- कड़ी धूप में दिनभर प्रचार, रात में कर रहे बारात

- इलेक्शन में लगन ने बढ़ा दी प्रत्याशियों की चुनौती

GORAKHPUR: लगन सीजन में लोकसभा चुनाव ने प्रत्याशियों की मुश्किल बढ़ा दी है. कड़ी धूप में दिनभर प्रचार कर रहे प्रत्याशियों को शाम में भी आराम नहीं मिल पा रहा. देर रात तक बारात से लेकर अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में शिरकत करने की टेंशन सोने नहीं दे रही. हालत यह हो गई है कि हर कोई अपने घर आयोजित शादी-विवाह में सांसद प्रत्याशियों को निमंत्रित करने में जुटा है. सबसे ज्यादा प्रॉब्लम अभिनेता से नेता बने प्रत्याशी के सामने आ रही है. लेकिन अन्य नेताओं के लिए मुश्किल दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही. प्रत्याशी समर्थकों का कहना है कि न पहुंचने पर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. कई लोग कह रहे हैं कि बिना चुनाव जीते यह हाल है तो सांसद बनने के बाद क्या होगा. फिलहाल, लगन सीजन में नेता मुश्किल में पड़ गए हैं. एक तरफ निमत्रंण में पहुंचने का प्रेशर तो दूसरी ओर चुनाव आचार संहिता के अनुपालन पर जोर से सांसत बढ़ गई है.

हर कार्यालय पर न्यौता रजिस्टर, दर्ज होता कार्यक्रम

लोकसभा चुनाव का क्षेत्र बड़ा होने से प्रत्याशियों को हर तरह की चुनौती का सामना करना पड़ता है. विधिवत जनसंपर्क के लिए नेताओं ने विधान सभा क्षेत्रवार अपने कार्यालय बनाए हैं. कुछ प्रत्याशियों के एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो-दो छोटे कार्यालय बन गए हैं. उन कार्यालयों के प्रभारी प्रचार के अलावा शादी-विवाह के निमंत्रण कार्ड बटोरने में बिजी हैं. नेताओं के चुनाव प्रचार कार्यालय पर अलग से न्यौता रजिस्टर बना दिया गया है. क्षेत्र के किसी भी मोहल्ले-गांव से पहुंचने वाला निमंत्रण नोट करके प्रत्याशी को अवगत कराया जा रहा है.

हर जगह पहुंच नहीं सकते प्रत्याशी, झेल रहे कार्यकर्ता

नेताओं को आमंत्रित करने वाले लोग प्रत्याशी के कार्यक्रम में पहुंचने की अपेक्षा कर रहे हैं. गोरखपुर में एक प्रत्याशी के सेलीब्रेटी होने से हर कोई अपने यहां कार्यक्रम में बुलाना चाहता है. दिनभर रोड शो, नुक्कड़ सभा और अन्य कार्यक्रमों के बाद जब शाम को थके-हारे प्रत्याशी लौट रहे तो उनको निमंत्रण में भी शरीक होना पड़ रहा है. रूट पर कार्यक्रम होने पर कोई प्रॉब्लम नहीं हो रही. लेकिन दूर-दराज के एरिया में पहुंचने में पसीना छूट जा रहा.

रोजाना 20 से 30 निमंत्रण, पहुंचना हुआ मुश्किल

प्रत्याशियों के प्रचार कार्यालयों पर कम से कम चार से पांच निमंत्रण कार्ड जरूर पहुंच रहे हैं. इस तरह से पूरे क्षेत्र में पांच विधान सभा क्षेत्रों में कम से कम 20-30 से न्यौता में शरीक होना पड़ रहा है. अक्सर चुनाव प्रचार में रात के 10 बज जा रहे. इसके बाद शादी-विवाह के प्रोग्राम अटेंड करके नेता आधी रात के बाद अपने घर पहुंच रहे. फिर सुबह पांच बजे से ही जनसंपर्क का प्रोग्राम तय होने लग रहा है. ऐसे में लगन ने नेताओं के सामने मुश्किल बढ़ा दी है.

Posted By: Syed Saim Rauf