-शहर में चल रहे डिस्मेंटलिंग वर्क के तय समय में पूरा न होने से क्रिएट हो रही बिजली की समस्या

-काम के चलते डेली लिया जा रहा 3 से 5 घंटे का शटडाउन, पब्लिक रही झेल

बनारस में 24 घंटे बिजली देने का वादा हवा हवाई ही साबित हो रहा है। बिजली उपभोक्ताओं को शट डाउन के नाम पर अभी भी बिजली कटौती की समस्या झेलनी पड़ रही है। हालांकि यह समस्या अफसरों की लापरवाही और तय समय में आईपीडीएस वर्क पूरा न करा पाने की वजह से क्रिएट हो रही है। बता दें कि आधे बनारस में आईपीडीएस के तहत डिस्मेंटलिंग वर्क हो रहा है। जिसकी वजह से डेली 3 से 5 घंटे का शट् डाउन लिया जा रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस रफ्तार से आईपीडीएस का वर्क कराया जा रहा है उससे तो इस गर्मी में लोगों को कटौती से राहत मिलना मुश्किल ही है। वहीं अधिकारियों का मानना है कि अगर शट डाउन की टाइमिंग बढ़ा दी जाए तो पेंडिंग वर्क जल्द हो जाएगा, लेकिन ऐसा पॉसिबल नहीं है। इसलिए बिजली कटौती की समस्या अभी बनी रहेगी।

क्या है आईपीडीएस?

शहर में तारों के फैले मकड़जाल को खत्म करने के लिए इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) योजना के तहत पुराने शहर में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जा रहा है। इसमें पहले फेज में 432 करोड़ की लागत से गंगा घाट से 8 किमी लंबाई और 2 किमी चौड़ाई में काम होना है। करीब 90 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है। जबकि यह कार्य पूरा करने की लास्ट डेट 31 मार्च थी, लेकिन काम पूरा न होने पर 15 दिन का और समय दिया गया था, लेकिन यह डेडलाइन भी आगे निकल गई और काम अभी भी चल रहा है। यही वजह है कि सिटी में रोजाना शट डाउन लिया जा रहा है।

फरवरी का काम अप्रैल में भी अधूरा

बता दें कि आईपीडीएस योजना के तहत बिजली विभाग को जो काम जनवरी, फरवरी तक खत्म कर मार्च से दूसरे फेज का काम शुरू कराना था। लेकिन यहां तो पुराना काम ही अप्रैल और मई में किया जा रहा है। इसके चलते सुबह से लेकर रात तक बिजली कटौती हो रही है। कहीं अलसुबह से 3 से 4 घंटे का शट डाउन लिया जा रहा है तो कहीं आधी रात में बत्ती गुल हो जा रही है। कटौती के कारण लोगों की नींद भी पूरी नहीं हो रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

आईपीडीएस प्रोजेक्ट के अधिकारियों का कहना है कि पोल पर लटकते बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने का काम पूरा हो चुका है। इस समय सिर्फ कनेक्शन डिस्ट्रिब्यूट करने का काम किया जा रहा है। काम पूरा न होने की कई वजहें हैं। कभी वीवीआईपी शहर में होते है तो कभी पर्व-त्यौहार के चलते शट डाउन नहीं लिया जाता। जिससे तय डेडलाइन पर काम पूरा नहीं हो पाता। अगर एक दिन में 3 से 5 घंटे का शट डाउन लेने के बजाए 10 घंटे की कटौती हो तो एक सप्ताह में ही काम पूरा हो जाए। लेकिन ऐसा हुआ तो उपभोक्ता काफी दिक्कत में आ जाएंगे।

यहां लिया जा रहा शट डाउन

11 केवी फीडर में चौक, अम्बिया मंडी, हनुमान फाटक, गाय घाट, लहुराबीर, पीली कोठी, पंचक्रोशी, रामघाट, चेतगंज, दशाश्वमेघ दशाश्वमेध-1 व 2, भेलूपुर, गोदौलिया, अशफाक नगर, रामापुरा, टाउनहाल, काशीपुरा, नीचीबाग, चौकाघाट, मछोदरी, त्रिलोचन, काशी सिटी के अलावा 33 केबी फीडर से बेनियाबाग, सिगरा-1 व 2 तथा भेलूपुर से संबंधित एरिया में 4 से 5 घंटे का डेली शट डाउन लिया जा रहा है।

वर्जन

ये सभी व्यवस्थाएं 24 घंटे बिजली देने के लिए ही हो रही हैं। तारों को तो अंडरग्राउंड कर लिया गया है। लेकिन अभी बहुत से ऐसे एरिया हैं जहां डिस्मेंटलिंग का काम हो रहा है। इसलिए 4 से 5 घंटे का शट डाउन लिया जा रहा है। उम्मीद है कि मई तक काम पूरा हो जाएगा।

आरडी सिंह, नोडल ऑफिसर आईपीडीएस

Posted By: Inextlive