-सुभाषनगर में महिला ने पति के खिलाफ दर्ज करायी एफआईआर

-इस वर्ष अब तक करीब 600 केस दहेज उत्पीड़न के हो चुके दर्ज

BAREILLY: शादी के कुछ दिनों बाद ही दहेज के लिए प्रताडि़त करने के मामले तो लगातार सामने आ रहे हैं लेकिन सुभाषनगर में एक ऐसा मामला सामने आया है जो पति-पत्‌नी के रिश्तों में शादी के कई साल बाद भी दूरी की हकीकत बयां कर रहा है। महिला ने शादी के 16 साल बाद पति पर दहेज उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करायी है। पुलिस रिकॉर्ड देखें तो इस वर्ष अब तक दहेज उत्पीड़न के करीब 600 केस दर्ज हो चुके हैं जो काफी चौंकाने वाले हैं।

गला दबाकर जान से मारने की कोशिश

करगैना, सुभाषनगर निवासी गीता की शादी 11 जुलाई 2002 को फरीदपुर के महादेव पुरम निवासी सुनील चंद्र से हुई थी। गीता के 4 बच्चे भी हैं। गीता का आरोप है कि शादी के बाद से ही पति दहेज के लिए परेशान करने लगा। पति की यातनाएं यह सोचकर सहती रही कि शायद समय के साथ्ज्ञ सब ठीक हो जाएगा और उनके बीच रिश्ते अच्छे हो जाएंगे। शादी के 16 साल बीतने के बाद भी पति उन्हें परेशान कर रहा है। आरोप है कि वह दहेज की भी मांग करता है और किसी दूसरी महिला के चक्कर में उसे घर से निकाल दिया है। घर न टूटे इसके लिए गीता ने काफी प्रयास किए लेकिन बात नहीं बनी। पति उसके मायके में भी शराब पीकर आता है और धमकी देता है कि उसने कोई बाधा डाली तो तेजाब या तेल डालकर जलाकर मार दूंगा। 8 नवंबर को भी वह रात में पति उसके मायके में आया और गाली-गलौच करने के बाद गला दबाकर हत्या की कोशिश की। शोर मचाने पर जब उसकी मां बचाने आयी तो उनके साथ भी मारपीट की। शोर मचाने पर मोहल्ले वालों ने जान बचायी। उसने पुलिस में शिकायत तो केस परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया गया। जहां तीन बार बुलाकर काउंसलर ने समझाया लेकिन भी पति नहीं माना।

साल दर साल बढ़ रहे केस

दहेज उत्पीड़न के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। एसएसपी ऑफिस में ज्यादातर केस परिवारिक विवाद के ही सामने आते हैं। पुलिस लाइंस में परामर्श केंद्र के साथ तहसीलों में भी प्रत्येक बुधवार को परामर्श केंद्र लगते हैं, ताकि रिश्ते टूटे नहीं। पुलिस रिकॉर्ड को देखें तो इस वर्ष नवंबर तक दहेज उत्पीड़न के 560 केस दर्ज किए गए, जबकि वर्ष 2017 में सिर्फ 442 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 425 था।

दहेज उत्पीड़न के केस

560-केस वर्ष 2018 में

442-केस वर्ष 2017 में

425-केस वर्ष 2016 में

 

आंकड़े 1 जनवरी से 30 नवंबर तक

Posted By: Inextlive