एमसीआई की टीम के आने से पहले मेंटेन करना चेलेंज

एक माह से सीटी स्कैन खराब, एक्स-रे मशीन में भी आई खराबी

देहरादून

दून हॉस्पिटल में रेडियोलॉजी विभाग हॉस्पिटल प्रबंधन के मुश्किलें खड़ी कर रहा है. एक माह से सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है. दूसरी तरफ एक्स-रे मशीन ने भी काम करना बंद कर दिया है. वो भी तब, जब एमसीआई की टीम कभी भी हॉस्पिटल में निरीक्षण के लिए पहुंच सकती है. ऐसे में दून हॉस्पिटल प्रबंधन के सामने इन मशीनों को दुरुस्त करने का बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है. इसके अलावा बेड बढ़ाने के दावों के बावजूद एक बेड पर दो-दो मरीज लेटे हुए हैं. इमरजेंसी में कई मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर किया जा रहा है.

लोड नहीं ले पा रही मशीनें

बीते 25 फरवरी से दून हॉस्पिटल की सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है. 15 वर्षो से जुगाड़ पर चल रही सीटी स्कैन मशीन की ट्यूब शॉर्ट हो जाने से कंपनी ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में फिलहाल नई मशीन का इंतजार हो रहा है. इधर ट्यूजडे से एक्स-रे मशीन ने भी काम करना बंद कर दिया है, जिससे रेडियोलॉजी विभाग में जांच पर असर पड़ रहा है.

रोज 300 से ज्यादा एक्स-रे

रेडियोलॉजी विभाग के इंचार्ज और पीआरओ महेन्द्र सिंह भंडारी ने बताया कि एक दिन में 250 से 300 एक्स-रे कराए जाते हैं. ऐसे में मशीन पर लोड पड़ रहा है. ऐसे में मशीन को मेंटेन करने में परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि मशीन को सही कराने के लिए कंपनी को सूचित कर दिया गया है. जल्द ही इसे ठीक करा लिया जाएगा.

बेड बढ़ाने के बाद भी स्ट्रेचर पर इलाज

दून हॉस्पिटल प्रबंधन का दावा है कि हॉस्पिटल में एमसीआई के मानकों के अनुसार हॉस्पिटल में विभिन्न वाडरें में 110 बेड की बढ़ोत्तरी की गई है. इसके अलावा दस बेड इमरजेंसी में भी बढ़ाए गए हैं. इसके बावजूद बरामदे में स्ट्रेचर लगाकर इलाज करवाया जा रहा है. वेडनसडे को दून हॉस्पिटल की इमरजेंसी के बाहर मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटाकर इलाज कराया गया. दून हॉस्पिटल और महिला विंग को मिलाकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीट हैं. इसके मुताबिक पहले साल 300 बेड के हॉस्पिटल के साथ शुरुआत की गई. अब जबकि चौथे वर्ष की मान्यता मिलनी है, यहां 410 बेड की आवश्यकता है. एमबीबीएस फोर्थ ईयर की मान्यता के लिए एमसीआई की टीम का दौरा कुछ ही दिनों में प्रस्तावित है. इससे के लिए हॉस्पिटल ने तैयारियां तेज कर दी हैं. हॉस्पिटल मैनेजमेंट का दावा है कि एक-दो दिनों में ही टीम आ सकती है. ऐसे में नई ओपीडी को दुरुस्त करने के साथ ही हॉस्पिटल परिसर में साफ-सफाई और ठप पड़ी सीटी स्कैन मशीन, एक्स-रे मशीन को ठीक करना भी बड़ी चुनौती है. ऐसे में हॉस्पिटल मैनेजमेंट को कम समय में बड़े चैलेंज को पार करना है.

Posted By: Ravi Pal