- गंगानगर में डॉ। बबीता ने खरीदा था अपने नाम से 50 लाख का प्लाट

- प्लाट के कागजात में ससुर, देवर और पति चाहते थे अपना भी नाम

- पुलिस ने देवर, ससुर और पति के खिलाफ दर्ज किया हत्या का मुकदमा

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Meerut: प्रभात नगर में प्रोफेसर डॉ। बबीता की हत्या के पीछे कई अहम बातें निकलकर सामने आई हैं। गंगानगर में खरीदा गया प्लाट सामूहिक नहीं करने पर डॉ। बबीता की हत्या की गई। मायके वालों की मानें तो ससुरालिए काफी दिनों से प्लाट सामूहिक करने के लिए प्रताडि़त कर रहे थे। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पति, ससुर और देवर के खिलाफ हत्या का मुकदमा सिविल लाइन थाने में कायम करा दिया है। वहीं पति ने अंतिम संस्कार कर दिया है।

हर जुल्म सहती रही बबीता

सोमदत्त विहार में रहने वाली डॉ। बबीता शर्मा की शादी ख्000 में पंकज शर्मा पुत्र राधेश्याम शर्मा से हुई थी। डॉ। बबीता गाजियाबाद के आईएएमआर कॉलेज में बायोटेक की एचओडी पद पर कार्यरत थी। शनिवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। ससुरालियों ने जहां आत्महत्या करने की बात कही थी तो वहीं दूसरी ओर मायके वालों ने हत्या करने का आरोप लगाया था। मृतका के भाई विपुल ने बताया कि ससुर राधेश्याम, देवर मनोज उर्फ बंटी और पति पंकज शर्मा ने मिलकर डॉ। बबीता की हत्या की है।

खरीदा था प्लॉट

कुछ समय पहले गंगानगर में तीन सौ मीटर का प्लाट डॉ। बबीता ने अपने नाम से खरीदा था। इसके लिए बैंक से लोन लिया था। इस बात पर ससुराल वालों ने घर में क्लेश किया था और उस दिन से ही प्रताडि़त करना शुरू कर दिया था। ससुराल वाले चाहते थे कि बबीता प्लाट के कागजात में ससुर राधेश्याम, देवर मनोज शर्मा और पति पंकज शर्मा का नाम भी शामिल किया जाए।

बढ़ गया झगड़ा

डॉ। बबीता अपनी मेहनत से ही अपने कदमों पर खड़ी हुई थी, यही वजह थी ससुराल वाले इस बात पर काफी नाराज रहते थे। विपुल ने बताया कि चार महीने पहले डॉ। बबीता ने कार खरीदी थी, यह कार बबीता ने अपने नाम से खरीदी थी, जिसके बाद ससुरालियों ने बोलचाल तक बंद कर दी थी। पंकज और मनोज चाहते थे कि यह कार बबीता के नाम से नहीं बल्कि उनके खुद के नाम से ली जाए ताकि उस कार पर वह भी चलाकर रौब दिखा सके। गाड़ी को लेकर भी ससुरालियों की बबीता से बहुत लड़ाई।

सेलरी पर भी कब्जा

मनोज शर्मा की नीयत काफी खराब थी। दरअसल मनोज कुछ काम नहीं करता है। विपुल का कहना है कि जैसे ही डॉ। बबीता की एकाउंट में सैलरी आ जाती थी तो मनोज शर्मा और पंकज शर्मा मिलकर सैलरी पर कब्जा कर लेते थे, कुछ पैसे ही बबीता को खर्चे के लिए दे देते थे।

मम्मी आप कहां चली गई

पति पंकज शर्मा ने डॉ। बबीता का अंतिम संस्कार कर दिया। डॉ। बबीता की मौत कारण आत्महत्या रहा हो या फिर हत्या लेकिन दो बच्चों की मम्मी उनसे छीन गई है। बारह साल की बेटी और पांच साल का बेटा बार-बार अपनी मां के शव को देखकर कह रहे थे कि मम्मी आप हमें छोड़कर कहां चले गए हो।

Posted By: Inextlive