एकेटीयू में डॉ। कलाम की जयंती इनोवेशन डे के रूप में मनाई गई

- आठ विजेताओं और चार संस्थानों को वीसी ने किया सम्मानित

LUCKNOW:

एकेटीयू में सोमवार को डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती इनोवेशन डे के रूप में मनाई गई। इस मौके पर विभिन्न कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने अपने मॉडल प्रस्तुत किए। किसी ने मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को साकार करने वाला मॉडल बनाया तो किसी ने रोड एक्सीडेंट कम करने की तकनीक मॉडल से दिखाई। आठ विजेताओं को वीसी प्रो। विनय पाठक ने सम्मनित किया। इस दौरान चार संस्थानों को भी सम्मानित किया गया।

ये बने विजेता

सत्यम प्रताप सिंह, गाजियाबाद

पार्थ वर्मा, मथुरा

आदित्य जायसवाल, मथुरा

अविरल शर्मा, गाजियाबाद

नावोनिल दास, नोएडा

नितीश कुमार श्रीवास्तव, गोरखपुर

सौम्या सिंह, इलाहाबाद

शीशे से बनाया कैप्सूल

कानपुर के आदिल सिद्दीकी ने ड्रंक एंड ड्राइव से होने वाले एक्सडेंट को रोकने के लिए एक मॉडल बनाया। जिसे गाड़ी में लगाने से कोई शराब पीकर गाड़ी चलाएगा तो सायरन बजने लगेगा। साथ ही जीपीएस से पुलिस को भी इसकी सूचना मिल जाएगी। आदिल ने बताया कि इस मॉडल को उन्होंने प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश मिश्रा को दिखाया था। उन्होंने कहा था कि इसका पेटेंट करा इस पर एक कानून लाने का प्रयास किया जाएगा।

शीशे के कैप्सूल में लगाया पौधा

इलाहाबाद की सौम्या सिंह और शांतनु ने मंगल पर जीवन की संभावनाओं पर मॉडल पेश किया। इसमें एक शीशे के कैप्सूल में पौधा लगाकर डिवाइस के माध्यम से पृथ्वी के अनुकूल तापमान और स्थिति की जानकारी दी गई। सौम्या ने बताया कि मंगल पर पौधे नहीं उगाए जा सकते लेकिन उसकी सतह से 16 किमी नीचे अगर ड्रिल कर इस कैप्सूल को डाला जाए तो वहां यह उग सकता है। उन्होंने एक मोटर भी बनाई है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल पर ऑक्सीजन मिल सकेगी। इसके अलावा गोरखपुर के सत्यम और उत्कर्ष ने भी मंगल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस रोवर एक्सप्लोरर का मॉडल प्रस्तुत किया।

साइंस प्रदर्शनी का क्रेज

एकेटीयू के एक छात्र ने स्मार्ट सिटी को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट डस्टबिन का मॉडल प्रदर्शनी में लगाया। इसमें कूड़ा डालते ही सूखा और गीला कचरा अलग-अलग हो जाएगा। साथ ही इसमें डाले गए कचरे से प्लॉस्टिक शीट भी बनाई जा सकेगी।

Posted By: Inextlive