिफिकेट्स व पुरस्कार वितरण प्रक्रिया शुरू की गई। जिसमें सबसे अधिक मेडल पाने वाली फाइनल एमबीबीएस प्रोफेशनल पार्ट-ख् में डॉ। नीना सिक्का को क्0 गोल्ड मेडल, एक चल वैजयन्ती और आठ प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। डॉ। नीना सिक्का अपने बैच में परीक्षा में फ‌र्स्ट रहीं। जिनको त्रिलोक जैन मेमोरियल गोल्ड मेडल एमबीबीएस के सभी विषयों में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने के लिए दिया गया। इसके साथ ही श्रीमति सौभाग्यवति देवी त्यागी गोल्ड मेडल, एसके गोयल मेमोरियल गोल्ड मेडल, डॉ। केपी निगम, चल वैजयन्ती गोल्ड मेडल 'जो कि सर्वश्रेष्ठ महिला स्टूडेंट्स को प्रदान किया जाता है' भी प्रदान किए गए।

आकाश की ऊंची उड़ान

सीजीएचएस कंकरखेड़ा में सीएमओ डॉ। अजय गोयल के बेटे आकाश गोयल ने पहली ही साल कॉलेज में झंडे गाड़ दिए। जिसको पांच गोल्ड मेडल चार प्रमाण पत्र व दो विशेष योग्यता प्रमाण पत्र दिए गए। आकाश के बारे में बताया गया कि क्9म्8 के बाद से आजतक फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री में किसी ने इतने नंबर नहीं पाए, जितने आकाश को परीक्षा में मिले। शायद ही इसका रिकार्ड कोई तोड़ पाएगा। परिजनों ने आकाश के इस कीर्तिमान को लेकर खुशी जाहिर की। आकाश के साथ ही इरम पाशा को भी एक गोल्ड मेडल व तीन प्रमाण पत्र दूसरे स्थान पर आने के चलते प्रदान किए गए।

ये भी रहे आगे

वहीं फाइनल एमबीबीएस प्रोफेशनल पार्ट-क् में डॉ। दिव्या सरीन को तीन गोल्ड मेडल व पांच प्रमाण पत्र लेकर फ‌र्स्ट नंबर पर रहीं। इसके साथ ही जबकि डॉ। अस्मा अनीस एक गोल्ड मेडल व पांच सर्टिफिकेट पाकर दूसरे नंबर पर रही। इसी प्रोफेशनल में डॉ। अंकित दूबे ने भी दो गोल्ड मेडल व एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया। एमबीबीएस सेकंड प्रोफेशनल में मनिका को पांच गोल्ड मेडल व चार प्रमाण पत्र, मॉली नन्दी को तीन गोल्ड मेडल व तीन प्रमाण पत्र और कोस्तुब गुप्ता को चार प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इनके साथ ही एक फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स आकाश ने सबसे अधिक गोल्ड मेडल व प्रमाण पत्रों पर कब्जा किया।

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Posted By: Inextlive