शासनादेश को भी बिजली विभाग ने दे दिया 'करंट'
बिजली चोरी की यह आई शिकायतें
- 800 शिकायतें साल 2017 में आई जिसमें 200 फर्जी मिलीं -600 बिजली चोरी के मामले साल 2017 में पकड़ में आए -300 शिकायतें साल 2018 में आई, जिसमें 142 शिकायतें फर्जी मिलीं -158 चोरी के मामले साल 2018 में पकडे़ में आए -40 हजार मीटर अब तक बाहर लगा पाया है बिजली विभाग - 187545 मीटर लगाने का था लक्ष्य - दो साल में सभी घरों के बाहर मीटर लगाने का था लक्ष्य, लेकिन अभी तक 30 फीसदी ही हुआ काम - विभाग का तर्क बरेलियंस ही डाल रहे अड़चन, मीटर में छेड़खानी के चलते हो रही देरीबरेली : शासन ने दो साल पहले सन् 2016 में बिजली विभाग को कंज्यूमर्स के घरों के अंदर लगे मीटर को बाहर करने का आदेश दिया था. अगर यह काम पूरा हो जाता तो बिजली की हो रही चोरी पर काफी हद तक लगाम लगती. लेकिन बिजली विभाग की उदासीनता के चलते यह काम भी ठंडे बस्ते में चला गया. यह प्रक्रिया दो साल में पूर्ण करनी थी, लेकिन अभी तक 30 फीसदी कार्य ही हो पाया है.
कंज्यूमर्स नहीं कर रहे सहयोगहैरत की बात है कि लक्ष्य पूरा न होने के लिए बिजली विभाग अब कंज्यूमर्स को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जब भी टीम घरों में मीटर बदलने के लिए जा रही है तो कंज्यूमर्स सहयोग नहीं कर रहे हैं. साथ ही बताया कि टीम जब कई घरों में मीटर बदल गई तो मीटर से छेड़छाड़ पाई गई. इसमें कार्रवाई के चलते प्रक्रिया में और देरी हो रही है.
पांच टीमें फिर भी रिजल्ट धीमा शहर में मीटर बाहर लगाने की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए बिजली विभाग की ओर से पांच टीमों का गठन किया गया था. एक टीम में पांच सदस्यों को शामिल किया गया है. इसके बावजूद दो साल पूरे के बाद भी अभी एक चौथाई कार्य ही हो सका है. नहीं हुई मॉनीटरिंग मीटर लगाने के प्रक्रिया ठीक प्रकार से चल सके इसके लिए हर जोन के एक्सईएन को अपने कार्य क्षेत्र का मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन लापरवाही के चलते एक माह की भी मॉनीटरिंग रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. यहां लग गए मीटर सिविल लाइंस, रामपुर गार्डन, सुभाषनगर, पुराना शहर, जोगी नवादा, राजेंद्र नगर में ही घरों से बाहर मीटर लगाने की प्रक्रिया पूर्ण हो सकी है. अभी आधे से ज्यादा शहर में मीटर लगाए जाने बाकी हैं. वर्जन ::मीटर लगाने की प्रक्रिया दो साल का समय निर्धारित थी. हालांकि अभी तक 40 हजार के करीब मीटर विभाग घरों से बाहर लगा चुका है. जल्द ही कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.
एनके मिश्र, एसई.