-अभी तक बरेली आरटीओ ऑफिस से जारी होते थे डीएल

-शासन ने लिया निर्णय सारथी सॉफ्टवेयर पर आधारित स्मार्ट कार्ड होगा जारी

बरेली:

आरटीओ ऑफिस से बनने वाले डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) अब सेंट्रलाइज्ड ऑफिस यानि लखनऊ से बनेंगे, लेकिन इसके लिए अप्लाई ऑनलाइन करना होगा, जबकि टेस्ट और अन्य प्रक्रिया आरटीओ ऑफिस बरेली में ही होगी.

अप्रैल से शुरू होगी प्रक्रिया

सारथी सॉफ्टवेयर पर आधारित स्मार्ट कार्ड डीएल योजना के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया हुई है. जिसमें एक निजी कंपनी मैसर्स स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और परिवहन विभाग के बीच 20 सितम्बर 2018 को अनुबंध हुआ, लेकिन अनुबंध पर हस्ताक्षर 28 फरवरी 2019 को हुए. परिवहन विभाग के साथ हुए अनुबंध के अनुसार कंपनी को 1 अप्रैल से डीएल बनाने का काम शुरू करना है. जिसके लिए कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके बाद अब डीएल के लिए प्रक्रिया तो बरेली आरटीओ ऑफिस में ही पूरी की जाएंगी लेकिन कार्ड लखनऊ में बनेगा और वहीं से सीधे आवेदक के घर पहुंचेगा.

निजी कंपनी ही करेगी पूरा काम

आरटीओ ऑफिस में स्मार्ट डीएल बनाने का काम अभी तक एमटेक निजी कंपनी कर रही थी. जो आवेदक डीएल के लिए अप्लाई करता था कंपनी उसका फोटो लेती थी लेकिन बायोमैट्रिक और सिग्नेचर कराने का काम आरटीओ ऑफिस कर्मी कराते थे. अब सेंट्रलाज्इड व्यवस्था में पूरी प्रक्रिया ही बदल दी गई है. अब सेंट्रलाज्ड ऑफिस से बरेली आरटीओ ऑफिस में एक ऑफिस बनेगा. जहां पर लखनऊ का स्टाफ बैठेगा जो आवेदक का डिजिटल सिग्नेचर, फोटो और बायोमैट्रिक का सभी काम करेगा. एआरटीओ को सिर्फ अपू्रवल देना होगा. इसमें आरटीओ ऑफिस के बाबू का कोई काम नहीं होगा. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीएल का डाटा लखनऊ भेज दिया जाएगा, जहां से कार्ड प्रिंट कर आवेदक के पते पर भेजा जाएगा.

क्यों बदली गई प्रक्रिया

अक्सर आवेदकों की शिकायत होती थी कि डीएल देरी से पहुंच रहे हैं या फिर बनवाने में प्रॉब्लम आ रही है. इन सभी शिकायतों को संज्ञान में रखते हुए शासन ने एक सेंट्रलाज्ड ऑफिस से काम करने का निर्णय लिया है. ताकि पूरी प्रक्रिया की निगरानी हो सके.

देरी पर होगा जुर्माना

प्रक्रिया शुरू होते ही डीएल डिस्पैच का काम लखनऊ से होगा. इसके बाद किसी आवेदक का लाइसेंस देरी से पहुंचता है तो उसके लिए कंपनी पर 10 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा. हालांकि लखनऊ से कितने दिन में डीएल आवेदक के घर पहुंचेगा इसके लिए अभी समय सीमा निर्धारित नहीं हुई है.

डेली बनाए जाते हैं 200 से अधिक डीएल

अफसरों की मानें तो इस समय आरटीओ ऑफिस में सौ लर्निग और सौ परमानेंट डीएल डेली बनाए जाते हैं, लेकिन फीस जमा करने वालों की संख्या अधिक होती है. इसमें डेट देकर आवेदकों को टेस्ट के लिए बुलाया जाता है. ताकि कोई अव्यवस्था न हो. अब सेंट्रलाज्ड व्यवस्था लागू होने से आवेदक का लाइसेंस लखनऊ से ही जारी होगा.

लगेगी फर्जीवाड़े पर रोक

सारथी सॉफ्टवेयर आधारित डीएल कार्ड जारी होने पर वह ऑनलाइन भी देखे जा सकेंगे. इससे फर्जीवाड़ा कर लाइसेंस बनवाने वालों पर लगाम लग जाएगी. शासन ने इसी उददेश्य से यह योजना लागू की है.

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1 अप्रैल से लर्निग और परमानेंट डीएल बनाने का काम सेंट्रलाइज्ड किया जाएगा. ऑनलाइन आवेदन के बाद लोकल स्तर पर सिर्फ टेस्ट होगा. जिसके बाद लखनऊ से कार्ड जारी होगा और वहीं से डिस्पैच होगा.

आरपी सिंह ,एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Radhika Lala