10 हजार पौधे नगर निगम की ओर से बीते साल रोपे गए थे

देखभाल न होने से अधिकतर पौधे सूखे, बेमानी हो रहे निगम के दावे

कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई माधवपुरम की ग्रीन बेल्ट

Meerut. गर्मियों की शुरुआत के साथ ही राहगीरों ने पेड़ों की छांव की तलाश शुरु कर दी है. तेज धूप में राहत के लिए ना सिर्फ राहगीर बल्कि पशु-पक्षी भी पेड़ों की छांव में आश्रय लेते हैं. ऐसे में विकास कार्यो के कारण शहर में तेजी से हरियाली खत्म हो रही है. शहर में सिमटती हरियाली शहरवासियों के लिए भी मुश्किलें पैदा कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ शहर को हरा भरा बनाने की जिम्मेदारी लेने वाले नगर निगम ने पौधरोपण के अपने टारगेट की पूर्ति कर इतिश्री कर दी है. फिर चाहे वो पौधे लगाने के कुछ समय बाद ही बर्बाद हो गए हों, निगम को इसकी परवाह नही है.

10 हजार पौधे रोपे

गौरतलब है कि नगर निगम के उद्यान विभाग की ओर से बरसात से पहले हर साल जुलाई माह में पौधरोपण किया जाता है. वन विभाग द्वारा निगम को गत वर्ष करीब 10 हजार पौधे शहर में लगाने का टारगेट दिया गया था. निगम के अधिकारियों की मानें तो यह टारगेट गत वर्ष अगस्त माह में ही पूरा कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद निगम द्वारा इन पौधों को कोई सुध नही ली गई है.

ग्रीन बेल्ट से पौधे गायब

गौरतलब है कि शहर के वार्ड में बने पार्को से लेकर ग्रीन बेल्ट और डिवाइडर पर नगर निगम की ओर से पौधरोपण किया जाता है. निगम के अनुसार उसके दायरे में आने वाले अधिकतर सभी पार्क पौधों से हरे भरे हैं यहां तक की शहर में जगह-जगह बनी ग्रीन बेल्ट भी हरी भरी है, लेकिन हकीकत में शहर के अधिकतर ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण या अवैध निर्माण हेा चुका है. पार्क से पौधे चोरी हो चुके हैं यहां तक की जहां ग्रीन बेल्ट सुरक्षित है वहां पौधारोपण कूडे़ में तब्दील हो चुका है.

यहां किया गया पौधरोपण

हापुड़ अड्डे से गढ़ रोड तक डिवाइडर पर.

हापुड रोड पर संतोष हॉस्पिटल के सामने ग्रीन बेल्ट.

एल ब्लॉक ग्रीन बेल्ट.

शास्त्रीनगर, जागृति विहार व माधवपुरम पार्क.

गत वर्ष 10 हजार पौधों का टारगेट मिला था जिनमें से अधिकतर 15 अगस्त को पूरा कर दिया गया था. लगातार पौधों की निगरानी व पानी देकर पौधों का केयर किया जा रहा है.

सुनील सोम, उद्यान विभाग प्रभारी

Posted By: Lekhchand Singh