वैज्ञानिकों की मानें तो जापान में भूकंप के झटके अभी आते रहेगें.

11 मार्च को आए भूकंप और उससे उठी सुनामी ने पूरी धरती की भौगोलिक स्थिति को बदल कर रख दिया. सारी दुनिया को प्राकतिक आपदाओं की भयावहता का खतरनाक एहसास हो गया. इस तबाही के बाद 6.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया और फिर यह सिलसिला चल निकला. भूवैज्ञानिकों में यह बहस छिड़ गयी कि आखिर जापान कब तक ऐसे ही कांपता रहेगा. वैज्ञानिकों की मानें तो जापान में भूकंप के झटके अभी आते रहेगें.
11 मार्च के बाद जापान में कम तीव्रता के सैकड़ों भूकंप आये है. भूवैज्ञानिक मार्गन पेज  का कहना है कि हर भूकंप के बाद छोटे- छोटे झटके आते ही हैं. इन्हें aftershocks कहते हैं. बड़े भूकंपों के बाद के झटके और भी बड़े होते हैं. (Every earthquake has aftershocks. Bigger earthquakes just have more).
बताया जाता है कि भूकंप आने के बाद सतह के नीचे की टैक्टानिक प्लेटें खिसक जाती हैं. बाद मे ये धीरे धीरे खुद को रिअरजेस्ट करती हैं. इसी प्रासेस में भूकंप आता है.


जिस जगह भूकम्प आया होता है वहां सबसे ज्यादा aftershocks आते हैं. फिर धीरे घीरे यह कम और फिर और कम होते जाते हैं. पेज कहते हैं कि इस आधार पर जापान में 8 तीव्रता वाले भूकंप आयेंगे और फिर कम से कम उससे 10 गुना ज्यादा बार 7 तीव्रता वाले और फिर उससे कहीं ज्यादा गुना बार 6 और 5 तीव्रता वाले भूकंप आते रहेंगे. इस तरह जापान रह रह कर हिलता रहेगा.
जापान में आया यह भूकंप सदी का तीव्रतम भूकंप है. इसको रियक्टर स्केल पर 9.0 नापा गया है. इस भूकंप के बाद धरती अपनी अपने केंद्र से करीब 6.5 इंच दूर खिसक गई है और दिन एक सेकैंड के दस लाखवें भाग से छोटा हो गया है. जापान की तटरेखा तो अपनी जगह से 13 फुट तक पूर्व की ओर खिसक गई है.

List of top Five Earthquakes, world has ever seen


Chile-                                                                9.5                                     May 22, 1960


Prince William Sound, Alaska                          9.2                                     March 28, 1964


Andreanof Islands, Aleutian Islands                 9.1                                     March 9, 1957


Japan                                                                9.0                                     Mar 11, 2011


Kamchatka
                                                        9.0                                    Nov. 4, 1952

Posted By: Divyanshu Bhard