- फोन पर फिट हो गए कागजों में अनफिट 50 कर्मचारी

- गलत जानकारी देने वालों पर कार्रवाई होने की संभावना

बरेली : हेलो. आप .. मैडम बोल रही हैं. हां बोल रही हूं. सीडीओ कार्यालय से बोल रहा हूं. आपको मेडिकल चेकअप के लिए आना है. किस बात का चेकअप. अरे आप गर्भवती है न! महिला का जवाब सुन कर्मचारी भी चौंक उठा. वह बोलीं. नहीं, मैं तो गर्भवती नहीं हूं, मैं चुनाव ड्यूटी करूंगी. थर्सडे को विकास भवन में हुआ यह घटनाक्रम तो बानगी मात्र है. कागजों पर खुद को अस्वस्थ, गंभीर बीमारी से पीडि़त बताने वाले 50 से अधिक कर्मचारी चिकित्सकीय परीक्षण के लिए तलब होते ही स्वयं को 'फिट' घोषित करने लगे हैं. अब गलत जानकारी देने वालों पर कार्रवाई पर विचार चल रहा है.

दिव्यांग की लगा दी ड्यूटी

केवल कर्मचारी ही नहीं, चुनाव ड्यूटी लगाने में विभागों की गड़बड़ी या मनमानी भी सामने आ रही है. विकास भवन में दोपहर में एक उम्रदराज महिला पहुंची. प्रार्थना पत्र देकर बताया एक स्कूल में प्रधानाध्यापिका हूं. दोनों पैर खराब हैं, कृत्रिम पैरों से चल पाती हूं. फिर भी ड्यूटी लगा दी गई. अधिकारियों ने उनके आवेदन को आगे कार्रवाई के लिए बढ़ा दिया.

क्रॉस चेक में सामने आई हकीकत

कर्मचारियों के नाम संबंधित विभागों से ही आते हैं. कुछ विभाग डाटा में कर्मचारी के विवरण में विकलांगता, बीमारी या फिर अन्य कारणों का उल्लेख भी करते हैं. सामान्यत: ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने से पूर्व विचार किया जाता है. इस बार ऐसे कर्मचारियों को भी मेडिकल परीक्षण के लिए बुला लिया गया. अब परीक्षण में हकीकत सामने आ रही है.

वर्जन.

कुछ कर्मचारियों को जब फोन कराया गया और उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होने को कहा गया तो खुद को फिट बताया.

-सत्येंद्र कुमार सीडीओ

Posted By: Radhika Lala