अफ्रीकी देशों में लगभग तीन हजार लोगों को मौत के घाट उतारने वाला इबोला वायरस लाइबेरिया के रास्‍ते होकर अमेरिका पहुंच चुका है. अमेरिकी मेडिकल ऑफिसर्स ने संक्रमित व्‍यक्ति को स्‍पेशल वॉर्ड में रखा है. इसी बीच विश्व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इबोला को मानव इतिहास की सबसे घातक बीमारी कहा है और दुनिया को एकजुट होकर इस वायरस से लड़ने को कहा है.


अमेरिका पहुंचा इबोला से संक्रमित व्यक्ति
अमेरिका के टेक्सास स्टेट में इबोला वायरस से संक्रमित व्यक्ति के सामने आने की खबर मिली है. अमेरिकी हैल्थ ऑफिशियल्स ने कहा कि उन्हें शुरुआती जांच के दौरान एक मरीज में इबोला के लक्षण मिले हैं. इसके बाद हैल्थ ऑफिशियल्स ने तुरंत कार्रवाही करते हुए मरीज को एक स्पेशल वार्ड में भर्ती कर दिया है. इसके साथ ही मरीज के इबोला से बचाव के लिए जरूरी उपचार शुरू कर दिए गए है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर थॉमस फ्रीडेन ने कहा है कि लाइबेरिया से आने वाले एक यात्री में इबोला के लक्षण देखे गए हैं. यह मरीज अपने परिवारीजनों से मिलने के लिए 19 सितंबर को लाइबेरिया से अमेरिका आया हुआ था. 20 सितंबर को अमेरिका पहुंचने पर इस मरीज में इबोला के लक्षण नही पाए गए थे. लेकिन अब इस मरीज में इबोला के लक्षण स्पष्ट हैं.


WHO ने दुनिया को चेताया

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि इबोला वायरस मानव इतिहास में सबसे घातक बीमारी है. इस बीमारी से अब तक दुनियाभर में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. WHO ने कहा है कि इस बीमारी से निपटने के लिए दुनिया के सभी देशों को हाथ से हाथ जोड़कर साझा प्रयास करने होंगे. इसके साथ ही इबोला वायरस को रोकने के निए इन प्रयासों को युद्ध स्तर पर किया जाना जरूरी है. गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस मुहीम में पहले से कई देश लगे हुए हैं.

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Posted By: Prabha Punj Mishra