बकाएदारों से 'मिठाई' खा गया बिजली विभाग
केस वन
श्यामगंज निवासी संजय वर्मा (नेम चेंज्ड) की एक मिठाई की दुकान है। जिनकी बुक संख्या 1680003 है। जिस पर विभाग का सवा लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। 11 दिन पहले चेकिंग पर पहुंची टीम ने कनेक्शन काटने की बजाय 5 हजार रुपए लेकर छोड़ दिया। केस टू पैसे लिए जाने की शिकायत पर शहर विधायक अरुण कुमार ने भी एक महीने पहले कोहाड़ापीर सब स्टेशन का निरीक्षण किया था। उन्होंने सब स्टेशन के लाइनमैन को रंगे हाथ पैसे लेते हुए पकड़ लिया था, जिसके बाद लाइनमैन के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। केस थ्री एक वर्ष पहले सुभाषनगर बालाजी मंदिर निवासी दीपक ने नए कनेक्शन देने के नाम पर बिजली के बाबू पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। दीपक की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया था। BAREILLY:बिजली विभाग के कर्मचारियों पर लगे यह आरोप एक बानगी मात्र है। इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। एंट्री करप्शन, से नो टू करप्शन और पुलिस के अधिकारियों ने कई बार कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी रिश्वत लेने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
घनी आबादी में अधिक मामले
सबसे अधिक मामले घनी आबादी वाले क्षेत्र में सामने आ रहे हैं। क्योंकि इन एरियाज में बिजली की चोरी अधिक हो रही है। इन क्षेत्रों में कटिया फंसा कर, मीटर बाईपास कर सहित कई तरह से बिजली की चोरी हो रही है, जिनके कंधों पर बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी है वही इस काम को बढ़ावा देने में लगे हुए है। पैसे लेकर कर्मचारी मामले का दबा दे रहे हैं। आधा दर्जन पर हुई थी कार्रवाई से नो टू करप्शन में मिली शिकायत के बाद पिछले वर्ष करीब आधा दर्जन बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई थी। वहीं एक दो महीने पहले डीएम के पास भी एक डॉक्टर ने बिजली कर्मचारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगाये थे, जिसके बाद डीएम ने मामले की जांच की जिम्मेदारी बिजली विभाग के नोडल अधिकारी पीए मोगा को सौंपी थी। कैसे बचें - काउंटर पर जाकर बिजली बिल जमा करें। - बिजली बिल जमा करने पर पक्की रसीद लें। - चेकिंग पर आए कर्मचारी का आईडेंटी कार्ड जरूर चेक करें। - शक होने पर अधिकारियों संपर्क करें।कंज्यूमर्स को अवेयर रहने की जरूरत हैं। किसी के झांसे में न आए। समय पर काउंटर पर आकर या ऑनलाइन बिजली बिल जमा करें। जिससे उन्हें किसी प्रकार की प्रॉब्लम्स नहीं होगी।
मनोज पाठक, एसई, बिजली विभाग