DEHRADUN :शहर में रोड एक्सीडेंट होना अब आम बात हो चुकी है. दिन प्रति दिन रोड एक्सीडेंट की संख्या बढ़ती जा रही है. सभी एक्सीडेंट का कारण रफ ड्राइविंग के अलावा ड्रिंक कर ड्राइव करना सामने आता है लेकिन पुलिस चाहते हुए भी ड्रिंक कर ड्राइव करने वालों पर सख्ती नहीं कर सकती थी. जिसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि एल्कोमीटर की कमी थी. इसके अभाव में पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं है क्योंकि सिटी पुलिस को 10 नए हाईटेक एल्कोमीटर मिले हैं जिससे न केवल ह्यïूमन बॉडी में एल्कोहल की मात्रा पता लगाई जा सकती है बल्कि चंद मिनट में चालान भी काटा जा सकता है. फिलहाल इस मशीन को ऑपरेट करने की जानकारी पुलिस कर्मियों को दी जा रही है.


मुकर जाते थे शराबी दरअसल, पुलिस को 2007 में एल्कोमीटर दिए गए थे, जो समय बीतने के साथ ही खराब हो चुके हैं. ऐसे में पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती नहीं कर सकती थी क्योंकि यदि शराबी ने ड्रिंक किए जाने की बात से इंकार कर दिया तो पुलिस को उसका मेडिकल कराना पड़ता था. ऐसे में समय के साथ काम प्रभावित हो रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. ड्रिंक कर ड्राइविंग करने वालों पर लगाम लगाने के लिए आस्ट्रेलिया मेड 50 एक्लोमीटर स्टेट पुलिस को मिले हैैं, जिसमें दस एल्कोमीटर राजधानी पुलिस के हिस्से आएं हैैं. इतना ही नहीं चंद मिनट में इससे चालान भी काटा जा सकता है. जरूरत पडऩे पर वाहन को सीज करने की कार्रवाई भी इसी मशीन के माध्यम से की जा सकती है. हाईटेक है एल्कोमीटर


आस्ट्रेलिया मेड इस एल्कोमीटर की कई खासियत हैैं. कैरी करने में आसान इस एल्कोमीटर में टच स्क्रीन ऑपरेटिंग सिस्टम लगा हुआ है. चार्जेबल बैटरी सिस्टम होने के कारण इसे कहीं भी चार्ज किया जा सकता है. खास बात यह है कि एल्कोमीटर में दो डिवाइसेस हैैं जो आपस में ब्लूटूथ से कनेक्ट हैैं. टच स्क्रीन डिवाइज में छोटा सा माउथ पाइप लगाया गया है, जिसमें फूंक मारते ही ह्यïूमन बॉडी में मौजूद एल्कोहल की मात्रा का पता चल जाता है. यदि शराब की मात्रा तय मात्रा से अधिक पाई जाती है तो इसी मशीन में टच पैनल स्क्रीन से चालान काटने का डाटा टाइप किया जाता है. प्रिंट के ऑप्शन पर क्लिक करते ही ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट दूसरी डिवाइस से चालान का पर्चा निकल आता है. इसी पूरी प्रक्रिया में एक से दो मिनट का समय लगता है. दी जा रही ट्रेनिंग पहली बार स्टेट पुलिस को इस तरह की हाईटेक एल्कोमीटर मिला है. जिसे ऑपरेट करने के लिए पुलिस कर्मियों को ट्रेंड किया जा रहा है. गत गुरुवार को एक्सपट्र्स ने स्टेट से आए कुछ पुलिस कर्मियों को एल्कोमीटर चलाने की जानकारी दी. पुलिस का प्रयास है थर्टी फस्र्ट से पहले ही पुलिस कर्मी एल्कोमीटर को ऑपरेट करने की जानकारी हासिल कर लें, ताकि न्यू ईयर पर शराब पीकर हुड़दंग करने वालों के अलावा रफ ड्राइविंग करने वालों से सख्ती से निपटा जा सके. सिटी की ट्रैफिक पुलिस इस मशीन को पूरी तरह ऑपरेट करना सीख गई है. थर्टी फस्र्ट को यहां होगी चेकिंग :- मसूरी डायवर्जन - राजपुर रोड - धर्मपुर - आईएसबीटी - कनक सिनेमा - कारगी चौक - जोगीवाला - रिस्पना पुल

