नहीं चलेगा आंकड़ेबाजी का खेल, हिस्ट्रीशीटरों पर लेना होगा एक्शन
-एडीजी ने जारी किए निर्देश, बड़े अपराधियों के जारी करने होंगे एनबीडब्ल्यू
-इलेक्शन में अवैध शस्त्र के साथ ही अवैध कारतूस पर भी होगी नजर बरेली-लेाकसभा इलेक्शन की डेट कभी भी आ सकती है। इलेक्शन के दौरान किसी भी तरह की खुराफात न हो। इसके लिए पुलिस प्रिवेंटिव एक्शन लेती है। प्रिवेंटिव एक्शन के दौरान पुलिसकर्मी आंकड़ेबाजी बढ़ाने के चक्कर में अधिक से अधिक लोगों के चालान करती है, लेकिन उसमें बड़े अपराधी छूट जाते हैं। जो चुनाव प्रभावित करते हैं। इलेक्शन कमीशन ने साफ कर दिया है कि आंकड़ेबाजी का खेल नहीं चलेगा। इस बार बड़े अपराधियों पर एक्शन लेना होगा, क्योंकि नेता इन्हीं के जरिए इलेक्शन को प्रभावित करते हैं। लखनऊ मीटिंग से वापस लौटे एडीजी अविनाश चंद्र ने जोन के सभी जिलों के अधिकारियों को इसको लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। बरेली जोन में 25 परसेंट पोलिंग स्टेशन सेंसटिव हैं, इसलिए इन पर खास नजर रखी जाएगी।
अक्सर मंच पर दिखते हैं अपराधीइलेक्शन के दौरान अक्सर देखा जाता है कि प्रत्याशी के साथ मंच पर हिस्ट्रीशीटर या कोई बदमाश मौजूद होता है। वह मंच पर खुलेआम घूमता है। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठता है। इससे साफ है कि पुलिस सिर्फ उन लोगों पर प्रिवेंटिव एक्शन लेती है, जिनके खिलाफ छोटे मामलों की एफआईआर दर्ज होती है। कई बार प्रत्याशियों के इशारे पर राजनैतिक फायदे के चलते आम पब्लिक को भी मुचलके से पाबंद कर दिया जाता है। इसमें कई बुजुर्ग व नाबालिग भी शामिल होते हैं, जो फिर अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर लगाते नजर आते हैं।
खुराफात की तो होगी वसूली एडीजी जोन का कहना है कि जो खुराफाती होंगे, उन्हें घरों में ही नजर बंद कर दिया जाएगा। वोट डालने डालने के बाद उन्हें सीधे घर भेजा जाएगा। इसके लिए पुलिसकर्मियों को भी ब्रीफ किया जाएगा। किसी भी तरह का विवाद होने पर पुलिसकर्मी वीडियो रिकार्डिग करेंगे। खुराफात करने वाले पर्सन को मुचलके से पाबंद किया जाएगा। उसे मुचलके की राशि 50 हजार या 5 लाख सरकारी खजाने में जमा करनी होगी। पक्की शराब पर भी रहेगी नजरचुनाव के दौरान कहावत है कि कच्ची दारू कच्चा वोट, पक्की दारू पक्का वोट और मुर्गा दारू मतलब खुली सपोर्ट । प्रत्याशी वोटर्स और सपोटर्स के लिए शराब की जमकर सप्लाई करते हैं। पुलिस का फोकस अवैध शराब पकड़ने पर होता है। इनमें भी कच्ची शराब पर कार्रवाई कर आंकड़े पेश कर दिए जाते हैं, लेकिन इस बार पक्की यानी सरकारी ठेकों पर बिकने वाली शराब पर भी नजर रखी जाएगी। हमेशा की तुलना में यदि शराब की सप्लाई हो रही है तो साफ है कि इसकी कहीं न कहीं प्रत्याशी सप्लाई करा रहे हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध शराब पर भी नजर रहेगी।
कारतूस सप्लाई की होगी जांच पुलिस चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में लाइसेंसी शस्त्र थानों में या फिर दुकानों में जमा कराती है। इसके अलावा अवैध शस्त्र की फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई करती है, जिसमें निर्मित व अर्द्ध निर्मित तमंचे पकड़कर आंकड़े पूरे कर खानापूरी कर दी जाती है। जिससे चुनाव में फायरिंग की वारदातें होती हैं। इसके लिए गोलियों की बिक्री करने वाले लाइसेंसी दुकानदारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। जोन में इलेक्शन का रिकार्ड -11983 पोलिंग स्टेशन -20360 पोलिंग बूथ -2660 पोलिंग स्टेशन सेंसटिव -5209 पोलिंग बूथ सेंसटिव -25 परसेंट पेालिंग स्टेशन सेंसटिव -22 बूथ वाला एक पोलिंग स्टेशन बरेली में -13 बूथ वाला एक पोलिंग स्टेशन बरेली में -95 परसेंट पोलिंग स्टेशन 1 से 3 बूथ वाले अपराधियों के आंकड़े 12894 -हिस्ट्रीशीटर जोन में 2317-हिस्ट्रीशीटर बरेली जिले में1571-हिस्ट्रीशीटर्स जोन में 15 जनवरी की चेकिंग में मिले थे लापता
162-हिस्ट्रीशीटर्स बरेली जिले में थे लापता 24-ईनामी बदमाश चल रहे फरार 45-सौ अपराधी पुलिस रिकार्ड में हैं दर्ज 46-हजार लाइसेंसी शस्त्र बरेली जिले में