- सरकार लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता का दे रही हवाला

- पिछले कई वर्षो से प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स नहीं पकड़ पा रहे हैं रफ्तार

DEHRADUN: सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल स्मार्ट सिटी, मेट्रो और रिवर फ्रंट योजना को अब तक पंख नहीं लग पाए हैं. कहीं धन की कमी आड़े आ रही है तो कहीं एक मत नहीं बन पा रहा है. जबकि एक प्रोजेक्ट पर तो नए सिरे से रिपोर्ट मांगी गई है. फिलहाल, अब निगाहें 23 मई पर टिकी हैं, जब लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता समाप्त होगी. इसके बाद इन ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर आदर्श आचार संहिता का बहाना नहीं लगाया जा सकेगा.

मेट्रो, एलआरटी या फिर रोपवे, संस्पेंस बरकरार

सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में दून, हरिद्वार व ऋषिकेश शहरवासियों को बेहतर ट्रांसपोर्टेशन दिलवाने के लिए मेट्रो संचालन पर पिछले चार सालों से लगातार मंथन चल रहा है. डीएमआरसी ने डीपीआर भी तैयार कर दी है. लेकिन अब तक इस पर आम सहमति नहीं बन पा रही है. पहले दिल्ली तर्ज पर मेट्रो की बात हुई. लेकिन खर्चीला होने के कारण एलआरटी पर उसके बाद मंथन हुआ. एक टीम ने विदेश का दौरान भी किया. इसी बीच शासन की ओर से विचार आया कि मेट्रो के स्थान पर रोपवे का संचालन किया जा सकता है. हालांकि इस पर भी अब तक आम सहमति नहीं बन पाई है. बताया जा रहा है कि शासन ने रोपवे पर अधिकारियों की एक टीम को विदेश दौरे पर भी मंजूरी दी है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान मेट्रो कंपनी के गठन के बाद से शुरू हुई एक्सरसाइज को अब तक फाइनल टच नहीं मिल पाया है कि आखिर मेट्रो या एलआरटी या फिर रोपवे बनेगा.

स्मार्ट सिटी पर जून व जुलाई से काम शुरू होने का दावा

वहीं स्मार्ट सिटी पर भी अब तक काम शुरू नहीं हो पाए हैं. दो वर्ष पहले 2017 में स्मार्ट सिटी पर कार्य शुरू हुआ. लेकिन धरातल पर अब तक कोई कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं. स्मार्ट सिटी के अधिकारी बता रहे हैं कि इसके लिए आदर्श आचार संहिता आड़े आ रही है. सीईओ डा. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद जून या जुलाई से काम शुरू हो पाएंगे. उनका कहना है कि स्मार्ट सिटी की शुरुआत दून में वाटर एटीएम, टॉयलेट व स्मार्ट स्कूल से की जाएगी. डा. श्रीवास्तव का कहना है कि आईसीसीएस (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टमम) के तहत 3 स्मार्ट स्कूल बनाए जाने हैं. भरोसा दिया जा रहा है कि जून महीने तक आईटी पार्क सहस्त्रधारा में आईसीसीएस स्थापित कर दिया जाएगा. जिससे पूरे शहर में सभी सीसीटीवी कैमरे जुडे़ रहेंगे और एक स्थान से पूरे शहर की निगरानी हो पाएगी. स्मार्ट सिटी के तहत 2022 तक शहर को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाना है. तीन वर्ष में कैसे दून शहर को स्मार्ट किया जा सकेगा, अंदाजा लगाया जा सकता है.

रिवर फ्रंट पर गढ़वाल कमिश्नर तैयार कर रहे रिपोर्ट

सरकार के एक और प्रोजेक्ट्स में रिस्पना व बिंदाल नदी में बन रहे रिवर फ्रंट योजना शामिल है. हालांकि पूर्ववर्ती सरकार में इस प्रोजेक्ट्स के तहत कुछ निर्माण कार्य भी हुए हैं. लेकिन बरसात में ये निर्माण कार्य बह गए हैं. गत वर्ष रिवर फ्रंट योजना के तहत सरकार ने साबरमती फ्रंट के साथ टेक्निकल सपोर्ट को लेकर एमओयू साइन किया था. एमडीडीए के तत्वावधान में बन रही इस योजना के लिए करीब 700 करोड़ से अधिक के खर्च का अनुमान बताया गया है. लेकिन अब बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर गढ़वाल कमिश्नर रिपोर्ट तैयार करेंगे. एमडीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि उसके बाद ही इस पर निर्णय लिया जा सकेगा. गढ़वाल कमिश्नर कार्यालय से मिलने वाली रिपोर्ट का शासन को इंतजार है. जाहिर है कि लंबे समय से प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट पर को भी रफ्तार नहीं मिल पा रही है. ऐसे में ये प्रोजेक्ट भी अब तक अधर में लटका हुआ है.

अभी लोकसभा चुनाव को देशभर में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है. इन सभी प्रोजेक्ट्स पर आचार संहिता समाप्त होने के बाद तेजी से काम शुरू किया जाएगा. ये सभी प्रोजेक्ट्स सरकार के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं.

- मदन कौशिक, शहरी विकास मंत्री.

Posted By: Ravi Pal