PATNA : शहर में रह रहे 2 हजार वाहन मालिकों ने अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन में नया पता दर्ज नहीं कराया है. इस कारण उनके पते पर भेजे गए चालान वापस आ रहे हैं. चालान वापस आने से ट्रैफिक पुलिस को लगभग एक करोड़ रुपए का राजस्व नहीं मिल पा रहा है. अब ट्रैफिक पुलिस ने वाहन स्वामियों से अपील की है कि वे अपने वाहन की आरसी में नया पता अपडेट करवा दें. इसके बाद भी जो लोग अपना एड्रेस अपडेट नहीं करवा पाए तो उनके खिलाफ कोर्ट से पुलिस वारंट जारी करवाएगी. पटना में ये काफी भयावह स्थिति होती जा रही है. 95 फीसदी ऐसे लोग हैं जो चालान भी जमा नहीं कर रहे हैं.

अपडेट नहीं होने से परेशानी

दरअसल, शहर में हजारों वाहन स्वामी ऐसे हैं जिन्होंने पहले किसी पते पर गाड़ी खरीद ली थी, अब वे वहां पर नहीं रह रहे हैं. उन्होंने अपना नया पता आरसी में अपडेट भी नहीं कराया है. ऐसे किसी वाहन स्वामी का विभाग की टीम चालान करती है तो वह उन तक नहीं पहुंच रहा है. ट्रैफिक पुलिस संबंधित थाना क्षेत्र को चालान भेजती है. जब संबंधित पुलिस एड्रेस पर जाती तो वहां कोई नहीं मिलता. बाद में पुलिस ट्रैफिक पुलिस को चालान लौटा देती है.

पॉलिसी से खोज रहे हैं पता

ट्रैफिक पुलिस ने वाहन मालिकों तक चालान पहुंचाने के लिए नया तरीका निकाला है. वह वाहनों के नंबर के आधार पर उनकी बीमा पॉलिसी भी चेक करवा रही है. पुलिस का मानना है कि वाहन चालक हर साल अपने वाहन का बीमा रिन्यू करवाते हैं. वहां उन्हें अपना नया पता दर्ज कराना होता है. ऐसे में वाहन स्वामी का पूरा पता वहीं से मिल सकता है. नंबर के आधार पर बीमा कंपनी से उनका पता निकाला जा रहा है. फिर उस पते पर चालान भेजा जा रहा है.

250 कैमरे से रखी जा रही नजर

जून, 2018 में पटना में ई-चालान सिस्टम शुरू हुआ था. ट्रैफिक पर कंट्रोल करने के लिए शहर में करीब 250 कैमरे लगे हुए हैं. कंट्रोल रूम से ही ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले वाहन चालकों का चालान बनाया जा रहा है. इसके बाद लोगों को डाक के माध्यम से चालान भेजा जाता है. राजधानी में सबसे ज्यादा चालान जेब्रा क्रॉसिंग नियम को तोड़ने वाले चालकों का बन रहा है. जेब्रा क्रॉसिंग नियमों के उल्लंघन करने पर 600 रुपए जुर्माना है.

हर दिन कट रहे 25 चालान

पटनाइट्स टै्रफिक रूल्स तोड़ने में आगे हैं. कानून तोड़ने वाले 25 वाहन चालकों को हर दिन चालान भेजा जा रहा है. पिछले 7 महीने में 5 हजार 420 लोगों ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है. इन्हें ट्रैफिक पुलिस ने नोटिस भेजा है. इसके बावजूद जुर्माना नहीं भर रहे है. पिछले 7 महीने में महज 281 लोगों ने जुर्माना भरा है. वहीं 4 हजार 415 लोग अभी तक जुर्माना नहीं भरे हैं. यानी पटना में 95 फीसदी लोग जुर्माना नहीं भर रहे हैं.

एक डाक भेजने पर औसतन 20 रुपया होता है खर्च

जब किसी के घर से ऑनलाइन चालान भेजा जाता है. इसके लिए फारमेट तैयार किया जाता है. इस फारमेट के तहत ही ई-चालान भेजा जाता है. इसमें औसतन एक चालान पर 20 रुपया खर्च होता है. ऐसे में विभाग को राजस्व आने के बाद बजाय उल्टा खर्च ही रहा है. इससे ट्रैफिक विभाग को हर साल काफी नुकसान हो रहा है.

Posted By: Manish Kumar