पटना के कदमकुआं थाने में नशेड़ी दारोगा कर रहा था ड्यूटी, थाने से ही मिल गई जमानत

PATNA : पटना में एक बार फिर खाकी वर्दी शर्मसार हो गई है. शराबबंदी कानून की धज्जियां कानून को पालन कराने वाले ही उड़ा रहे हैं. पटना के कदमकुआं थाने में एसआई कृष्ण कुमार राय शराब के नशे में रात में ड्यूटी कर रहा था. घटना प्रकाश में आने के बाद आला अधिकारियों के निर्देश पर एसआई को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उसे सस्पेंड कर दिया गया है लेकिन इस मामले में हैरत की बात ये है कि एसआई को जमानती धारा में अपराध दर्ज करने के बाद उसे थाने से ही जमानत दे दी गई. इस पूरे मामले में आला अधिकारी एसआई को बचाने में जुटे रहे. आरोपी एसआई पर गैर जमानती धारा लगाने के बजाए उसके खिलाफ जमानती धारा लगा दी गई है. इस कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है.

पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे कई सवाल

पुलिसकर्मी के पास शराब कहां से आई : बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. इसके बावजूद थाने का एसआई शराब पीकर ड्यूटी कर रहा था. आखिर उसके पास कहां से शराब पहुंची और किसी ने उसे देखा कैसे नहीं?

उचित धारा क्यों नहीं लगाई गई :

आरोपी दारोगा के खिलाफ पुलिस ने धारा 37-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जबकि जानकारों का कहना है कि अन्य धाराएं भी लगनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया?

आखिर दारोगा पर किसका था हाथ :

दारोगा के खिलाफ पुलिस ने उचित मुकदमा दर्ज नहीं किया. आखिर पुलिस किसके दबाव में एसआई को बचा रही थी और उसके पीछे पुलिस की मंशा क्या है?

मुख्यालय का आदेश किसके लिए था : मुख्यालय से आदेश जारी किया गया था कि जो भी व्यक्ति नशे में दिखेगा, कानूनी कार्रवाई होगी. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें जेल भेजा जाएगा. इसके बावजूद लीपापोती क्यों?

क्या प्रावधान किया गया है शराबबंदी की धारा 37 में

सेक्शन ए : किसी स्थान में शराब अथवा मादक पदार्थ का द्रव्य का उपयोग करता है.

सेक्शन बी : किसी स्थान में नशे में अथवा मदहोश की अवस्था में पाया जाता है.

सेक्शन सी : शराब पीकर और नशे की अवस्था में किसी स्थान पर उपद्रव अथवा हिंसा कराता हो. जिसमें उसका अपना घर अथवा परिसर शामिल हो.

सेक्शन डी : की अनुमति देता है अथवा सरल बनाता है. या अपने स्वयं का घर अथवा परिसर में नशेडि़यों को जमा होने की अनुमति देता है.

इन धाराओं में क्या है सजा का प्रावधान

खंड क और ख के अधीन किसी अपराध की दशा में कम से कम पांच वर्ष की सजा, जिसे बढ़ाकर 7 वर्ष किया जा सकेगा और जुर्माने एक लाख रुपया होगा. जिसे बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जा सकेगा.

खंड ग और घ के अधीन आने वाले किसी अपराध की दशा में कम से कम 10 वर्षो की कारावास, जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास तक किया जा सकेगा और जुर्माने कम से कम एक लाख रुपए होगा, जिसे बढ़ाकर 10 रुपए तक किया जा सकेगा.

एसपी सेंट्रल पीके दास से सीधी बात

सवाल : एसआई को थाने से जमानत क्यों दी गई ?

एसपी सेंट्रल : एसआई के खिलाफ जमानती धारा है. इस कारण उन्हें थाने से जमानत दी गई है. .

सवाल : शराब जैसे गंभीर अपराध में जमानती धारा क्यों लगाई गई ?

एसपी सेंट्रल : कानून में जो प्रावधान है. उसी के हिसाब से एसआई पर धारा लगाई है.

सवाल : इस तरह के मामले में क्या पहले भी किसी को थाने से जमानत मिली है ?

एसपी सेंट्रल: इस मामले में मुझे जानकारी नहीं है. पटना में मैं अभी आया हूं.

सवाल : एसआई के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई होगी ?

एसपी सेंट्रल : एसआई को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले में विभागीय जांच की जाएगी.

Posted By: Manish Kumar