GORAKHPUR: आम दिनों में शोर-शराबे के बीच रहने वाला कलेक्ट्रेट परिसर मंडे को खाली था। लंबी कतार में लगे लोगों से खचाखच भरे रहने वाले पुलिस ऑफिस में भी सिर्फ खाकी वर्दीवाले ही नजर आ रहे थे। कचहरी में फरियादियों की भीड़ तो दूर काला कोट भी बमुश्किल नजर आ रहा था। बीएसएनएल और बिजली विभाग में बिल जमा करने के लिए आमतौर पर मारामारी मची रहती है, लेकिन मंगलवार को एक भी ऐसा नहींदिखा हो बिल जमा करने आया हो। यह हाल मंगलवार को अधिकांश सरकारी ऑफिस का था। यह नजारा दिवाली या दशहरा की छुट्टी का नहीं बल्कि गोरखपुर में दिखे हुदहुद का साइड इफेक्ट था। मंगलवार को लगभग पूरा शहर बंद रहा, मानो तेज हवा और भारी बारिश ने कफ्र्यू लगा दिया हो।

बीएसएनएल कॉमर्शियल ऑफिस में लगा रहा ताला

कचहरी चौक स्थित बीएसएनएल ऑफिस में भी हुदहुद का इफेक्ट देखने को मिला। यहां पर दोपहर क्ख्.फ्0 तक कॉमर्शियल ऑफिस में ताला लटकता रहा। इसकी वजह से सिम रिप्लेसमेंट काउंटर खुलने के बाद भी सिम एलॉट नहीं हो सके। वहीं बिलिंग काउंटर तो खुले लेकिन वहां पर एक्क-दुक्का लोग ही बिल जमा करने के लिए पहुंचे। झमाझम बारिश और मार्केट में बंद होने की वजह से एंप्लाइज ने भी वक्त से पहले ही घर की राह पकड़ ली।

यूनिवर्सिटी में नहीं आए स्टूडेंट्स

एक तरफ जहां पूरा शहर बंद रहा तो यूनिवर्सिटी भी इससे अछूती नहीं रही। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग और डिपार्टमेंट्स खुलने के बाद भी दोनों जगह पर सन्नाटा पसरा रहा। एक तरफ जहां एडी बिल्डिंग पर मौजूद एंप्लाइज पेंडिंग व‌र्क्स निपटाते नजर आए, वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में एकेडमिक काउंसिल की बैठक ऑर्गेनाइज की गई, जिसमें पिछली परीक्षा समिति और प्रवेश समिति के डिसीजन से मेंबर्स को अवगत कराया गया। वहीं यूजीसी की नई गाइडलाइंस को लागू करने को लेकर बातचीत हुई।

फरियादियों के इंतजार में रहे अधिकारी

हुदहुद का इफेक्ट सबसे अधिक कलेक्ट्रेट परिसर में देखने को मिला। जहां अपनी समस्या को लेकर अधिकारियों से मिलने के लिए लोगों की भीड़ रहती थी। परिसर में धरना प्रदर्शन के लिए मारामारी मचती थी, वहां मंगलवार को सन्नाटा पसरा था। हालांकि अधिकारी अपने ऑफिस में टाइम पर बैठे रहे। आपदा ऑफिस में एडीएम एफआर दिनेश चंद्र सिंह और एडीएम सिटी बीएन सिंह, प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा अपने चैंबर में बैठे रहे। मगर फरियादियों के न आने से वे अपने सरकारी काम निपटाते रहे। अधिकांश ऑफिसों से क्लर्क और कर्मचारी नदारद थे। फरियादी के न आने से लगभग अधिकांश ऑफिस खाली रहे।

पुलिस ऑफिस में जमे रहे अफसर

हुदहुद के अलर्ट को लेकर पुलिस अफसर मुस्तैद रहे। खराब मौसम की वजह से फरियादी अफसरों से मिलने नहीं पहुंचे। अलर्ट के दौरान खाली समय में अफसरों ने दफ्तर का काम निपटाया। सुबह क्0 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक पुलिस अधिकारी अपने ऑफिस में बैठे रहे। इस दौरान वायरलेस सेट और मोबाइल पर जिले का हाल जानते रहे। एसएसपी रामकृष्ण भारद्वाज, एसपी सिटी सत्येंद्र कुमार, एसपी ग्रामीण ब्रजेश सिंह दफ्तर में बैठे, लेकिन शिकायत प्रकोष्ठ में पहुंचे कर्मचारी फरियादियों का इंतजार करते रह गए। दीवानी कचहरी और कलेक्ट्रेट में अधिवक्ताओं के तख्त सूने पड़े रहे। दोपहर बाद जब बारिश हल्की हुई तो कुछ चहल पहल देखी गई।

