Allahabad: सिर्फ अपनी तरक्की के सपने देखना बेहद आसान है. वो तो बिरले ही होते हैं जो दूसरों को नेपथ्य से मुख्यधारा से जोडऩे का जज्बा रखते हैं.आफताब अहमद ऐसा ही एक नाम है. शिक्षा से लेकर समाजसेवा के प्रति समर्पण ही आज उनकी पहचान बन गई है.


क्वांटिटी पर नहीं बल्कि क्वालिटी पर करते हैं बिलीव
इसमें कोई दो राय नहीं कि एजुकेशन फील्ड अब एक बिजनेस बन चुका है। यहां लोगों की सोच एक लगाओ दो पाओ के फंडे पर चल रही है। मगर इस फील्ड में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस फंडे को दरकिनार करते हुए, क्वांटिटी पर नहीं बल्कि क्वालिटी पर बिलीव करते हैं। यह सच है कि यदि इरादा नेक और पक्का हो, तो एक न एक दिन कामयाबी कदम जरूर चूमती है। सिटी की एक ऐसी ही शख्सियत है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं आफताब अहमद की। जो सिटी के पहले आईएसओ सर्टिफाइड डाटा एक्सपर्ट टेक्निकल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हैं। आज की डेट में यह इंस्टीट्यूट एक ब्रांड बन चुका है। यहां से पास आउट हो चुके हजारों स्टूडेंट देश ही नहीं बल्कि विदेशों में जाकर जॉब कर रहे हैं।


सपना हुआ सच

सिटी से लगभग चालीस किमी दूर प्रतापगढ़ के कुंडा एरिया से बिलांग करने वाले आफताब अहमद खान बचपन से ही पढऩे-लिखने में काफी तेज थे। आफताब बताते हैं कि इंटरमीडियट की पढ़ाई करने के बाद वह फैमिली मेंबर्स की परमिशन पर आगे की पढ़ाई करने कानपुर चले गए। वहां उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन, बीएड, एलएलबी, एमबीए समेत कई अन्य डिग्रियां हासिल कीं। इसके बाद उमा इलेक्ट्रानिक इंस्टीट्यूट से कम्प्यूटर हार्डवेयर से संबंधित कोर्स पूरा किया। आफताब अहमद बताते हैं कि उन्होंने बचपन से ही यह सोच रखा था कि जॉब नहीं करना है। उनका हमेशा यही एम रहा कि वह कुछ ऐसा करें जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। इसके लिए उनके खास रहे प्रिंसिपल एम विश्वकर्मा ने काफी सपोर्ट किया। प्रिंसिपल ने उन्हें खुद का इंस्टीट्यूट खोलने की सलाह दी और आफताब ने उनके बताए मार्ग को अपनाया और फिर इलाहाबाद आकर डाटा एक्सपर्ट के नाम से एक इंस्टीट्यूट की शुरुआत की। आज उनके इस इंस्टीट्यूट की कई ब्रांच है जहां से हजारों स्टूडेंट एजुकेशन प्राप्त करने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में जॉब कर रहे हैं। आबताब कहते हैं कि इस बात की मुझे हमेशा खुशी रहती है कि मेरे द्वारा कितने ही बेरोजगारों को आज जॉब मिल गई। और वह अपनी लाइफ में तरक्की हासिल कर रहे हैं। Social work  करने से मिलता है सुकून
डाटा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर आफताब अहमद खान एक सोशल वर्कर भी हैं। वो बताते हैं कि गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करने में वह काफी सुकून महसूस करते हैं। अपनी सोसाइटी फार डाटा एक्सपर्ट टेक्निकल इंस्टीट्यूट के जरिए वह समय समय पर गरीबों और आम पब्लिक की मदद के लिए हमेशा खड़े रहते है। बता दें कि अब तक आफताब अहमद ने कई गरीब परिवार की बेटियों की शादी कराने के साथ ही आर्थिक मदद भी समय-समय पर करते रहते हैं। उनकी यह खासियत लोक प्रियता को आगे बढ़ाने में हमेशा चार चांद लगाती है। इतना ही नहीं ठंड के सीजन में उनकी एनजीओ मरीजों का इलाज, सर्दी में गरीबों को कंबल बांटने आदि कई महत्वपूर्ण कार्य करती रहती है। साथ ही सिटी को पाल्युशन फ्री रखने के लिए वह स्वयं एनजीओ के माध्यम से पौधरोपण के साथ ही एवेयरनेस कैंपेन चलाते हैं। आफताब बताते है कि उन्हें समाज सेवा करने का जज्बा उनके फादर मो अशफाक से मिला है। वह स्वयं भी अक्सर लोगों की मदद और जरूरतमंदों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। मिली एक हमसफर
अपने बिजनेस और सोसाइटी के कामों में हमेशा बिजी रहने वाले आफताब अहमद खान की लाइफ और भी बदल गई जब उनकी अकेली लाइफ में उनके हमसफर के रूप में शबा बानों ने कदम रखा। इसके बाद से उनकी लाइफ  और भी सुहावनी हो गई। करीब दो साल पहले उनका निकाह शबा बानों से हुआ। बिजनेस हो या फिर सोशल वर्क सभी में वह अपनी वाइफ की सलाह के बिना कोई कदम नहीं उठाते हैं। यही वजह है कि उनकी वाइफ भी उन्हें हर कदम पर सपोर्ट करती हैं। निकाह के एक साल बाद दोनों की खुशी और भी अधिक हो गई जब इनकी लाइफ में एक बेटे ने जन्म लिया। पूरा घर खुशियों से झूम उठा। उन्होंने अपने बेटे का नाम अबू तोराव खान रखा है। आफताब अहमद अपनी सक्सेस लाइफ के पीछे फैमिली मेंबर्स के अलावा अपनी वाइफ को श्रेय देते हैं।हुए सम्मानित हाई कोर्ट के जस्टिस ए के योग पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी पूर्व कमिश्नर पीवीसी जगमोहन डायसिस आफ लखनऊ पूर्व कमिश्नर उमाधर द्विवेदीइलाहाबाद प्रेस क्लब

Posted By: Inextlive