- विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने किया स्पष्ट

- गैरसैंण के मुद्दे पर भी सदन में हंगामा

देहरादून: राज्य में नजूल भूमि, मलिन बस्तियों और संपर्क मार्गो पर अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया जाएगा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने यह बात स्पष्ट कर दी है। बताया गया कि हाई कोर्ट के निर्देश पर केवल मुख्य मार्गो से ही अतिक्रमण हटाया जा रहा है। नजूल भूमि पर कई वर्षो से बसे लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार संशोधित नजूल नीति ला रही है।

अतिक्रमण के नाम पर मनमानी

शुक्रवार को सदन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 58 के तहत सभी काम रोक कर चर्चा की मांग करते हुए अतिक्रमण के मसले को उठाया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। आरोप लगाए कि अधिकारी अतिक्रमण के नाम पर मनमानी कर रहे हैं। प्रदेश में अभी नजूल भूमि पर हजारों लोग रह रहे हैं। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। विधायक ममता राकेश और फुरकान अहमद ने भी इस मामले में अध्यादेश लाने का अनुरोध किया। सरकार की ओर से जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अवैध अतिक्रमण पर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश पर सार्वजनिक स्थलों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। कहा कि सरकार सदन से सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करती है कि जिस-जिस जिले में यह काम चल रहा है, वहां मुख्य मार्गो व सड़कों पर अलग अभियान नहीं चलाया जाएगा। पहले वे लोगों की समस्या सुनें और फिर इनका निस्तारण भी करें। उन्होंने कहा कि किसी भी कॉलोनी, संपर्क मार्ग पर तोड़फोड़ की कार्यवाही नहीं होगी। जल्द ही सरकार संशोधित नजूल नीति भी लेकर आ रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने सूचना को अग्राह्य कर दिया।

गैरसैंण मुद्दे पर हंगामा, बहिष्कार

सदन में राजधानी गैरसैंण का मुद्दा भी गूंजा। इस मसले पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। कांग्रेस विधायकों ने गैरसैंण में राजधानी के मुद्दे पर सरकार पर रुख साफ न करने का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया। कांग्रेस ने कहा कि गैरसैंण के मामले में सरकार और सत्तारूढ़ दल के बयानों में विरोधाभास से आम जनता में रोष है। राज्य आंदोलन में जन भावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर सरकार को निर्णय लेना चाहिए। जवाब में विधायी व संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार गैरसैंण और भराड़ीसैंण को मिलाकर स्मार्ट सिटी बनाना चाहती है। इसके लिए 700 करोड़ का प्रस्ताव 15वें वित्त आयोग को सौंपा गया है। गैरसैंण में विधान भवन निर्माण और उसे आधुनिक सुविधायुक्त बनाने के फैसले पर सरकार अडिग है। भवन निर्माण व अन्य सुविधाओं के लिए 22 करोड़ अवमुक्त किए जाएंगे। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश के नेतृत्व में सदन का बहिष्कार कर दिया। उधर, शुक्रवार शाम विधानसभा सत्र की कार्यवाही बेमियादी स्थगित कर दी गई।

विशेषाधिकार हनन पर बहस

सदन में विशेषाधिकार हनन के मामले में कांग्रेस व भाजपा के बीच जमकर बहस हुई। इस पर सदन ने इस सूचना का परीक्षण करने के निर्देश दिए। सदन में कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि गन्ना भुगतान के संबंध में सदन को गलत सूचना दी गई। नादेही में गन्ना भुगतान की बात कही गई लेकिन वहां से सूचना आई है कि इसका भुगतान नहीं किया गया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इसे संशोधित वक्तव्य में दे दिया जाएगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के मंत्री सदन में लगातार गलत सूचनाएं दे रहे हैं। इस पर पीठ ने इसका परीक्षण करने के निर्देश दिए। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का प्रश्न नहीं है।

Posted By: Inextlive