नहीं आए लाइसेंस बनवाने और ना ही आए डिपाजिट करने

हुदहुद के चलते आरटीओ ऑफिस और पोस्टल डिपार्टमेंट में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं आरटीओ डिपार्टमेंट और पोस्टल डिपार्टमेंट के काउंटर पर कस्टमर्स के न आने से विभाग के कर्मचारी राह देखते रहे।

हुदहुद की मार डीएल पर

तेज रफ्तार से आए हवा के झोके के साथ मूसलधार बारिश ने लोगों को इस कदर परेशान किया कि उन्होंने अपने रूटीन काम तक छोड़ दिए। लर्निग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले रोहित सक्सेना ने आरटीओ दफ्तर की प्लानिंग ही कैंसिल कर दिये। उनका कहना था कि जब तक हुदहुद का इफेक्ट सिटी में रहेगा। तब तक वह रिस्क नहीं लेना चाहते। क्योंकि कई जगहों पेड़ गिरने से बड़े-बड़े हादसे होने के चांसेज हैं।

खाली बैठे रहे कर्मचारी

वहीं सिविल लाइंस स्थित मेन पोस्ट ऑफिस में न तो विड्रा करने वालों की भीड़ दिखाई दी और ना ही डिपाजिट करने वालों की लाइन। आलम यह था कि पोस्टल डिपार्टमेंट के कर्मचारी खाली बैठे रहे। हैरानी इस बात की रही कि डाक सप्ताह एग्जिबिशन देखने तक कोई नहीं आया। हालांकि हुदहुद का असर क्भ् अक्टूबर तक रहने की सूचना से पोस्टल डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी काफी रिलैक्स जोन में जा चुके हैं। इससे कहीं न कहीं रेवन्यू पर उनके असर जरूर पड़ा है।

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में नदारद रहे मरीज

सुभाष चन्द्र बोस डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सुबह से ही अफरा-तफरी रही। मार्निग 8 बजे से शुरू होने वाली ओपीडी में डॉक्टर तो मौजूद रहे, मरीजों की संख्या एक तिराई से भी कम रही। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में रोजाना करीब क्ख्00 मरीज आते हैं, जबकि ट्यूज्डे को ओपीडी में मात्र क्भ्0 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ तूफान से प्रभावित होने वालों के लिए डॉक्टरों की स्पेशल टीम की व्यवस्था की गई थी, ताकि घायलों का तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जा सके।

मेडिकल कॉलेज का भी था यही हाल

मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में रोजाना क्भ् सौ से ख् हजार मरीज आते हैं। इसमें गोरखपुर और आस-पास के डिस्ट्रिक्ट के साथ-साथ नेपाल के मरीज भी शामिल हैं। ट्यूज्डे को बारिश के चलते मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में केवल फ्8भ् मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया। हालांकि हुदहुद के तूफान की चपेट में आकर घायल हुए लोगों को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। मेडिकल कॉलेज में भी तूफान के मद्देनजर स्पेशल वार्ड और डॉक्टरों की टीम बनाई गई थी।

काउंटर खुले रहे नहीं आया कोई कंज्यूमर्स

कभी कंज्यूमर्स की कतारों से पटा रहने वाला बिजली विभाग मंगलवार को सूना सूना नजर आया। कर्मचारी आए थे, काउंटर खुले थे। बड़े बाबू भी बैठे हुए थे, लेकिन इनके पास कोई भी व्यक्ति प्रॉब्लम लेकर आने वाला नहीं था। बारिश के कारण एक भी व्यक्ति बिजली बिल जमा करने नहीं आया। दूसरी तरफ गोरखपुराइट्स सब स्टेशन पर फोन करके यही पूछते रहे कि आखिर बिजली कब आएगी।

बंद रहा हाउस टैक्स जमा करने

जीएमसी के हाउस टैक्स वाला काउंटर मंगलवार को बारिश के कारण बंद रहा। वहीं रेंट विभाग भी सूना रहा। एक कर्मचारी ने बताया कि जिन कर्मचारियों को हाउस टैक्स या रेंट विभाग में लगाया जाता है, बारिश के कारण जल जमाव में उनकी डयूटी लगा दी गई थी। वहीं जीएमसी के कंट्रोल रूम में सभी कर्मचारी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive