कब तक सहेंगे, आखिरकार भड़के मरीज
भीड़ ने बदसुलूकी करने पर कर्मचारी को दौड़ाया, पुलिस ने किया बीच-बचाव
इन्होंने भुगता खामियाजा केस 1 फिजीशियन को दिखाने आए फाफामऊ के रामबहादुर और अनारकली ने बताया कि सुबह से बैठे हैं लेकिन डॉक्टर उन्हे देखने नही आए। ओपीडी का ताला बंद है। पेट में दर्द हो रहा है और अभी तक दवा नही मिल सकी है। केस 2 कटरा से आए विवेक भी काफी देर परेशान रहे। उनको तेज बुखार था लेकिन ओपीडी बंद होने से सुनवाई नहीं हो सकी। उन्होंने कई लोगों से पूछताछ की ठीक जवाब नही मिला। अंत में ओपीडी शुरू होने का इंतजार करने लगे। केस 3 इमरजेंसी वार्ड में भर्ती पुराना कटरा के कुंदन कुमार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि सुबह से डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आए हैं। उनको लीवर में दिक्कत है और इलाज की सख्त जरूरत है। केस 4सोमवार शाम इमरजेंसी में भर्ती हुई मलाका की फूलकुमारी को अंदाजा नहीं था कि मंगलवार को उनको डॉक्टर देखने तक नहीं आएंगे। वह बोल भी नहीं पा रही थीं। परिजन उनको ढांढस बंधाते रहे।
केस 5बोझी प्रतापगढ़ के रहने वाले रामेंद्र को चक्कर आने की शिकायत है। वह गिरकर चोटिल हो गए। उनकी मां लेकर हॉस्पिटल पहुंची तो मंगलवार सुबह ओपीडी में डॉक्टर नही मिले। मजबूरी में वह ओपीडी शुरू होने का इंतजार करते रहे।
ALLAHABAD: परिजन और हॉस्पिटल स्टाफ के बीच होने वाली घटनाओं का खामियाजा अक्सर निर्दोष मरीजों को भुगतना पड़ता है। मंगलवार को बेली हॉस्पिटल में भीषण गर्मी के बीच इलाज ठप होने से आखिरकार मरीज और परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से इलाज की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। हॉस्पिटल के कर्मचारियों से तनातनी होने पर एक कर्मचारी को लोगों ने दौड़ा भी लिया। किसी ने तरह उसने भागकर खुद को बचाया। बाद में पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। हमारी क्या गलती है साहब? बेली हॉस्पिटल में सुबह आठ बजे से ही मरीजों की लंबी लाइन लगने लगी थी। लोगों को इंतजार था कि ओपीडी खुल जाएगी। लेकिन महज बीस मिनट पर्चा बनने के बाद अचानक कामकाज ठप हो गया। इससे मरीज परेशान हो गए। इमरजेंसी सुविधाएं भी ठप हो गई। वार्डो में भर्ती मरीजों के तिलमिलाने से परिजन डॉक्टरों से इलाज की रिक्वेस्ट करने लगे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे मरीजों का धैर्य जवाब देने लगा। महंगा पड़ा परिजन को थप्पड़ मारनापुलिस-प्रशासन और स्टाफ के बीच अंदर वार्ता चल रही थी तो बाहर मरीजों का धैर्य जवाब दे रहा था। तकरीबन 11 बजे मरीजों ने नारेबाजी करते हुए सीएमएस ऑफिस का घेराव करना शुरू कर दिया। उन्होंने अधिकारियों के सामने ही इलाज की सुविधाएं बहाल करने की मांग की। उनका उग्र रूप देख हॉस्पिटल प्रशासन के भी कान खड़े हो गए। इस बीच आपसी तनातनी में हॉस्पिटल कर्मचारी ने एक परिजन को थप्पड़ मार दिया तो भीड़ ने उसे दौड़ा लिया। किसी ने तरह से उसने जान बचाई।