- सहस्त्रधारा क्रॅासिंग - घंटाघर शराब पीकर हुड़दंग करना अपराध यूं तो शराब पीना कोई अपराध नहीं है, लेकिन शराब पीकर ड्राइविंग करने के अलावा हुड़दंग करना अपराध है. जिस पर अंकुश लगाने के लिए आईपीसी की डिफरेंट धाराओं में कार्रïवाई का प्रावधान है. मसलन शराब पीकर ड्राइव करते हुए पकड़े जाने पर एमवी एक्ट में चालान काटने का नियम है. जरूरत पडऩे पर वाहन को सीज करने की कार्रवाई भी की जा सकती है. इसी तरह सार्वजनिक स्थान पर शराब पीना व हुड़दंग करने पर आईपीसी की धारा 151 में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. पुलिस यह कार्रवाई खुद के लिए नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए करती है ताकि शांति बनी रहे. ऐसे काटा जाएगा चालान  

एल्कोमीटर मशीन की टच स्क्रीन डिवाइस में कुछ चीजें ऑटोमैटिक तरीके से फीड रहेंगी, जिसमें डेट टाइम के अलावा शराब की मात्रा प्रमुख है, जबकि डीएल नंबर, व्हीकल नंबर, प्लेस ऑफ टेस्ट व ड्राइविंग नेम पुलिस कर्मियों को खुद फीड करने होंगे. सभी प्वाइंट्स को फुल फिल करने के बाद प्रिंट का ऑप्शन मारते ही ब्लूटूथ से कनेक्ट दूसरी डिवाइस से एक पर्ची निकलकर बाहर आएगी. जिस पर पुलिस कर्मी और ड्राइवर के  सिग्नेचर का ऑपशन ब्लैैंक होगा. पुलिस कर्मी अपने स्थान पर सिग्नेचर कर यह पर्ची शराबी वाहन चालक को सौंप देगा. इसी के साथ चालान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.ताकि इंफेक्शन न हो ट्रैफिक इंस्पेक्टर विरेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि अमूमन किसी भी एल्कोमीटर में फूंक मारने के लिए एक छोटा पाइप होता है. जिसको लेकर लोगों काफी विरोध करते हैैं कि यह पाइप कभी साफ नहीं होता है. सभी लोग एक ही पाइप पर फूंक मारते हैैं जिससे बीमारी फैलने का खतरा है, लेकिन न्यू हाईटेक एल्कोमीटर किट में नहीं आधा दर्जन से अधिक पाइप हैैं. एक व्यक्ति के मशीन में फूंक मारने के लिए नया पाइप लगा दिया जाएगा, ताकि इन्फेक्शन न हो.  दो पेग ही ठीक हैं
अभी तक के शोध में यह बात सामने सामने आई है कि एक बियर की बोटल या फिर दो पेग वाइन लेकर ड्राइविंग की जाए तो आदमी सेंस में ड्राइविंग करता है, जबकि इससे अधिक एल्कोहल लेने पर चालक रफ ड्राइविंग पर उतर आता है. एक बियर बोटल या फिर दो पेग में 30 एमएल प्रति 100 ग्राम एल्कोहल होता है. इतनी मात्रा कई दवाईयों में भी पाई जाती है. यही कारण है कि एल्कोमीटर से यदि किसी व्यक्ति के शरीर में 30 एमएल प्रति 100 एमएल एल्कोहल पाया जाता है तो उसका चालान नहीं काटा जा सकता है. राजधानी पुलिस को दस नए एल्कोमीटर मिले हैैं, जिन्हें ऑपरेट करना ट्रैफिक कर्मी सीख गए हैं. अब इनसे शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों की जांच की जा रही है. अब तक कुछ लोगों के चालान भी किए गए हैं. थर्टी फस्र्ट को इसे बड़े स्तर पर यूज किया जाएगा, ताकि कोई भी थर्ट फस्र्ट के सेलिब्रेशन में खलल न डाल सके. -प्रदीप राय, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Ravi Pal