सुबह छह बजे से आईएमए के डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी थी। इमरजेंसी मरीजों को एडमिट किया ओपीडी के मरीज लगाते रहे गुहार...


bareilly@inext.co.inBAREILLY: कोलकाता में डॉक्टर्स पर हमले के विरोध में शहर के सभी निजी हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स ने मंडे को 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की थी. इसी के तहत मंडे सुबह छह बजे से डाक्टरों ने आईएमए के बाहर इकट्ठा होकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का पुतला फूंककर कार्रवाई की मांग की. साथ ही इस दौरान निजी हॉस्पिटल्स में ओपीडी में कोई भी मरीज एडमिट नहीं किया गया. जिससे मरीज भटकने को मजबूर हुए. इमरजेंसी में मरीज एडमिट किए गए. वहीं, कई मरीजों ने समान्य बीमारी को इमरजेंसी बताकर दवा ली.केस 1: कराह रहा था बेटा, नहीं मिली दवा


मुरादाबाद निवासी प्रेम कुमार अपने 10 वर्षीय बेटे को दवा दिलाने के लिए श्री सिद्धि विनायक हॉस्पिटल आया था. उनके बेटे के हाथ और पांव जले हुए थे. प्रेमकुमार का कहना था कि वह इतनी दूर से ओपीडी में दवा लेने के लिए आए हैं, लेकिन डॉक्टर्स मौजूद नहीं हैं. स्टाफ को समस्या बताई है, लेकिन वह एडमिट नहीं कर रहे हैं.केस 2 : दवा तो दूर एंट्री तक नहीं मिली

कानपुर से आई शौरा खान शहर के आईएमए हॉल में पोती को एलर्जी की दवा लेने के लिए पहुंची थी, लेकिन वहां गार्ड ने उन्हें एंट्री हीं नही दी. वह आईएमए के बाहर दोपहर तक बैठी रही कि शायद डॉक्टर हड़ताल खत्म कर दें, लेकिन डॉक्टर्स ने हड़ताल नहीं खत्म की. वह बिना दवा के ही वापस लौट गई.केस 3: हॉस्पिटल से बाहर बैठे रहे तीमारदारधलौरा निवासी कन्यावती सिद्धिविनायक हॉस्पिटल के बाहर बैठी थी. पूछने पर बताया कि डॉक्टर्स सुबह से मरीज को देखने के लिए नहंीं आए हैं. 4 दिन से हॉस्पिटल में बेटा एडमिट है. स्टॉफ से पूछा तो वह भी ठीक से जानकारी नहीं दे रहे हैं. दिन भर सिर्फ रुपए खर्च कराते रहे लेकिन डॉक्टर्स देखने के लिए नहीं आए.केस:4 न हीं खुले शटर, पसरा रहा सन्नाटाशहर के रामपुर गार्डन स्थित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश हॉस्पिटल में भी ओपीडी बंद रही. सुबह से दोपहर तक करीब 20 से अधिक मरीजों को बगैर दवा के ही वापस लौटना पड़ा. यही हाल रामपुर गार्डन स्थित डॉ. रवि खन्ना हॉस्पिटल का था. यहां स्ट्राइक का बोर्ड एंट्री गेट पर लगा हुआ था. ओपीडी में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा.इसलिए की हड़ताल

आईएमए के डॉक्टर्स का कहना है कि जब इलाज करने वाले डॉक्टर्स सुरक्षित नहीं हैं तो वह काम कैसे करेंगे. हाल ही में कोलकाता में हुए मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स पर हमले का विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग की. आईएमए उपाध्यक्ष डॉ. अनीता अजेय ने हड़ताल का नेतृत्व किया. शहर के सभी निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने आईएमए में पहुंचकर पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया.स्ट्राइक में यह भी रहे शामिलधर्मेन्द्र नाथ नाथ हॉस्पिटल, विमल भारद्वाज मेडिसिटी, डॉ. प्रमेन्द्र महेश्वरी गंगाचरण, अमीशा बेग बेग हॉस्पिटल, निकुंज गोयल केयर हॉस्पिटल. सुनील केके केके हॉसिपटल, सहित अन्य डॉक्टर्स मौजूद रहे. स्टाूफ भी मौजूद रहा.डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में उमड़ी भीड़शहर के निजी हॉस्पिटल की हड़ताल के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मरीजों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी. ओपीडी में जहां डेली 18 सौ रजिस्ट्रेशन होते थे अचानक भीड़ बढ़ने से यह संख्या 24 सौ के पार कर गई. दोपहर 12 तक मरीज धूप में अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे और लाइन लगाए रहे. यहां तक कि कुछ बुजुर्ग और महिलाएं तो अपने जमीन पर ही बैठ गए.डॉक्टर्स बोल सेफ्टी और इंसाफ चाहिएडॉक्टर हड़ताल नहीं करना चाहते हैं, लेकिन अगर हड़ताल नहीं करेंगे तो सरकार कुछ करेगी नहीं. जल्द से जल्द बंगाल के डॉक्टरों को इंसाफ मिले और ऐसी वारदात दोबारा न हो इसके लिए सरकार एक्ट बनाए.-डॉ. विमल भारद्वाज, मेडिसिटी हॉस्पिटल
सेफ्टी का हक सभी लोगों के पास होता तो है लेकिन डॉक्टर के पास ये हक क्यों नहीं? सरकार को जल्द ही कुछ करना पडे़गा वरना यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा. ऐसे महौल में डॉक्टर्स कैसे किसी का इलाज करेंगे.डॉ. अर्चना अग्रवाल, साई हॉस्पिटलजिन भी लोगो ने बंगाल में डॉक्टरों के साथ मार पीट की है, उनके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए, ताकि किसी की भी ऐसा दोबारा करने कि हिम्मत न हो ़ डॉक्टर 12 घंटों से भी ज्यादा काम करता है और देर रात अगर कोई मुसीबत आए तो उसके लिए भी जाना पड़ता हैं ़डॉ. अनीता अजेय, उपाध्यक्ष, आईएमए

Posted By: Radhika Lala