सबको कहा sorry और फिर अलविदा
बैंक में जमा रुपये मिले पत्नी कोसुनील ने अपनी मौत से पहले सुसाइड नोट में ये भी लिखा है कि उसकी मौत के बाद उसके बैंक एकाउंट में जमा रुपये और सारी सेविंग्स के अलावा पूरा फंड उसकी वाइफ पिंकी को दिया जाये। भेलूपुर इंस्पेक्टर विपिन राय के मुताबिक शंकरधाम कॉलोनी के रहने वाले सिंचाई विभाग से रिटायर्ड एसडीओ हरिशंकर मिश्र के तीन बेटों में सुनील सबसे बड़े थे और बैंगलोर में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर थे। सुनील होली के दौरान घर आए थे लेकिन पिता की तबीयत बिगडऩे के कारण उन्होंने ऑफिस को सूचना देकर अपनी लीव को आगे बढ़वा लिया था। घरवालों के मुताबिक रोज की ही तरह वह सोमवार की सुबह भी उठे और नहान घर की सफाई कराने की बात कहकर फिर से अपने कमरे में सोने चले गए। दोपहर में नहीं खुला दरवाजा
दोपहर साढ़े बारह बजे तक सुनील जब कमरे से बाहर नहीं आये तो परिजनों ने उनके रूम का दरवाजा नॉक किया। काफी देर तक डोर पीटने के बाद भी जब अंदर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो परिजनों को डाउट हुआ। तब उन्होंने कमरे की खिड़की का शीशा तोड़ा। शीशा टूटते ही अंदर का सीन देख परिजन शॉक्ड रह गए। कमरे के अंदर सुनील पंखे से दुपट्टे के सहारे लटके हुए थे। ये देख परिजन कमरे का दरवाजा तोड़ अंदर दाखिल हुए और सुनील को फंदे से उतार हॉस्पिटल लेकर भागे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भेलूपुर इंस्पेक्टर ने बताया कि पूछताछ के दौरान घर में किसी विवाद या परेशानी की बात समझ में नहीं आई है।