PATNA: गांगेय डॉल्फिन एक राष्ट्रीय जलीय जीव है और आज यह गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है। अवैध शिकार और इसके प्राकृतिक आवास का क्षय होना भी चिंताजनक है। इसके लिए जागरूकता और सरकारी स्तर पर सकारात्मक प्रयास की जरूरत है। उक्त बातें जूलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एवं वैज्ञानिक डॉ गोपाल प्रसाद ने मगध महिला कॉलेज के सेमिनार हॉल में गांगेय डॉल्फिन: हमारी धरोहर, विषय पर आयोजित सेमिनार के दौरान कहा। विज्ञान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रिंसिपल डॉ धर्मशिला प्रसाद ने ऐसे कार्यक्रम को बहुत ही ज्ञानव‌र्द्धक बताया। साथ ही प्रकृति और मानव के बीच सहअस्तित्व को बनाये रखने पर भी जोर दिया।

फरक्का बैराज ने नष्ट किया आवास

इस गेस्ट लेक्चर के दौरान मुख्य वक्ता डॉ गोपाल प्रसाद ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि फरक्का बैराज का बनना गांगेय डॉल्फिन के आवास के नष्ट होने का एक बड़ा कारण रहा है। पहले बराज के पास म्0 से 70 फीट पानी हुआ करता था, जो कि लगातार सिल्टेशन के बाद अब दियारा के रूप में तब्दील हो गया है। इसी स्थान से हिलसा मछली भी बहुतायत से मिलती थी। यहां पर वे अपने अंडे छोड़ जाती थी। लेकिन अब यह कड़ी ही समाप्त हो गई है। इस अवसर पर मगध महिला कॉलेज के विभिन्न विभाग की छात्राएं एवं विषयों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive