निगम के अनुसार 90 वार्डो में हो रहा कूड़ा कलेक्शन

80 प्रतिशत वार्डो की गलियां साफ-सफाई से महरूम

Meerut. वार्डो की साफ-सफाई के लिए 10 माह पहले शुरू की गई नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन योजना निगम के अनुसार भले ही शहर के सभी वार्डो में सुचारु रुप से चल रही हो लेकिन हकीकत में इस योजना का लाभ केवल शहर के कुछ ही वार्डो तक सीमित है. निगम के दावे के विपरित 10 माह बाद भी शहर के अधिकतर वार्डो के लोग निगम की इस सुविधा से महरूम हैं. बावजूद इसके मुख्यालय को कूड़ा कलेक्शन की शत-प्रतिशत रिर्पोट दी जा रही है.

दिखावे तक सीमित डोर टू डोर

गत वर्ष 29 अगस्त को स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहर के 20 वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू किया गया था. इसके तीन माह बाद दिसंबर माह में अभियान को पूरे शहर में लागू करते हुए 90 वार्ड में 2-2 कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों को लगाया गया. इन गाडि़यों को प्रतिदिन सुबह 6 से 10 बजे तक वार्ड में जाकर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी दी गई थी. मगर अधिकतर वार्डो की एक या दो गलियों से कूड़ा कलेक्शन करके गाडि़यां वापस चली जाती हैं. जिस कारण से अधिकतर वार्डो के लोग आज भी निगम के कूड़ा कलेक्शन अभियान से वंचित हैं.

180 गाडि़यों का काफिला

निगम के अनुसार शहर के 90 वार्डो में 180 से अधिक गाडि़यों को कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाया गया है. इसमें संकरी गलियों के लिए मिनी गाडि़यों की बजाए ठेले लगाए गए हैं लेकिन इन ठेलों का भी संचालन केवल कागजों में हो रहा है. पुराने शहर की संकरी गलियों में गाडि़यां मुख्य सड़कों या चौराहों से कूड़ा एकत्र कर वापस चली जाती हैं. वहीं नियमानुसार गाडि़यों को सभी गलियों से कूड़ा लेना हेाता है लेकिन एक बार गाड़ी भरने के बाद दोबारा गाड़ी वार्ड में नहीं आती है.

शोपीस बने हरे और नीले बॉक्स

इन कूड़ा गाडि़यों को दो प्रकार के हरे और नीले बॉक्स के साथ तैयार किया गया था. जिससे घरों से मिलने वाले कूडे़ को सूखे और गीले दो हिस्सों में बांटकर नीले और हरे बॉक्स में डाल सकें लेकिन निगम की यह व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई. कारण, न तो कूड़े का ही अलग-अलग कलेक्शन किया जा रहा है और न ही उसे डंप किया जा रहा है.

कूड़ा गाडि़यों की क्षमता निर्धारित है कुछ बडे वार्ड हैं जो पूरा कवर नही हो पाते हैं. कई बार गाडि़यां दूसरा राउंड नही लगा पाती हैं लेकिन हम गाडि़यों की संख्या बढ़ाकर सभी वार्ड शत प्रतिशत कवर करने का प्रयास कर रहे हैं.

गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Lekhchand Singh