इन्होंने लड़कर दिलवाया अधिकार नहीं तो ब्रिटेन में महिलाएं नहीं कर सकती थीं मतदान
हौसले काफी बुलंदएमिली वाइल्डिंग डेविसन का जन्म दक्षिण-पूर्वी लंदन के ग्रीनविच रॉक्सबर्ग हाउस में हुआ था। इनके पिता मर्चेंट से रिटायर थे।यह एक मिडिल क्लास फैमिली को बिलॉन्ग करने वाली थी लेकिन इनके हौसले काफी बुलंद थे। वह बचपन से ही समाज के लिए कुछ अलग करने की चाहत रखती थीं। काफी सहना पड़ाएमिली डेविसन यूनाइटेड किंगडम में 1906 में में महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ से जुड़ीं थीं। यह महिला हितों के लिए आगे रहीं। इन्होंने बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में महिलाओं को ब्रिटेन में वोट का अधिकार दिलाने के लिए खूब संघर्ष्ा किया। इसके लिए इन्हें काफी कुछ सहना पड़ा। नौ बार गिरफ्तार
एमिली डेविसन को इसके लिए कई आंदोलन भी करने पड़े। इस दौरान इन्हें नौ बार गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके अलावा वह एक कई बार भूख हड़ताल पर भी बैठीं थीं। इसका सबसे बड़ा उदारहण ये है कि एमिली वाइल्डिंग डेविसन को 101 बार जबरदस्ती खाना खिलाया गया था।
1913 में एक बार वह महिलाओं के मतदान अधिकार वाले आंदोलन में तेजी से बढ़ते हुए वह राजा जार्ज पंचम के घोड़े के सामने आ गईं। 8 जून को उनकी मौत हो गई थीं। ऐसे में 14 जून को एमिली वाइल्डिंग की अत्योंष्टि के जुलूस में हजारों की संख्या में महिलाओं का हूजूम उमड़ा था। वोट का अधिकारब्रिटेन में महिलाओं को 1928 में मतदान का अधिकार मिल गया। यूनाइटेड किंगडम में एमिली वाइल्डिंग डेविसन के इस कदम को सहादत के रूप में देखा जाता है। एमिली वाइल्डिंग डेविसन को महिलाओं के मतदान अधिकार के लिए लड़ने की वजह से सफरजेट नाम से भी पुकारा जाता है।
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