यूपी खनन घोटाला : सीबीआर्इ के बाद ईडी भी करेगी जांच, चंद्रकला पर होगा मनी लांड्रिंग केस!
lucknow@inext.co.inLUCKNOW : सपा सरकार में अंजाम दिए गये खनन घोटाले की सीबीआई के बाद ईडी भी जांच करने जा रही है। गुरुवार को ईडी ने सीबीआई से बीते शनिवार को इस बाबत दर्ज की गयी एफआईआर की प्रति हासिल कर ली जिसके बाद ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह की मौजूदगी में अफसरों ने एफआईआर में नामजद आईएएस बी चंद्रकला समेत सभी 11 आरोपितों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करने के सभी पहलुओं पर गहन चर्चा की। माना जा रहा है कि ईडी इस मामले में अगले हफ्ते तक केस दर्ज कर लेगी। सीबीआई ने मारे थे छापे
बीते शनिवार को सीबीआई ने हमीरपुर में हुए खनन घोटाले में तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला समेत 11 आरोपितों के सात शहरों में 14 ठिकानों पर छापा मारा था। इसके बाद सीबीआई ने सभी आरोपितों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी। एफआईआर में आईएएस बी। चंद्रकला, खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, सपा एमएलसी रमेश कुमार मिश्र व उनके व्यापारी भाई दिनेश कुमार मिश्र, लीज होल्डर अंबिका तिवारी, लीज होल्डर संजय दीक्षित, लीज होल्डर सत्यदेव दीक्षित, लीज होल्डर रामअवतार सिंह, लीज होल्डर करन सिंह, लीज होल्डर आदिल खान को नामजद किया गया था। सीबीआई के इस बडे कदम के बाद ईडी ने भी इस मामले में दखल देना शुरू कर दिया है। ईडी जल्द ही केस दर्ज करके पता लगाएगी कि आखिर अवैध खनन से की गयी काली कमाई को आरोपितों ने कहां निवेश किया है। इसके बाद काली कमाई से जुटाई गयी उनकी संपत्तियों को ईडी अटैच करने की कार्रवाई को अंजाम देगी।मोदी शुगर मिल का केस दर्ज
वहीं दूसरी ओर ईडी ने मोदी शुगर मिल का केस भी दर्ज कर लिया है। इस मामले में प्रबंध निदेशक उमेश कुमार मोदी, अधिशासी अधिकारी एनके शर्मा, जीएम कॉमर्शियल वीके जैन, मुख्य महाप्रबंधक वेदपाल मलिक को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया गया है। करीब चार साल पुराना यह मामला किसानों के करीब सौ करोड़ रुपये के भुगतान में गड़बड़ी से जुड़ा है। मालूम हो कि विगत 18 मार्च 2015 को मोदीनगर प्रशासन ने शासन ने मोदी शुगर मिल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। आरोप था कि शुगर मिल ने गन्ना किसानों के पेमेंट में टैगिंग आदेश का उलंघन किया। इस मामले में 2013-14 की प्रशासन ने रिकवरी करा दी थी। इसके बाद मोदी शुगर मिल प्रबंधकों पर तीन एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी ने सभी चार एफआईआर की प्रमाणित प्रति मंगाने के बाद उसकी परीक्षण किया जिसके बाद सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।