Varanasi: मैं सबसे माफी मांग रहा हूं खास तौर पर अपनी पत्नी और अपने बेटे से. मुझे पता है कि मेरे से परिवार को बहुत उम्मीदें थीं लेकिन मैं उन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाया. इसलिए ये स्टेप ले रहा हूं. ये उस सुसाइड नोट की कुछ लाइनें हैं जो मंडे को दुर्गाकुंड स्थित शंकरधाम कॉलोनी में सुसाइड करने वाले इंजीनियर सुनील कुमार मिश्र ने अपनी मौत से पहले लिखी थीं. सुनील बैंगलोर में एक प्राइवेट कम्पनी में इंजीनियर थे और इन दिनों पत्नी व बेटे संग अपने घर आये हुए थे.


बैंक में जमा रुपये मिले पत्नी कोसुनील ने अपनी मौत से पहले सुसाइड नोट में ये भी लिखा है कि उसकी मौत के बाद उसके बैंक एकाउंट में जमा रुपये और सारी सेविंग्स के अलावा पूरा फंड उसकी वाइफ पिंकी को दिया जाये। भेलूपुर इंस्पेक्टर विपिन राय के मुताबिक शंकरधाम कॉलोनी के रहने वाले सिंचाई विभाग से रिटायर्ड एसडीओ हरिशंकर मिश्र के तीन बेटों में सुनील सबसे बड़े थे और बैंगलोर में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर थे। सुनील होली के दौरान घर आए थे लेकिन पिता की तबीयत बिगडऩे के कारण उन्होंने ऑफिस को सूचना देकर अपनी लीव को आगे बढ़वा लिया था। घरवालों के मुताबिक रोज की ही तरह वह सोमवार की सुबह भी उठे और नहान घर की सफाई कराने की बात कहकर फिर से अपने कमरे में सोने चले गए। दोपहर में नहीं खुला दरवाजा
दोपहर साढ़े बारह बजे तक सुनील जब कमरे से बाहर नहीं आये तो परिजनों ने उनके रूम का दरवाजा नॉक किया। काफी देर तक डोर पीटने के बाद भी जब अंदर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो परिजनों को डाउट हुआ। तब उन्होंने कमरे की खिड़की का शीशा तोड़ा। शीशा टूटते ही अंदर का सीन देख परिजन शॉक्ड रह गए। कमरे के अंदर सुनील पंखे से दुपट्टे के सहारे लटके हुए थे। ये देख परिजन कमरे का दरवाजा तोड़ अंदर दाखिल हुए और सुनील को फंदे से उतार हॉस्पिटल लेकर भागे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भेलूपुर इंस्पेक्टर ने बताया कि पूछताछ के दौरान घर में किसी विवाद या परेशानी की बात समझ में नहीं आई है।

Posted By: Inextlive