- नोबेल प्राइज विनर स्टोरी हेनरी द फोर्थ के हिन्दी नाट्य रूपांतरण का हुआ मंचन

- शेर अफगान में दिखी जीवन की अलग-अलग परिस्थितियों की झलक

ALLAHABAD: व‌र्ल्ड की फेमस कहानियों में शुमार और नोबेल प्राइज जीतने वाली स्टोरी हेनरी द फोर्थ के हिन्दी नाट्य रूपांतरण शेर अफगान का थर्सडे को एनसीजेडसीसी में मंचन हुआ। ये कहानी एक ऐसे स्टेट आर्टिस्ट के जीवन पर बेस्ड है, जो एक ऐतिहासिक नाटक के दौरान दुघर्टना का शिकार होता है। और उसके बाद उसी कैरेक्टर को जीने लगता है। बाद में फिर एक हादसे में उसकी याददाश्त वापस आती है, लेकिन वो जानबूझकर उसी कैरेक्टर को जीने की एक्टिंग करते हुए जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव से जूझता है। नाटक के मंचन के दौरान प्रत्येक कैरेक्टर ने अपने अभिनय से कहानी को जीवंत कर दिया, जिसे लेागों ने खूब पसंद किया।

नाटक में दिखी मानवीय संवेदनाओं की झलक

एनसीजेडसीसी के ऑडिटोरियम में नाटक शेर अफगान के मंचन के दौरान मानवीय संवेदनाओं को शानदार तरीके से पेश किया गया। कहानी में समाज के उस सोच पर प्रहार किया गया, जो सिर्फ दिखावे के लिए एक पागल व्यक्ति के साथ सहानुभूति रखता है। जबकि वास्तविकता इससे अलग होती है। कहानी के पात्रों ने जीवन के प्रत्येक क्षणों को शानदार तरीके से लोगों के सामने पेश किया। नाटक के मंचन के दौरान फेमस नाट्यकर्मी व फिल्म हंसी तो फंसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुनील उपाध्याय के अभिनय पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजायी। नाटक की मुख्य भूमिकाओं में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के रंग मंडल में रह चुके मनोज मिश्र व प्रसन्न सोनी ने भी शानदार अभिनय से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान सिटी के भी नाट्य कर्मियों ने अपने अभिनय का प्रदर्शन किया।

Posted By: Inextlive