-आर्य नगर व स्वरूप नगर में इनक्रोचमेंट से ट्रैफिक चौपट

- रोड्स पर परमानेंट रहता है ट्रैफिक न्यूसेंस

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KANPUR : सिटी के बहुत से रिहाइशी इलाकों में भी जबरदस्त इनक्रोचमेंट है। कानपुराइट्स के बीच अपने कई लेजर स्पॉट्स व फूड जवाइंट्स के लिए फेमस स्वरूप नगर और आर्य नगर की रोड्स पर भी इनक्रोचमेंट देखने को मिलता है। यानि कि गैरकानूनी तहबाजारी का राज इन पॉश इलाकों में भी है। जहां एक ओर ठेले वालों व दुकानदारों ने रोड्स को घेर कर रखा है। वहीं दूसरी ओर कारों की बेतरतीब पार्किंग से रोड्स घिरी रहती हैं। लापरवाही से पार्किंग किए जाने से सड़कों पर जाम की स्थिति अक्सर बनी रहती है। खासकर सैटरडे ईवनिंग और संडे के दिन, जब लोग बड़ी संख्या में वीकेंड पर यहां के फूड ज्वाइंट्स पर पहुंचते हैं।

रोड्स पर रहता है कारों का रेला

स्वरूप नगर इलाके की रोड्स पर कारों का रेला लगा रहता है। इस इलाके में परमानेंट ट्रैफिक न्यूसेंस रहता है। इलाके में खाने-पीने की दुकानें बहुत हैं। जो पब्लिक के लिए बनाए गए फुटपाथों को घेरे रहती हैं। इन दुकानों पर आए कस्टमर्स ने रोड्स को अपने वाहनों का पार्किंग प्वाइंट बना लिया है। शाम के समय तो इस इलाके से निकलने का मतलब है कि ट्रैफिक जाम में फंसना ही फंसना है। रोड्स पर कई जगह पक्का निर्माण भी लोगों ने कर लिया है।

ठेले-खोमचों ने रोड्स को लीला

स्वरूप नगर से लेकर आर्य नगर इलाके तक रोड्स के किनारे इनक्रोचमेंट के चलते बुरे हाल में हैं। इस इलाके में पूरे

सड़कों को सब्जी और फलों के ठेले वालों ने लील लिया है। स्वरूप नगर चौराहे से आर्य नगर की ओर बढ़ने पर रोड्स के दोनों ओर सब्जी मंडी व फल मंडी है। ठेले, पान की गुमटियां और उसके बाद वाहनों की पार्किंग की लेयर रोड्स को चलने लायक नहीं छोड़ते। सब्जी व फल वेस्टेज से रोड्स पर गंदगी भी फैलती है। वहीं फुटपाथों पर कई दुकानदारों ने पक्के निर्माण तक करा लिए हैं। यहां के निवासियों के अनुसार कई सालों से न तो यहां पर कोई एंटी-एनक्रोचमेंट अभियान चला है और न कोई चेक करने आता है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इसीलिए बुलंद हैं। केस्को का ट्रांसफार्मर भी रोड पर जबरन कब्जा जमाए हुए है।

पब्लिक वर्जन :

आर्य नगर में रोड्स का इनक्रोचमेंट से बुरा हाल है। यहां से निकलना मुश्किल है। नगर-निगम भी कुछ नहीं करता है।

- मो। इरफान

स्वरूप नगर व आर्य नगर जैसे इलाके में रोड्स पर इनक्रोचमेंट है तो बाकी शहर का क्या होगा। जब तक प्रशासन इन पर सख्ती नहीं करेगा। तब ये समस्या खत्म नहीं होगी।

- शैलेंद्र

Posted By: Inextlive