छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: मसीही समाज ने रविवार को ईस्टर पर्व यानि प्रभु यीशु के पुनरुत्थान पर्व मनाया। मान्यता है कि प्रभु यीशु मसीह बलिदान के तीसरे दिन रविवार को पुन:जीवित हो उठे थे। मसीही समाज के लोग शनिवार की देर रात चर्च में और रविवार को सुबह तीन बजे से शहर के कब्रिस्तानों में जाकर पूर्वजों की कब्र पर मोमबत्ती प्र”वलित कर विशेष आराधना की और अपने परिवार, समाज व विश्व शांति, कल्याण, एकता व प्रेम के लिए प्रार्थना की। मसीही समाज में मान्यता है कि प्रभु यीशु को आततायियों ने जब क्रूस पर लटका कर मार दिया था तब इसके तीसरे ही दिन प्रभु जीवित हो उठे थे।

प्रभु का संदेश दिया

ईस्टर संडे को भार तीन बजे से सीएनआई चर्च के सदस्य बेल्डीह और बाबूडीह स्थित कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों के कब्र पर फूल माला चढ़ाया और मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना किया। इस दौरान बेल्डीह में फादर दीपक अनिल जोजो और बाबूडीह में फादर जॉन पॉल सिरका ने प्रभु के पुनर्जन्म की जानकारी दी। जीईएल चर्च के सदस्य भोर चार बजे से कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों के कब्र पर प्रार्थना किया। इस दौरान बाबूडीह कब्रिस्तान में फादर सीतारन भेंगरा और बेल्डीह में फादर पौलूस पूर्ति ने प्रभु के पुनरूत्थान का संदेश दिया। कब्रिस्तान में पूर्वजों को याद करने के बाद चर्चो में प्रार्थना सभा हुआ। बेल्डीह चर्च में फादर मनोज कुमार चरण ने विश्व कल्याण और मानव जाति के उत्थान के लिए प्रभु यीशु के जीवित होने का संदेश दिया। बेल्डीह के साथ ही बिष्टुपुर बी रोड स्थित सेंट जॉर्ज चर्च, सीतारामडेरा के एमानुएल बेप्टिस्ट चर्च समेत सोनारी, टेल्को, बिरसानगर, कदमा, बिष्टुपुर सेंट मैरी, मानगो समेत अन्य चर्चो में ईस्टर प्रार्थना किया गया। सोमवार को सुबह बेल्डीह चर्च में ईस्टर मिलन समारोह का आयोजन किया गया है।

युवाओं ने ली सेल्फी

ईस्टर के मौके पर कब्रिस्तान पहुंचे मसीहियों ने खूब शेल्फी उठाया। पूर्वजों को फूल चढ़ाकर और मोमबत्ती जलाकर याद करने के बाद युवाओं ने जमकर शेल्फी उठाया। कब्रिस्तान के बाद सभी चर्च में जाकर प्रार्थना सभा में शामिल हुए।

Posted By: Inextlive