महानगर के एक ऑफिस में दो लोगों को बेरहमी से हत्याहत्यारा के बाद बाहर से दरवाजे लॉक करके फरार हुआ हत्यारा


Lucknow: महानगर के एक आफिस में दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गयी और आफिस को लॉक करके हत्यारे फरार हो गये। पुलिस का कहना है कि मामला साइको लग रहा है। जानकारी के अनुसार महानगर के सेक्टर सी एच 19 में गवर्नमेंट आफ इंडिया इंटर प्राइजेज के इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड का ऑफिस है। इसकी मेन ब्रांच राजस्थान के कोटा में है.
कंपनी के लखनऊ आफिस में एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी काम करते हैं। रात में भी कम से कम एक चपरासी यहां रहता था। जिसकी ड्यूटी डेली चेंज होती थी। संडे को जब दूसरा चपरासी पवन ड्यूटी करने के लिए आफिस पहुंचा तो आफिस के सभी दरवाजे बाहर से लॉक थे.
पवन ने इसकी सूचना अपने जीएम एके सिंह को दी। एके सिंह ने सैटरडे को ड्यूटी करने वाले कृपा शंकर और बंसराज को फोन किया तो दोनों के ही नम्बर नहीं मिले।
तोड़ा गया ताला
अगले दिन सुबह चपरासी पवन, वर्कर आरएस प्रसाद और आशीष के साथ डीजीएम फाइनेंस एके सिंह आफिस पहुंचे तो बाहर से ताला लटका हुआ था। आफिस खोलने के लिए जब ताला तोड़ा गया तो कांफ्रेंस हाल में दो लाश पड़ी मिली जिसकी शिनाख्त ओबरा से आये टेक्निशियन देवनाथ सिंह और चपरासी बंस राज यादव के रूप में हुई। जबकि कृपा शंकर मिश्रा गायब था.
देवनाथ सिंह 48 वर्ष सोनभद्र के ओबरा आफिस में टेक्निशियन थे। वह शनिवार को रीजनल आफिस लखनऊ आये थे और यहीं कृपाशंकर मिश्रा और बंस राज यादव के साथ रुक गये थे। सोमवार को देवनाथ और बंसराज की लाश मिली जबकि कृपाशंकर का पुलिस पता कर रही है। पुलिस को शक है कि कृपा शंकर ने ही दोनों व्यक्तियों की हत्या की है। पुलिस की एक टीम रायबरेली के जगतपुर स्थित उसके घर के लिए रवाना की गयी है।
उग्र प्रवृत्ति का है कृपा शंकर
एके सिंह ने पुलिस को बताया कि कृपा शंकर काफी उग्र प्रवृत्ति का है। वह आये दिन लोगों से झगड़े करता रहता था। वह पिछले कुछ दिन से डिप्रेशन में था। वहीं रायबरेली पहुंची पुलिस को कृपाशंकर की पत्नी ने बताया कि वह डेली आफि स के फोन से ही दो-तीन बार घर पर बच्चों से बात करते थे, लेकिन शनिवार की रात से उनका कोई फोन नही आया है.
कृपा शंकर के बारे में बताया कि वह उग्र स्वभाव का व्यक्ति है, बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और मारपीट पर उतारु हो जाता है, तीन महीने पहले उसे भी लड़ाई-झगड़ा करके गांव भेज दिया है। पिछले तीन महीने से वह अपनी पत्नी से भी बात चीत नहीं कर रहा था।
पूरे इलाके में फैली बदबू
दोनों बॉडी काफी फूल गयी थी जिससे बदबू आ रही थी। रूम में लाश को घसीटने के निशान भी थे। एक लाश कुर्सी के पास और दूसरी सोफे के पास पड़ी थी। दोनों ही बॉडी में सर पर गहरा घाव था जिससे काफी खून निकल कर फर्श पर फैल गया था। बॉडी देख कर ऐसा लग रहा था कि किसी भारी लोहे से सिर पर चोट पहुंचायी गयी है.
मौके पर पहुंची पुलिस ने बॉडी को पोस्ट मार्टम के लिए भेजा और दोनों ही मृतकों के घर पर सूचना दी। साथ ही एके सिंह की तहरीर पर कृपा शंकर के खिलाफ मर्डर का केस महानगर में रजिस्टर किया गया है।
शनिवार रात दस बजे की थी आखिरी काल
पुलिस के अनुसार बंसराज यादव मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था जबकि देवनाथ सिंह ने नौ बजकर 56 मिनट पर ओबरा में अपने घर फोन पर बात की थी। इसके बाद से देवनाथ सिंह के मोबाइल पर कोई भी बातचीत नहीं हुई।
बंद होने वाली थी कंपनी
मौके पर मौजूद कंपनी के फाइनेंस डीजीएम एके सिंह ने बताया कि कंपनी के अधिकतर लोगों का ट्रांसफर हेड क्वार्टर कोटा के लिए कर दिया गया है और यह आफिस खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में यह भी सवाल पैदा हो रहा है कि कहीं कृपा शंकर ने फ्रस्ट्रेशन में आकर दोनों की हत्या तो नहीं कर दी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि  कृपा शंकर अकेले दोनों व्यक्तियों की हत्या नहीं कर सकता। क्योंकि वह एकहरे शरीर का है जबकि जिन दो लोगों की हत्या की गयी, वह दोनों ही शरीर से काफी भारी भरकम थे। जिस जगह पर हत्या हुई वहां पर सब्जी भी कटी रखी थी। पुलिस का कहना है कि संभव है कि खाना बनाने को लेकर कुछ कहा सुनी हुई और आपस में मारपीट हो गयी हो।

'प्रथम द़ष्टया ऐसा लग रहा है कि नौकर कृपा शंकर ने ही दोनों व्यक्तियों की हत्या की है। फिलहाल कृपा शंकर के खिलाफ केस रजिस्टर कर उसकी तलाश की जा रही है। कृपाशंकर के बारे में बताया जा रहा है कि वह साइको पेशेंट भी था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। क्राइम ब्रांच और लोकल यूनिट को जांच के लिए लगाया गया है। एक टीम रायबरेली भी रवाना की गयी है.'
आशुतोष पाण्डेय
आईजी/एसएसपी लखनऊ

Posted By: Inextlive