- पचास हजार से अधिक लोग नाले की बाउंड्री तोड़कर रह रहे हैं

- मवेशी खाना से लेकर कई घर नाले को पाटकर आ चुका है आगे

- दोनों तरफ की सड़कों को ऊंचा कर और नाले की हालत होने वाली है खराब

PATNA : सैदपुर नाला के दोनों तरफ से इंक्रोचमेंट किया जा रहा है। दस सालों में इसकी रफ्तार और भी बढ़ती जा रही है। इस पर कंट्रोल अभी न तो नगर निगम और न ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से किया जा रहा है। यह आबादी नाले को पाटते हुए आगे तक आ गयी है। घर का नाला और कचरा इसी नाला में फेंका जा रहा है। इसके अलावा मुश्किल यह है कि सैदपुर नाला के दोनों तरफ की आबादी द्वारा हर दिन पचास मीट्रिक टन का कचरा इसमें फेंका जाता है, लेकिन इस पर किसी का ध्यान अब तक नहीं आ पाया है। म्भ् सालों से लगातार इस नाले की सफाई पर जितना काम नहीं किया गया उससे अधिक इसको डैमेज करने की दिशा में काम हुआ। इसी का नतीजा है कि पांच किमी का यह नाला कई जगह ऊंचा तो कई जगह नीचा होने की वजह से इसमें पानी का ठहराव बना रहता है। उसी ठहराव की वजह से सिल्ट जमा हो जा रहा है, जिसकी सजा बारिश के दिनों में राजेंद्र नगर और आसपास के लोगों को भुगतनी पड़ रही है।

बेतरतीब ढंग से सड़क का निर्माण

सैदपुर नाला के दोनों तरफ सड़क में अनियमितता बरतते हुए निर्माण किया जा रहा है। नाले की ऊंचाई के बराबर सड़क का निर्माण हो जाने की वजह से आने वाले दिनों में पानी से लेकर कचरा तक अब आसानी से नाला में गिराया जाएगा। चांई टोला में हो रहे सड़क का निर्माण इसका एग्जांपल है। ख्009 में पीआईएल के बाद भी सड़क तोड़कर बनाने के बदले पुरानी सड़क पर ही डेढ़ फीट की ऊंचाई का सड़क का निर्माण चल रहा है। पीआईएल कर्ता योगेश कुमार ने बताया कि यह कोर्ट की अवमानना है। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और गलत करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं आशुतोष साह ने बताया कि इस वजह से अब आने वाली बारिश में नाला का पानी सड़क के बदले घरों में घुसना शुरू कर देगा।

इन एरिया में नाला की कम हुई चौड़ाई

अजीमाबाद और अलबक्सपुर में इंक्रोचमेंट

सैदपुर नाला जैसे ही शाहंगज एरिया से घुसते हुए अजीमाबाद और अलबक्सपुर की ओर जाता है तो इन दोनों जगहों पर जमकर इंक्रोचमेंट किया गया है। पशु वधशाला से लेकर कई घरों का नाला तक इसमें सिमटता जा रहा है। इससे आगे बढ़ने पर शनिचरा पुल के पास नाला की चौड़ाई तो ठीक है, लेकिन पानी जमा व ठहरा हुआ है जो यह बताता है कि अंदर सिल्ट काफी जमा है।

छोटी पहाड़ी के पास टर्निग गड़बड़

यही नहीं पहाड़ी संप हाउस पहुंचने से पहले छोटी पहाड़ी के पास के नाले की हालत और भी खराब है। एक तो टर्निग सही नहीं है वहीं दोनों तरफ सफाई नहीं होने से नाला की चौड़ाई काफी कम है। कम चौड़ाई होने से पानी का रिसाव धीरे-धीरे होता है। इस वजह से बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। चूंकि पहाड़ी संप हाउस को चलाया नहीं जाता है इसलिए पंप की रफ्तार काफी धीमी रहती है। इस वजह से पूरे नाला पर लगातार प्रेशर बना रहता है।

Posted By: Inextlive