- बिजनेस बन रहे चिकित्सा पेशे को लेकर चिंतित हैं डॉक्टर्स

- डॉक्टर्स डे पर अपने अंतर्मन में झांकते हैं जनता के भगवान

- दुनिया में धरती पर दूसरा भगवान माना जाता है एक डॉक्टर

Meerut: हर साल डॉक्टर बीसी राय के जन्मदिन पर डॉक्टर्स-डे मनाया जाता है। डॉ। बीसी राय एक महान इंडियन चिकित्सक थे। जिन्होंने इस धरती पर दूसरे भगवान होने का भी फर्ज निभाया था। जिनके मन में सेवाभाव कूट-कूटकर भरा था। उन्होंने ने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया। इसके चलते डॉक्टर्स-डे पर इस महान डॉक्टर को याद किया जता है और उनकी तरह सेवाभाव के लिए प्रेरणा लेते हैं, लेकिन आज यह पेशा बिजनेस के रूप में सामने आ रहा है। जो डॉक्टर्स वर्ग में ंिचंता का विषय बना हुआ है। जिसमें कुछ बदलाव चाहते हैं।

यादों में महान चिकित्सक

डॉक्टर बीस राय (डॉ। बिधान चंद्र राय) का जन्म क्88ख् में बिहार के पटना में हुआ था। कोलकाता में इन्होंने अपनी डॉक्टरी की और आरसीपी व एफआरसीएस की उपाधि के लिए लंदन चले गए। इसके बाद क्9क्क् में उन्होंने इंडिया में डॉक्टर लाइफ की शुरुआत की। इसके बाद वे कोलकाता मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर बने। वहां से वे कैंपबेल मेडिकल स्कूल और फिर कारमिकेल मेडिकल कॉलेज गए। जहां उनकी ख्याति एक शिक्षक एवं चिकित्सक के रूप में ही नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी हुई। जो महात्मा गाँधी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल हुए थे।

उनको जनमानस से प्रेम था

डॉक्टर बीसी राय भारतीय जनमानस के लिए प्रेम और सामाजिक उत्थान की भावना को राजनीति में ले आई। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद डॉ। राय को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। उनके जन्म दिन पर उनकी यादों को ताजा किया जाता है और उनके जीवन पर चर्चा होती है। दूसरा भगवान कहलाने वाले डॉक्टर्स अपने अंतर्मन में झांकते हैं और उनकी तरह सेवाभाव को जाग्रत करते हैं। साथ ही बिजनेस बन रहे इस पेशे पर चिंता भी व्यक्त करते हैं।

भगवान और विश्वास

लोग इस धरती पर डॉक्टर को दूसरा भगवान मानते हैं। एक भगवान के प्रति लोगों में जिस तरह विश्वास होता है उसी तरह डॉक्टर के प्रति भी विश्वास होता है। डॉक्टर को दूसरा भगवान माना जाता है। लेकिन आजकल यह डॉक्टर पेशा चेंज होता जा रहा है। जो बिजनेस के रूप में सामने आ रहा है। कमाई की अंधी दौड़ में शामिल हो चुके डॉक्टर्स को भी अब अपने पेशे को लेकर चिंता सताने लगी है। इस पेशे में बढ़ती व्यवसायिकता से सीनियर डॉक्टर्स काफी आहत हैं। जिनको इस पेशे में बदलाव की कुछ उम्मीद है।

पथ से भटकाव

इस समय डॉक्टरी एक ऐसा पेशा है, जिस पर लोगों का विश्वास कायम है। इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी डॉक्टर्स पर है। डॉक्टर्स-डे डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह उन्हें अपने चिकित्सकीय प्रैक्टिस को पुनर्जीवित करने का अवसर देता है। सारे डॉक्टर जब अपने चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत करते हैं तो उनके मन में नैतिकता और जरूरतमंदों की मदद का जज्बा होता है, जिसकी वे कसम भी खाते हैं। इसके बाद कुछ लोग इस विचार से पथभ्रमित होकर अनैतिकता की राह पर चल पड़ते हैं।

अंतर्मन में झांके

डॉक्टर्स-डे के दिन डॉक्टरों को यह मौका मिलता है कि वे अपने अंतर्मन में झाँके, अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझें और इस पेशे को पैसा कमाने का पेशा न बनाकर मानवीय सेवा का पेशा बनाएँ, तभी यह डॉक्टर्स-डे मनाना सही साबित होगा। आजकल डॉक्टर्स इस पेशे में अपना भरोसा खोते जा रहे हैं। आज आसानी से उपलब्ध जानकारी और कई बार गलत जानकारी जो मीडिया, इंटरनेट आदि माध्यमों से से उपलब्ध है, इसके चलते डॉक्टर्स की सराहना कम और आलोचना ज्यादा होती है। ये सच है कि डॉक्टर पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है लेकिन लोगों को भी ये समझना होगा कि सफेद कोट और स्टेथोस्कोप के पीछे एक इंसान ही है। जो भगवान का फर्ज अदा करता है।

