Bareilly : शहर के होटल रेस्टोरेंट बैंक्वेट हॉल और हॉस्टल आपके हक पर खुलेआम डाका डाल रहे हैं. एक तरफ पब्लिक को डोमेस्टिक सिलेंडर की किल्लत झेलनी पड़ रही है वहीं ये प्रतिष्ठान धड़ल्ले से इन्हें यूज कर रहे हैं. ये हम नहीं बल्कि ये तस्वीरें और आंकड़े खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक हर मंथ कंज्यूम हो रहे डोमेस्टिक सिलेंडर की संख्या कनेक्शंस से ज्यादा है. मतलब साफ है कि तमाम डोमेस्टिक सिलेंडर्स बिना कागजी रिकॉर्ड के ही यूज हो रहे हैं.


Total 370 registeredसिविल लाइन, स्टेशन रोड, कोहाड़ापीर, पीलीभीत बाईपास सहित अन्य एरिया में टोटल 370 रजिस्टर्ड होटल, रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हॉल हैं। इसके अलावा बिना रजिस्टर्ड शहर में सैकड़ों ढाबे, हॉस्टल और टिफिन सेंटर हैं, जो डोमेस्टिक सिलेंडर यूज कर रहे हैं। सबसे ज्यादा प्राइवेट हॉस्टल पीलीभीत बाईपास पर हैं। आरयू की वजह से दूर-दराज से स्टूडेंट्स पढऩे के लिए आते हैं और इनमें रहते हैं.  एक अनुमान के मुताबिक, पीलीभीत हाईवे पर 50 से ज्यादा हॉस्टल चल रहे हैं। जबकि रामपुर गार्डन और बियावान कोठी एरिया में 14 से ज्यादा हॉस्टल हैं। अगर ठेले-खुमचे में दुकान लगाने वालों को जोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या हजार के पार है। Per day 3 की जरूरत
शहर में महज 2,000 कॉमर्शियल सिलेंडर कनेक्शन हैं। सूत्रों की मानें तो होटल में एक दिन में एवरेज 3 कॉमर्शियल सिलेंडर की जरूरत होती है। ऐसे में देखा जाए तो सिटी में चल रहे 370 रेस्टोरेंट, होटल और बैंक्वेट हॉल में पर डे 1,110 सिलेंडर के हिसाब से मंथ में 33,300 कॉमर्शियल सिलेंडर की आवश्यकता है, जबकि कारोबारी कॉमर्शियल सिलेंडर की जगह 30,000 से ज्यादा डोमेस्टिक सिलेंडर अवैध रूप से यूज किए जा रहे हैं।एजेंसी व डिलीवरीमैन का खेल


यह सारा खेल गैस एजेंसी और डिलीवरीमैन के जरिए होता है। थोड़े से पैसे के लालच में ये करोबारियों को डोमेस्टिक सिलेंडर आसानी से सप्लाई कर देते हैं। एलपीजी कंपनियां एक गाड़ी के साथ 6 कॉमर्शियल सिलेंडर एजेंसियों को प्रोवाइड कराती हैं। मांग ज्यादा होने पर कंपनियां सिलेंडर की संख्या बढ़ा भी देती हैं। सोर्सेज के अकॉर्डिंग रूरल एरिया की गैस एजेंसियां भी इस खेल में शामिल हैं।Notice का असर नहींडोमेस्टिक सिलेंडर के मिसयूज का ही नतीजा है कि इनकी खपत सिटी में पर मंथ 4 लाख है। जबकि लीगली साढ़े तीन लाख डोमेस्टिक गैस की खपत होनी चाहिए। रसोई गैस डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन की ओर से इस संबंध में कई बार कंज्यूमर्स को नोटिस भेजा जा चुका है, पर इसका खासा असर नहीं दिखा। एलपीजी कंपनियों और एडमिनिस्टे्रशन की ओर से कोई कार्रवाई ना होने से कारोबारी कॉमर्शियल के बजाय धड़ल्ले से डोमेस्टिक सिलेंडर का यूज कर रहे हैं।कार्रवाई का प्रावधानअगर कहीं कॉमर्शियल की बजाय डोमेस्टिक सिलेंडर यूज करते हुए पकड़ा जाता है तो सिलेंडर जब्त करने के साथ जुर्माना लगाया जा सकता है। इस केस में वहां के ओनर पर मैक्सिमम 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

'सिटी में कॉमर्शियल सिलेंडर कम यूज किए जाते हैं। डोमेस्टिक सिलेंडर यूज करने पर हमने कई प्रतिष्ठानों को नोटिस भी भेजा है। 60 ऐसे होटल व रेस्टोरेंट चिन्हित किए गए, जहां डेली 6-7 डोमेस्टिक सिलेंडर यूज होते हैं.' - रंजना सोलंकी, प्रेसीडेंट, रसोई गैस डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन'कुछ दिन पहले 3 लोग रिफिलिंग करते पाए गए थे, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया। अगर शहर में होटल व रेस्टोरेंट में डोमेस्टिक सिलेंडर यूज किए जा रहे हैं तो उनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी.' - डॉ। केएल तिवारी, डीएसओ'जिन भी प्रतिष्ठानों में खाना बनता है, वे डिपार्टमेंट से रजिस्टर्ड हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है। जो हॉस्टल और प्रतिष्ठान रजिस्टर्ड नहीं हैं, उनको फरवरी 2014 तक का टाइम दिया गया है.' - सुनील कुमार, चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर

Posted By: Inextlive