-मंदाकिनी व सरस्वती का रिचैनलाइजिंग पर काम शुरू हुआ

-सीएम की पुनर्निर्माण कार्यो पर एनडीआरएफ के साथ बैठक

DHERADUN : सैटरडे को सीएम हरीश रावत की अध्यक्षता में एनडीआएफ के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिसमें पिछले साल आपदा के बाद केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो की समीक्षा की गई। बैठक में एनडीआरएफ के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी व मेंबर केएस श्रीवास्तव मौजूद थे। सीएम ने इस दौरान पुनर्निर्माण व पुनर्वास कार्यो के ब्लूप्रिंट रखते हुए जानकारी दी। सीएम ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी तमाम एजेंसीज ने सराहनीय काम किए। सीएम ने कहा कि ठोस व पुनर्निर्माण व पुनर्वास कार्यो के लिए प्रदेश सरकार को आठ हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व कैलाश मानसरोवर मार्ग पर आईटीबीपी की टुकडि़यों को पहले ही तैनात किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

सेंसेटिव भवन गिराए जाएंगे

सीएम ने कहा कि दूसरे चरण में केदारनाथ के पुनर्निर्माण व पुनर्वास पर फोकस किया जा रहा है। जीएसआई का सर्वे हो चुका है। दूसरे सर्वे बरसात में किया जाएगा। मंदाकिनी व सरस्वती का रिचेनलाइजिंग पर काम शुरू हो चुका है। इन दोनों नदियों को उनके मूल प्रवाह मार्ग पर लाने का प्रयास किया जाएगा। एनआईएम व सिंचाई विभाग ने काम भी शुरू कर दिया है। केदारनाथ में चौराबाड़ी की तरफ से एक प्रोटेक्शन वॉल और मंदिर के पीछे इनर वॉल बनाने का काम शुरू हो चुका है। दोनों नदियों के किनारे प्रोटेक्शन वॉल बनाई जा रही है। लेकिन अति खतरनाक चिन्हित भवनों को स्थानीय लोगों की हेल्प से गिराया जाएगा।

मानव निगरानी केंद्र बनेगा

केदारनाथ में ड्रेनेज सिस्टम की कार्य योजना बनाई जा रही है। तल्ली व मल्ली लिमचौली को डेवलप किया जाएगा। मार्केट बनाया जाएगा। रोपवे से केदारनाथ तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, जहां गोल्फ कोर्ट की व्यवस्था रहेगी। वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए है। केदारनाथ में स्थितियों पर नजर रखने के लिए मानव निगरानी केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस मौके पर एनडीआरएफ के उपाध्यक्ष ने हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।

Posted By: Inextlive