- जम्मू-कश्मीर में भारी बाढ़ से कश्मीरी फलों और ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई ठप

- मार्केट से गायब हुआ कश्मीरी सेब और अखरोट, शिमला सेब के भी भाव चढ़े

-नवरात्रि में दिखेगा भारी असर, तीन गुने तक बढ़ सकते हैं कश्मीरी प्रोडक्ट्स के दाम

- शहर के व्यापारियों का कश्मीरी व्यापारियों से संपर्क टूटा, तबाही के आंकलन के बाद सामने आएगी हकीकत

kanpur@inext.co.in

KANPUR। भीषण बाढ़ ने धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से तोड़ दिया है। कश्मीर पर बरप रहे कुदरत के कहर का असर सिर्फ कश्मीरियों पर ही नहीं बल्कि पूरे देश पर पड़ा है। कानपुर में भी इसका असर दिखने लगा है। बाढ़ में फसल तबाह होने और ट्रांसपोर्टेशन ठप होने से कश्मीरी सेब शहर की मार्केट से गायब हो गया है। अखरोट और बादाम की शॉर्टेज होने से इनके भाव तेजी से ऊपर जा रहे हैं। कश्मीर के हालात देखते हुए व्यापारियों ने माल रोक भी लिया है। इसका सबसे ज्यादा असर क्ख् दिन बाद शुरू होने वाले नवरात्रि पर दिखाई देगा। मां के भक्तों को इस बार फलाहार के लिए कुछ ज्यादा ही जेब ढीली करनी पड़ेगी।

मां के भक्तों को होगी मुश्किल

इस नवरात्रि पर व्रत में इस्तेमाल होने वाला सामान महंगा मिलेगा। पिछले साल की नवरात्रि को देखते हुए पहले से करीब ख्0 प्रतिशत तक सामान महंगा बिक रहा है। ऊपर से कश्मीर की बाढ़ कई तरह के ड्राई फ्रूट्स व फलों के दाम बढ़ा देगी। नयागंज में ड्राई फ्रूट की दुकान चलाने वाले गिरधारी लाल ने बताया कि कश्मीर में आई आपदा से वहां से आने वाले फल और सूखे मेवे की सप्लाई ठप हो गई है। नेटवर्क ठप होने से हमारा संपर्क भी वहां के व्यापारियों नहीं हो पा रहा है। कश्मीरी सेब, कश्मीरी नागा, बब्बू घोसा, अखरोट, कश्मीरी बादाम व केसर पर इस त्रासदी का सीधा असर पड़ेगा। जिससे भविष्य में इसके दाम बढ़ेंगे।

बाढ़े में तबाह हुई फसल

नयागंज में लल्लू-मल्लू पंसारी के नाम से ड्राई फ्रूट की दुकान चलाने वाले नितिन गुप्ता ने बताया कि मार्केट से अखरोट लगभग गायब सा हो गया है। इसका कारण ये है कि ये समय अखरोट की नई खेप आती है। ऐसे में पिछले एक माह से दुकानदार अखरोट के रखे हुए स्टाक को खत्म करने में लगे थे। अब जब कि कश्मीर में बाढ़ का कहर है। ऐसे में अखरोट की आमद होने की संभावना फिलहाल कम ही दिख रही है। मार्केट में अखरोट की जबरदस्त कमी है। यदि ऐसे ही रहा तो नवरात्रि तक अखरोट के दाम दुगने हो जाएंगे।

स्टोर नहीं कर सकते शिमला का सेब

फूलबाग में फलों का काम करने वाले ओम पहाड़ी ने बताया कि कश्मीरी सेब तो मार्केट में पहले से ही नहीं है। अब तो सेब आने की भी संभावना नहीं दिख रही है। मार्केट में सेब के नाम पर सिर्फ शिमला का सेब है। लेकिन शिमला का सेब स्टोरेज में ख्-फ् माह से ज्यादा नहीं रुकता है। ऐसे में सिटी का व्यापारी ज्यादा मात्रा में सेब नहीं मंगा सकता है। जबकि कश्मीर का सेब आराम से क् साल तक स्टोर किया जा सकता है।

कश्मीरी नागा व बब्बू घोसा के दाम भी बढ़े

फल व्यापारी सलीम ने बताया कि कश्मीर से कश्मीरी सेब के अलावा कश्मीरी नागा व बब्बू घोसा भी आते हैं। जो मार्केट में काफी पसंद किए जाते हैं। सेब के साथ-साथ ये फल भी गायब हैं। बाढ़ के चलते आगे इनके आने की उम्मीद भी कम है।

तीन गुना तक महंगा

मार्केट एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि कश्मीरी सामान आने वाले दिनों में तीन गुना तक महंगा हो सकता है। अभी कश्मीरी व्यापारियों से किसी की कोई बात ही नहीं हो पा रही है। ऐसे में वहां किस पैमाने पर और कितना नुकसान हुआ, इसका अंदाजा लगना कठिन है। मार्केट एक्सपर्ट विकास मिश्रा ने बताया कि कश्मीर से ट्रांसपोर्ट रुकने से सप्लाई प्रभावित हो रही है। इसलिए नुकसान और दाम कितने बढ़ेंगे, ये अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल हो रहा है।

पहले से महंगा है व्रत का सामान

व्यापारी आकाश गुप्ता ने बताया कि नवरात्रि व्रत का सामान पहले से ही महंगा चल रहा है। बादाम, अखरोट, किशमिश, सिंघाड़े का आटा, कूटू का आटा, गरी बुरादा, अंजीर, गरी का गोला, काजू आदि खाद्य सामान पहले से ही महंगा चल रहा है। इन सामानों में ख्0 से ब्0 प्रतिशत तक की महंगाई पिछले नवरात्रि के मुकाबले में आई है। कश्मीरी प्रोडक्ट्स तो अब और महंगे होंगे ही।

ड्राई फ्रूट के रेट्स(रुपये प्रति किलो)

ड्राई फ्रूट पिछली नवरात्रि अब

बादाम(नार्मल) म्भ्0 7क्0

अखरोट(नार्मल) क्ख्00 क्800

किशमिश क्80 फ्भ्0

काजू(नार्मल) ब्भ्0 भ्00

खुमानी ख्भ्0-फ्00 ब्00-म्00

अंजीर ब्00-ब्भ्0 भ्00-भ्भ्0

नवरात्रि पर इस्तेमाल होने वाला अन्य सामान(रुपये प्रति किलो)

सामान पिछली नवरात्रि अब

सिंघाणा क्00-क्क्0 क्भ्0-क्80

कूटू फ्0-ब्भ् ब्0-म्0

गरी बुरादा क्भ्0-क्70 क्7भ्-ख्00

गरी गोला 80-90 ख्भ्0

कश्मीर की खासियत ये हैं

- कश्मीरी सेब

- कश्मीरी नागा

- बब्बू घोसा

- कश्मीरी बादाम

- अखरोट

- केसर

कश्मीर सेब- क्80-ख्00 रुपये किलो

नागा क्ख्0-क्भ्0 रुपये किलो

बब्बू घोसा- क्00 रुपये किलो

केसर- क्7भ्-क्80 रुपये प्रति ग्राम

बॉक्स

केसर को नहीं होगा ज्यादा नुकसान

व्यापारी गिरीश भाटिया ने बताया कि कश्मीर की बाढ़ का केसर की मार्केट पर फिलहाल ज्यादा असर नहीं पड़ा है। क्योंकि केसर की फसल दिसम्बर से मार्च के बीच आती है। ये समय केसर के लिए ऑफ सीजन है। वैसे भी केसर काफी ऊंचाई वाले स्थानों पर होती है। इस समय मार्केट में केसर क्7भ्-क्80 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से मिल रही है।

Posted By: Inextlive