सोमवार को लोकसभा की छह सीटों पर मतदान के साथ ही 2014 के आम चुनावों का पहला चरण पूरा हो गया.


कुल नौ चरणों में होने वाले आम चुनावों के पहले दौर में सोमवार को असम की पांच और त्रिपुरा की एक सीट पर वोट डाले गए. शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान असम में 72 प्रतिशत और त्रिपुरा में 80 प्रतिशत मतदान हुआ.मतदान के पहले चरण के बाद जिन छह सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीन में बंद हो गई है, उनमें असम की तेजपुर, कालियाबोर, जोरहट, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर और त्रिपुरा से त्रिपुरा (पश्चिम) की सीट शामिल है.दिलचस्प बात ये है कि असम में इस बार अलगाववादी संगठन अल्फा के किसी भी गुट ने न तो लोगों से चुनावों का बहिष्कार करने की अपील की है और न ही किसी पार्टी के ख़िलाफ कोई बयान दिया है.


असम में कांग्रेस को खासा मजबूत माना जाता है लेकिन कई लोगों को भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बेहतर बुनियादी ढांचे, मजबूत नेतृत्व, नौकरियों के अवसर और बेहतर प्रशासन से जुड़े वादे लुभा रहे हैं.भाजपा ने पहले चरण के मतदान के दिन ही सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी किया.मुकाबला बहुकोणीय

असम की पांचों सीटों पर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, असम गण परिषद, आम आदमी पार्टी, सीपीएम और समाजवादी पार्टी समेत कई पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.कुल 51 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस की तरफ से केंद्रीय मंत्री रानी नाराह, पबन सिंह घाटोवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा विधायक बिजॉय कृष्णा हांडिक, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई और भूपेन कुमार बोरा शामिल हैं.वहीं भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में राज्य की ईकाई के अध्यक्ष सोरबानंदा सोनोवाल और कामाख्या प्रसाद तासा शामिल हैं जबकि असम गण परिषद के अहम उम्मीदवार हैं अरुण कुमार शर्मा, प्रदीप हज़ारिका और जोसेफ टोप्पो.वामपंथी शासित त्रिपुरा में मुकाबला बहुकोणीय है जहां सीपीएम, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में हैं.दूसरे दौर के मतदान में नौ अप्रैल को पांच राज्यों की नौ सीटों पर वोट डाले जाएंगे जबकि 13 अप्रैल को दिल्ली समेत 13 राज्यों की 86 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा.कुल नौ चरणों में होने वाले आम चुनावों के वोटों की गिनती 16 मई को होगी.

Posted By: Subhesh Sharma