महिला वर्ल्ड कप 2017: जीती नहीं तो क्या, फाइनल तक खूब लड़ी ये 11 इंडियन वूमेन क्रिकेटर्स
मिताली राज:भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज 3 दिसम्बर 1982 को जोधपुर, राजस्थान में जन्मी थीं। 10 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेल रही मिताली के पिता एयर फोर्स से रिटायर्ड एक बैंक कर्मी हैं और उनकी मां एक अधिकारी रह चुकी हैं। मिताली राज ने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 1999 में पहली बार खेलते हुए 114 रन बनाए। मिताली ने 2001-2002 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया। मिताली 2004 में'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित हो चुकी हैं। मिताली को भरतनाट्यम भी पसंद हैं। उन्होंने इसकी भी ट्रेनिंग ली है।
पूनम गणेश राउत 14 अक्टूबर 1989 को मुंबई में जन्मीं थी। पूनम मुंबई के बोरीवली वेस्ट के एमएचबी इलाके में रहती हैं। 19 मार्च 2009 में बेस्टइंडीज के खिलाफ पहला एक दिवसीय मैच खेलने वाली पूनम राउत ने अब तक काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। हाल ही में 15 मई को पूनम ने आयरलैंड के खिलाफ शानदार पारी खेली। दीप्ति शर्मा के साथ खेली गई 320 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप पारी में पूनम ने 188 रन बनाए थे।
उत्तर प्रदेश की महिला क्रिकेटर दीप्ति भगवान शर्मा का जन्म 24 अगस्त 1997 सहारनपुर में हुआ था। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे युवा खिलाड़ी मानी जाने वाली 20 वर्षीया दीप्ति को लोग भविष्य की मजबूत महिला खिलाड़ी में गिनते हैं। दीप्ती शर्मा बाएं हाथ की बल्लेबाज होने के साथ ही राइट-आर्म की मध्यम गति वाली जबरदस्त गेंदबाजी करती हैं। दीप्ती शर्मा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन कर चुकी हैं।
गोवा के करीमनगर शिखा पांडे का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। शिखा का जन्म 12 मई, 1989 को गोवा में हुआ था। इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने वाली शिखा को बचपन से ही क्रिकेट का शौक रहा। शिखा पांडे को 15 साल की उम्र में 2004 में गोवा के लिए खेलने वाली टीम में चुनी गईं। उसके बाद 2007-2008 में वह गोवा के महिला वरिष्ठ राज्य साइड के पक्ष में खेलने वाली टीम का हिस्सा बनी। अब तक वह काफी अच्छा प्रदर्शन कर चुकी हैं। 2011 में शिखा भारतीय वायु सेना में शामिल हो गई थीं।
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