AGRA 28 Jan. : एक तो सर्दी उपर से रेल का सफर. लंबे सफर में पैसेंजर्स रेलवे की पेंट्रीकार में बनने वाले खाने पर ही निर्भर रहते हैं. ऐसे में अगर पैसेंजर्स को ठंडा और बासी खाना परोसा जाए तो उन पर क्या बीतेगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. कई पैसेंंजर्स ने कंप्लेन भी की हैं. जिस पर जुर्माना भी वसूला गया था. कई पैसेंजर्स के बीमार होने की बात भी सामने आई है. इसके बाद भी खाने की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं आ रहा है.


कंप्लेन पर हुआ एक्शन पिछले कुछ महीनों में रेलवे के आईआरसीटीसी द्वारा केवल 19 कंप्लेन पर जुर्माना वसूला गया है। दिसम्बर महीने में खाने की गुणवत्ता को लेकर दो कंप्लेन प्राप्त हुई हैं। दो दिन के उबले और बासी आलू की स?जी बनाकर वेंडर पैसेंजर्स को चूना लगा रहे हैं। जो पैसेंजर्स बासी और ठंडे खाने की वेंडर्स से कंप्लेन करते हैं उन्हें मौसम ठंडे होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। विभागीय मिलीभगत से हो रहा खेल!


वहीं, दूसरी ओर मानकों को दरकिनार कर घटिया स्तर का खाना सर्व किया जा रहा है। रेलवे में पैंसेजर्स पर वेंडर्स की मनमानी हावी है। विभागीय मिलीभगत के चलते स्टॉल व कैंटीन संचालकों द्वारा निर्धारित दाम से ज्यादा मनमानी तरीके से ज्यादा चार्ज वसूला जा रहा है। वहीं, रेलवे का कमर्शियल डिपार्टमेंट उदासीन रवैया अपनाए हुए है। खाद्य निरीक्षकों द्वारा यथा-समय स्टॉलों और ट्रेनों की पेंट्रीकार के निरीक्षण की औपचारिक रस्म अदायगी कभी-कभार ही निभाई जाती है।टॉयलेट का पानी हो रहा यूज

जो खाना पैसेंजर्स को परोसा जा रहा है वह कितना स्वच्छ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसे बनाने के लिए टॉयलेट का पानी यूज हो रहा है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, ट्रैक पर जिस पाइप लाइन से कोच के टॉयलेट में पानी भरा जाता है उसी पानी को ट्रेन की पेंट्रीकार में खुलेआम चाय व अन्य खाद्य सामग्री बनाने में यूज किया जा रहा है। आरईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एण्ड टूरिज्म कॉरपोरेशन) द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि चाय बनाने में मिनरल वाटर यूज किया जाए, लेकिन वेंडर्स इन आदेशों को हवा में उड़ा रहे हैं। आगरा मंडल से गुजरने वाली इन ट्रेनों में हैं पेंट्रीकारजीटी एक्सप्रेस, मंगला एक्सप्रेस, एपी, पंजाब मेल, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, स्वर्ण जयन्ती एक्सप्रेस, कर्नाटका, झेलम आदि गाडिय़ों में पेंट्रीकार की सुविधा उपल?ध है। कैटरिंग में नहीं है पर्याप्त स्टाफरेलवे सूत्रों के अनुसार, कैटरिंग में पर्याप्त स्टाफ नहीं होने की वजह से स्टालों और पेंट्रीकार पर निगाह नहीं रखी जाती। ज्यादातर गाडिय़ों में पेंट्रीकार कॉनटेक्ट बेस पर है, इसके चलते ठेकेदार गुणवत्ता को ताक पर रखकर पैसेंजर्स को खाना सर्व करते हैं। वहीं, पेंट्रीकार में काम करने वाले वेंडर्स साफ-सुथरी यूनीफॉर्म भी नहीं पहनते हैं, यही नहीं पेंट्रीकार में साफ-सफाई की व्यवस्था भी बेहद खराब है। पैंसेंजर्स ले रहे रिश्तेदारों का सहारारेलवे के खाने से असंतुष्ट पैसेंजर्स अब अपने रिश्तेदारों को फोन पर सूचना देकर स्टेशन पर घर का बना हुआ खाना मंगवा रहे हैं। ये है टोल फ्री नंम्बर

खाने की गुणवत्ता को  लेकर पैंसेंजर्स किसी भी प्रकार की शिकायत आईआरसीटीसी के टोल फ्री नम्बर 1800111139 पर कर सकते हैं.

Posted By: Inextlive