मांगों पर 'खेल' से आइवीआरआइ में बरपा हंगामा
-25 दिन से प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने मैदान में पहुंचकर रुकवाया उद्घाटन
-मार्च पास्ट रुकवाकर ट्रैक पर ही धरने पर बैठे, प्रधान वैज्ञानिक के खिलाफ नारेबाजी बरेली: 25 दिन से धरना दे रहे भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइसीएआर) के कर्मचारी मंडे को मुख्यालय के रवैये पर उबल पड़े। उनकी मांगों पर विचार के बजाय अफसर आइसीएआर की अंतरक्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन में लगे थे। यह देख कर्मचारी समारोह में पहुंच गए और मार्च पास्ट रुकवाकर धरने पर बैठ गए। अधिकारियों ने समझाया तो कई बार झड़प और नारेबाजी हुई, फिर भी कर्मचारी अड़े रहे। शाम तक खेल नहीं होने दिए। इसलिए उतरे मैदान मेंआइसीएआर के देश भर के 108 संस्थानों और 683 कृषि विज्ञान केंद्र हैं। इन सभी के कर्मचारी अपनी सात सूत्रीय मांगें पूरी कराने को एकत्र होकर एक फरवरी से संस्थानों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। शहर में स्थित आइवीआरआइ और आइसीएआर के कर्मचारी भी धरने पर हैं। इनकी मांगों पर अब तक कोई विचार नहीं हुआ है। उधर, संस्थान चार दिवसीय खेल प्रतियोगिता की मेजबानी में जुटा है। इसी उपेक्षा के चलते कर्मचारी खेल मैदान में पहुंचे।
दो बार चला समझाने का दौरउद्घाटन समारोह में खेल रुकने पर संस्थान प्रशासन और कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासनिक ब्लॉक में वार्ता शुरू हुई। कर्मचारियों ने बात रखी कि प्रदर्शन के बावजूद खेल क्यों हो। खिलाडि़यों के काली पट्टी बांधकर खेलने के सुझाव पर बात नहीं बनी।
बेइज्जती पर गर्माया माहौल, हुई नारेबाजी सुलह के लिए कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने कर्मचारी नेता से अलग कमरे में बातचीत की। वार्ता से लौटे कर्मचारी नेता ने आरोप लगाया कि उन्हें खरीदने की पेशकश हुई। मना किया तो बेइज्जती कर भगा दिया। इस पर बिफरे कर्मचारी एचओडी बने प्रधान वैज्ञानिक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन में निदेशक दफ्तर तक पहुंचे। घुसने की कोशिश की। हालांकि निदेशक तब नहीं थे। कर्मचारी वहीं धरने पर बैठे। यह हैं मांगें -यूनियन कैबिनेट के निर्णय के अनुसार कैडर यूनिफिकेशन -प्रशासनिक और कुशल सह कर्मचारी वर्ग का कैडर रिव्यू -पिछले तीन से रुके बोनस की बहाली -प्रशासनिक वर्ग के लिए समान वेतनमान -सुंदरम कमेटी की सिफारिशें लागू करना। -डीपीएल कर्मचारियों को स्थाई करना। वर्जन खेल प्रतियोगिता रोकने के बाद मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारी हरकत में आए हैं। कर्मचारी परिषद खेल कराने के लिए तैयार नहीं हुआ है। मंगलवार को स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। -शैलेंद्र शाह, सचिव, संस्थान संयुक्त कर्मचारी परिषद