- खेत पर काम करने गया था किसान

- सूचना के तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची वन-विभाग की टीम

बरेली: बहेड़ी में हाथियों ने किसान को कुचलकर मार डाला। दो हाथी पीलीभीत के जंगल से भागकर थर्सडे तड़के बहेड़ी पहुंच थे। खेतों में फसल बर्बाद कर रहे हाथियों को भगाने के लिए गांव वालों ने पटाखे दागे और शोर मचाया तो हाथी गांव वालों पर ही हमलावर हो गए। इसी दौरान एक किसान को हाथी ने पैरों तले रौंद दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वन विभाग की टीम सूचना देने के करीब चार घंटे बाद पहुंची। हाथियों के हमले से किसान की मौत की सूचना पर मौके पर पहुंचे सीओ आलोक अग्रहरि व पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पैर फिसलने से गिरा था किसान

बहेड़ी के गांव भुडि़या कॉलोनी के खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि हाथी काफी आक्रामक थे, इसलिए किसी ने उनके पास जाने की हिम्मत नहीं की। ग्रामीणों ने तुरंत सूचना प्रशासन व वन-विभाग को दी और ग्रामीणों ने हाथियों से अपनी फसल बचाने को पटाखे दागे व शोर मचा कर हाथियों को खदेड़ना शुरू किया तो हाथी गांव भट्टी की तरफ चले गये। वहां खेत में काम कर रहे किसान लाखन सिंह ने जब हाथियों को अपनी ओर आता देखा तो बचने के लिए घर की तरफ दौड़े, लेकिन पैर फिसल जाने से वे खेत में गिर पड़े। तब तक हाथी ने लाखन के सीने पर पैर रखकर उन्हें कुचल दिया। लोगों ने एक बार फिर शोर-शराबा कर हाथियों को मौके से खदेड़ा, लेकिन तब तक लाखन की जान निकल गई।

खेतों में नहीं गए किसान

घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत है। दिनभर हाथियों के डर से किसान खेतों की ओर नहीं गए। वहीं करीब दस बजे पहुंची वन विभाग की टीम भी हाथियों की लोकेशन ट्रैस किए बिना ही लौट गई। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है।

काश समय से पहुंचती वन विभाग टीम

ग्रामीणों का कहना है कि सुबह छह बजे दो हाथी दिखाई दिए तो तुरंत प्रशासन के साथ वन विभाग को भी सूचना दी। लेकिन वन विभाग की टीम करीब चार घंटे बाद पहुंची। काश समय पर टीम पहुंच जाती तो किसान लाखन की जान बच जाती। इसके बाद भी टीम मौके पर हाथियों की लोकेशन देखे बगैर ही वापस लौट गई। शाम करीब चार बजे जब डीएफओ पहुुंचे तो टीम दोबारा फिर से पहुंची।

वन विभाग पर वसूली का आरोप

वन-विभाग की लापरवाही से किसान की मौत की घटना नई नहीं है। पहले भी वन-विभाग की टीम की लापरवाही उजागर होती रही है। चाहे वह जंगली कुत्तों से कई मासूम बच्चों की जान जाने का मामला हो या फिर क्षेत्र में बाघ आने की सूचना हो, शायद ही कभी वन-विभाग की टीम समय से मौके पर पहुंची हो। बताते हैं कि अवैध कमाई के चक्कर में उत्तराखंड से आने वाले रेता-बजरी भरे ट्रकों से रॉयल्टी वसूली के खेल में वन-विभाग इस कदर उलझा रहता है कि उसे क्षेत्र में जाने की फुर्सत ही नहीं मिलती।

=======================

पांच लाख की सरकारी मदद

प्रशासन ने हाथी के हमले में मारे गये किसान लाखन सिंह के परिजनों को आíथक मदद के तौर पर पांच लाख रुपये देने का निर्णय लिया है। इसके लिए फाइल तैयार करा ली गयी थी। मेरे पास सुबह छह बजे सूचना आयी थी। तुरंत ही मैंने वन-विभाग की टीम को मौके पर जाने के निर्देश दे दिये थे। हाथियों को क्षेत्र से भगाने के लिए वन-विभाग की पूरी टीम अभी लगी हुई है।

- ममता मालवीय,एसडीएम बहेड़ी

===============

नौ बजे स्टाफ आ गया था। लग रहा है हाथी नेपाल से भटककर आये हैं। क्योंकि वेडनसडे रात इनकी लोकेशन सितारगंज बताई जा रही थी। अभी हाथी कहीं बैठे हुए हैं। रात में यह जगह बदलेंगे, तभी इनका मूवमेंट पता चल सकेगा।

- भरत लाल, डीएफओ बरेली

Posted By: Inextlive