आजकल महिलाओं को सबसे ज्यादा चिंता अपनी और अपने बच्चों की सिक्योरिटी की होती है। लगातार बढ़ते अपराधों के चलते उनके मन में सिक्योरिटी को लेकर डर बैठ गया है। महिलाएं चाहती हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वही जीते जो उनकी इस समस्या का समाधान कर सके। शुक्रवार को लिटिल मिलेनियम स्कूल में हुये दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इन एसोसिएशन विद रेडियो सिटी 91.1 एफएम मिलेनियल्स स्पीक जनरल इलेक्शन 2019 के मंच पर लॉ एंड आर्डर के साथ वीमेन एंड चाइल्ड सेफ्टी का इश्यू सबसे कड़क रहा।

बेटी की सुरक्षा सबसे बड़ी

मदर्स के लिए सबसे बड़ा कंसर्न बच्चों की सेफ्टी है। तभी तो जैसे ही आरजे मयंक ने इलेक्शन के कड़क मुद्दों पर सवाल किया तो मल्लिका चेतवानी ने साफ कहा कि इस बार वीमेन सिक्योरिटी ही उनके लिए चुनाव का मुद्दा रहेगी। हालात खराब हो रहे हैं। महिलाओं को हमेशा बेटियों की चिंता लगी रहती है। बड़े तो किसी तरह अपनी सिक्योरिटी कर लेते हैं, लेकिन बच्चों का क्या होगा? तभी आरजे ने पूछा कि इसका समाधान क्या है? इस पर उन्होंने कहा कि बस सख्त कानून बनाकर उसे लागू किया जाए। मल्लिका की बातों का समर्थन करते हुए गरिमा प्रकाश ने कहा कि वीमेन सेफ्टी उनके लिए भी सबसे बड़ा इश्यू है लेकिन पुलवामा की घटना ने हर इंडियन में आक्रोश भर दिया है। इस समस्या का भी हमेशा के लिए समाधान करना होगा।

बच्चों को मिले क्वालिटी एजुकेशन

चाय की चुस्कियों के बीच बहस अपने पूरे रंग में थी। आरजे के हंसी-मजाक के बीच गंभीर मुद्दों पर बातें बता रही थीं कि इसबार वोटर किन मुद्दों पर गंभीर हैं। तभी तो आभा सिंह ने कहा कि बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिले इसपर सोचना चाहिए। बच्चों का बैग इतना भारी है कि स्कूल से वापस आते-आते उनकी हालत खराब हो जाती है। इसके साथ आउटडोर गेम्स पर भी ध्यान दें। हमारा वोट इस बार इन्हीं मुद्दों पर जाएगा।

लॉ एंड ऑर्डर भी ठीक हो

बहस में शामिल होते हुए आशु ग्रोवर ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर में भी सुधार होना चाहिए। जॉब की भी प्रॉब्लम है। कुछ ऐसी व्यवस्था सरकार करे कि महिलाएं पार्ट टाइम जॉब भी कर सकें। इसलिए जो वीमेन के काम करेगा वोट तो उसी को जाएगा।

डिग्री है तो जॉब नहीं

मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर अपनी बात रखते हुये मो। अरिब कहते हैं कि इंप्लायमेंट और एजुकेशन लेवल को बढ़ाना होगा। स्टूडेंट महंगी पढ़ाई करके डिग्री तो ले लेते हैं लेकिन उसको जॉब नहीं मिलती। ऐसे में वह किसके पास जाएं। गवर्नमेंट को चाहिए कि ज्यादा जॉब निकाले। कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए कि लोग एजुकेशन लेकर देश में ही जॉब करें, न कि विदेश चले जाएं। बहस में शामिल होते हुए सुहासिनी ने कहा कि बच्चे गवर्नमेंट जॉब की ही तैयारी करते रहते हैं। सरकार सभी को जॉब नहीं दे सकती है। सरकार को प्राइवेट सेक्टर पर भी ध्यान देना होगा जिससे वहां भी काफी जॉब निकलें। सुहासिनी ने भी वीमेन सिक्योरिटी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्क प्लेस में होने वाले शोषण पर लगाम लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में उनका वोट इसी आधार पर जाएगा।

