हम सभी को बचपन के वो दिन कभी नहीं भूल सकते जब फैमली के संग बाहर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचते तो झिलमिल बत्तियों वाली वेइंग मशीनों की तरफ आकृष्ट हुए बिना नहीं रह पाते थे. फिर हमारी जिद के बाद साथ में खड़े पापा चाचा मम्मी बुआ वगैरह हर कोई एक रुपए का सिक्का डालकर स्लॉट से टिकट बाहर आने का इंतजार करते.


टिकट की ओर हर कोई लपकता था। टिकट पर किसी हीरो-हीरोइन की फोटो के साथ ही ऊपर ‘आपकी यात्रा मंगलमय हो ’ और वजन लिखा होता था। पीछे अक्सर आपका भविष्यफल भी प्रिंट होकर आता था। पर अब स्टेशन वाली वो निराली वेइंग मशीन यादों में ही रह जाएगी। दरअसल रेलवे द्वारा इन मशीनों का मेंटीनेंस करने वाली कंपनियों से भारी-भरकम कमीशन की डिमांड के बाद इन कंपनियों ने मशीनें ही बंद कर दी हैं। ओर अब ये भविष्य में शायद ही चालू हो सकें।

All machines at Kanpur Central Railway Station are defunct
सेंट्रल पर लगी सभी 15 वेट मशीन बंद पड़ी हुई है.  इसमें 10 मशीने नार्दन स्केल कंपनी नई दिल्ली की और 5 मशीने ईस्टर्न स्केल कंपनी कलकत्ता की लगी हुई है। एक दर्जन लोगों का स्टॉफ बेरोजगारी की जिंदगी काटने को मजबूर हो गया है। इन मशीनों से हर महीने करीब 60 हजार रुपए की अर्निंग हो जाती थी.  इसमें रेलवे की 35 परसेंट प्रॉफिट शेयरिंग थी। लेकिन सूत्रों के अनुसार अब रेलवे ने प्रॉफिट शेयरिंग 35 से बढ़ाकर 60 परसेंट की मांग की है। ऐसे में कंपनी का कहना है इससे लॉस उठाना पड़ेगा। क्योंकि मशीनों को चलाने के लिए 20 परसेंट इलेक्ट्रिसिटी चार्ज, 10 परसेंट कमीशन, इम्पलाईज सेलरी और मशीन बिगडऩे पर मेंटीनेंस का खर्च होता है।

Posted By: Inextlive