- डॉक्टर बीसी राय एक उत्कृष्ट चिकित्सक होने के साथ गहन राष्ट्रीय सोच व समाज से जुड़े हुए व्यक्ति थे। ऐसे व्यक्ति को याद करने के लिए देश में स्वास्थ्य सेवाओं का एक विश्लेषण जनहित में करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। सरकार द्वारा चिकित्सा का बुना गया तानाबाना काफी बड़ा है। जो एक बड़ी मात्रा में जनसमूह को केंद्रित करता है। स्वास्थ्य केंद्रों पर रखे गए उपकरण बदहाल अवस्था में हैं। जिनका प्रयोग सही नहीं हो पा रहा है। जिससे अच्छी खासी जनता को ईलाज मिल सकता है। इसलिए यह स्वास्थ्य तंत्र कुछ बदलाव चाहता है। ताकि लोगों के विश्वास पर डॉक्टर्स खरा उतर सकें। जनता को आधुनिक सुविधाएं सस्ते में मिल सकें। साथ ही जनमानस से जुड़ सकें। - डॉ। सुनील गुप्ता, सर्जन, मैनेजिंग डायरेक्टर केएमसी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल

- डॉक्टर्स डे पर सभी को बधाई है। साथ ही इस अवसर पर डॉक्टर्स को अपने अंतर्मन में झांकना चाहिए। उनको जनमानस के लिए अच्छे काम करने चाहिएं। देखा जाए तो आज देश में आधुनिकीकरण के दौर में जनसंख्या बढ़ने के कारण विकट स्थिति आ गई है। आधुनिकीकरण की दौड़ में शामिल आज की पीढ़ी में बांझपन या संतान हीनता की समस्या विकराल रूप ले रही है। कारण कुछ भी हो, चाहे वातावरण का प्रभाव, आज का रहन-सहन व खानपान, अपने पेशे के प्रति सजगता, देर से शादी होना। जिससे लोगों में कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जिसके लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है। साथ ही लोगों के लिए हम कुछ अलग करते हैं। ताकि जनमानस को कुछ फायदा मिल सके। - डॉ। अलका गर्ग, इंफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, एसएम हॉस्पिटल

- इस अवसर पर डॉक्टर्स को कुछ नया करने का निर्णय लेना चाहिए। जो जनमानस के लिए कुछ अच्छा साबित हो। पुराने दिनों में डॉक्टर्स फील्ड को छोड़कर हर फील्ड के लोग रुपए कमाने की अंधी दौड़ में शामिल होते थे, लेकिन डॉक्टरी पेशा इससे अछूता था। इसलिए डॉक्टरों को काफी सम्मान मिलता था। लेकिन आज स्थिति कुछ बदल गई है। डॉक्टर्स भी कमाई की अंधी दौड़ में भाग रहे हैं। मैं चाहता हूं कि डॉक्टर्स को अपना विश्वास हमेशा कायम रखना चाहिए। वह जनमानस के लिए कुछ करे। जिस तरह डॉ। बीसी राय ने देश के लिए काफी कुछ किया। इस पेशे से अलग दूसरे पेशे में कमाई को लेकर लोग दौड़ रहे हैं और वे अपने जीवन में इंफर्टीलिटी के शिकार हो रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। आगे भी करते रहेंगे। इस मौके पर कुछ नया करने का निर्णय भी लिया है। - डॉ। नवनीत गर्ग, लेप्रोस्कॉपिक एंड मेल इंफर्टीलिटी स्पेशलिस्ट एसएम हॉस्पिटल

- डॉक्टर होना सिर्फ एक काम नहीं है, बल्कि चुनौतीपूर्ण पेशा है। युवा डॉक्टर्स को डॉ। बिधान चंद्र राय की तरह जिम्मेदारी पूरी कर डॉक्टरी पेशे को बदनाम होने से बचाने के लिए पहल करनी होगी। यह दिन इस पर विचार करने के लिए है कि डॉक्टर का जीवन कितना महत्वपूर्ण हैं। डॉक्टर को अपने इस पेशे को ईमानदारी से करना सीखना होगा। डॉक्टर की एक छोटी-सी भूल भी रोगी की जान ले सकती है। इसलिए डॉक्टर को भी अपने पेशे के प्रति सचेत होकर काम करना होगा। ताकि जनमानस में एक विश्वास बना रहे। डॉक्टर्स के प्रति कोई गलत भावना पैदा ना हो। डॉक्टर्स को इस दिन डॉ। बीसी राय के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। ताकि जनता में उसकी पहुंच और विश्वास हमेशा कायम रहे। डॉक्टर अपने पेशे को बिजनेस ना बनाकर जनमानस की सेवाभाव करें। - डॉ। रुचि बतरा, डेंटिस्ट

Posted By: Inextlive