ट्रैफिक पर भी दे ध्यान

वही अपनी आखिर दौर में पहुंची मुद्दों की बात में अपनी बात रखते हुये तनुश्री बनर्जी ने कहा कि यहां ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है। अगर आप किसी बड़े अधिकारी को जानते है तो आपको कोई कुछ नहीं कहता है। एक खबर पढ़ी की किसी ने कार का दरवाजा खोला पान थूकने के लिए तभी एक बाइक वाला आकर भीड़ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आखिर गवर्नमेंट क्यों नहीं कड़े कदम उठाती। जो भी ट्रैफिक रूल्स को तोड़े उनके खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि हमारा देश बेहद खूबसूरत है और यहां का कल्चर सबसे बेहतरीन है। गवर्नमेंट को ऐसे लोगों के खिलाफ काम करना चाहिए जो हमारे सोशल फैब्रिक के लिए खतरा हैं। मेरे लिए तो यहीं दो सबसे बड़े मुद्दे हैं। वहीं सोनल अग्रवाल कहती है कि एक मां होने के नाते मेरी पहली चिंता बच्चों की सेफ्टी को लेकर है। गुरुग्राम और नोएडा जैसी घटनाएं सुनकर काफी डर लगा रहता है। गवर्नमेंट को इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। पैरेंटस तो खुद पर ध्यान दे लेते है लेकिन बच्चे कैसे अपना ध्यान रखें?

मेरी बात

इस बार के लोकसभा इलेक्शन में आतंकवाद सबसे बड़ा मुद्दा होगा। आतंकवाद के खिलाफ गवर्नमेंट ही कड़े कदम उठा सकती है। इसके साथ गवर्नमेंट को हमारी एकता पर भी ध्यान देना होगा। हम सभी देशवासी भाई-बहन हैं। हमारा कल्चर दूसरे देशों से अलग है। गवर्नमेंट को देखना होगा कि कोई भी ताकत हमारी एकता को नुकसान न पहुंचा सके।

तुषार चेतवानी

कड़क मुद्दा

मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर वीमेन एंड सिक्योरिटी का मुद्दा सबसे कड़क रहा। जहां सभी वीमेन का सोचना था कि गवर्नमेंट को ऐसे कड़े कानून बनाने चाहिए जो गलत काम करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दे सकें। घर, स्कूल और आफिस हर जगह सिक्योरिटी मिलनी चाहिए। ताकि किसी को चिंता न हो कि कभी आने में देर हो तो उसके साथ कुछ गलत हो सकता है।

कोट

वीमेन एंपॉवरमेंट और लॉ एंड आर्डर पर काम करना होगा। आखिर हमें भी हक है खुद को सुरिक्षत महसूस करने का। जो हमारी सुरक्षा का वादा करेगा, हमारा वोट तो उसी को जाएगा।

मल्लिका चेतवानी

आतंकवाद और महिला सुरक्षा इस बार लोकसभा चुनाव में बड़े मुद्दे हैं। गवर्नमेंट को वोट चाहिए तो इसपर उसे गंभीरता से सोचना होगा।

गरिमा प्रकाश

यह गवर्नमेंट का काम है कि बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन के साथ गेम्स के लिए भी प्रोत्साहित करे। उनके बैग का बोझ कम करे। सभी पार्टियों को इस दिशा में भी सोचना चाहिए।

आभा सिंह

लॉ एंड आर्डर में सुधार के साथ घर पर काम करने वाली महिलाओं के लिए भी सरकार को सोचना होगा। उसे देखना होगा कि महिलाएं कैसे अपने टैलेंट को निखार सकती हैं।

आशु ग्रोवर

जॉब और एजुकेशन लेवल बढ़ाए बिना देश का डेवलपमेंट नहीं हो सकता। सरकार कुछ ऐसा क्यों नहीं करती कि लोग विदेश जाने की जगह यहीं काम कर देश के विकास में योगदान दें।

मो। अरिब

गवर्नमेंट को प्राइवेट कंपनियों को भी सुविधाएं देनी चाहिए। ताकि वह अपने कार्यक्षेत्र में विस्तार करें और नई कंपनियां भी आएं। जब ऐसा होगा तो लोगों को जॉब में भी आसानी होगी।

सुहासिनी अक्षय

कोई भी सरकार आए उसे ट्रैफिक रूल्स को सख्त बनाना होगा। देश के सोशल फैब्रिक को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ काम करना होगा। मेरा वोट तो इसी बात पर जाएगा।

तनुश्री बनर्जी

आज बच्चों की सेफ्टी सबसे बड़ी चिंता का कारण है। इसको लेकर कड़े कानून बनाने चाहिए। हम लोग बच्चों की सुरक्षा के लिए हर जगह उनके साथ मौजूद नहीं रह सकते हैं।

सोनल अग्रवाल

Posted By: Inextlive