-9770 वर्ग मीटर जगह पर बनाया जाएगा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

-3000 से 4000 रुपए 15 दिन की फीस प्राइवेट ड्राइविंग इंस्टीट्यूट लेते हैं

-काष्ठ कला केंद्र की खाली पड़ी जमीन पर परिवहन विभाग बनाएगा मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट

-मैप हुआ स्वीकृत, इलेक्शन के बाद शुरू किया जाएगा काम

बरेली:

बरेलियंस को गाड़ी चलाना सीखने के लिए अब कहीं भटकना नहीं होगा और न ही इसके लिए ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे. परिवहन विभाग अब मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने जा रहा है. इसमें वह लोगों को गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग देगा, वह भी बहुत ही कम फीस में. साथ ही ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट भी जारी करेगा. जिससे आरटीओ से लाइसेंस लेने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. वहीं परिवहन विभाग की इस पहल से फर्जी सर्टिफिकेट से लाइसेंस लेने वालों पर भी लगाम कसेगी.

नक्शा हुआ स्वीकृत

अर्बन हाट के पास काष्ठ कला आइटीआई की खाली पड़ी करीब 9770 वर्ग मीटर जगह पर ट्रेनिंग इस्टीट्यूट बनाया जाएगा. परिवहन आयुक्त ने हाल ही में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के नक्शे को स्वीकृति दी है. साथ निरीक्षण कर इसको पास भी कर दिया है. इसके बाद अब ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुलने का रास्ता साफ हो चुका है.

इलेक्शन बाद शुरू होगा काम

नक्शा लखनऊ के आर्किटेक्ट ने तैयार किया है. जल निगम के रेजीडेंट इंजीनियर और प्रोजेक्ट मैनेजर इस पर मुहर लगा चुके हैं. इलेक्शन के बाद इसके निर्माण का काम शुरू किया जाएगा.

टेस्टिंग ट्रैक की तरह होगी व्यवस्था

परसाखेड़ा में दो साल पहले बने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक से मिलता-जुलता ही ट्रेनिंग के लिए भी ट्रैक तैयार किया जाएगा. सड़कों की जरूरत के हिसाब से टै्रक बनाए जाएंगे. सिंगल आठ, एच शेपऔर वाई शेप का ट्रैक होगा. इसके अलावा किसी कर्व सड़क के टेल एंड से गाड़ी कैसे वापस लेनी है, यह भी सिखाया जाएगा.

कम फीस में मिलेगा लाभ

ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए परिवहन विभाग फीस भी लेगा. हालांकि अधिकारियों के मुताबिक यह प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के मुकाबले कम होगी. इसके अलावा जिस हिसाब से परिवहन विभाग में निजीकरण हो रहा है. ऐसे में अधिकारियों का भी मानना है कि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को भी निजी हाथों में सौंपा जा सकता है.

सेंसर किए जाएंगे ठीक

परसाखेड़ा में बने ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने ड्राइवर से ट्रैक पर गाड़ी चलवाई थी. ट्रैक पर इनोवा गाड़ी का पिछला हिस्सा बार-बार टच कर रहा था. अनुभवी ड्राइवर के भी टेस्ट पास करने में दिक्कत पर देखा गया कि टै्रक में सेंसर पास लगे हैं. ऐसे में अब सेंसर कुछ दूर करने का काम किया जाएगा.

वर्जन

आइटीआई की खाली जमीन पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट यानी डीटीआइ बनना तय हुआ है. परिवहन आयुक्त ने जगह का मुआयना कर जगह और नक्शा पास कर दिया है. इसी वित्तीय वर्ष में इस पर काम शुरू हो जाएगा.

- आरपी सिंह, एआरटीओ (प्रशासन), बरेली मंडल

Posted By: Radhika Lala